पटना: जन सुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने पटना में अल्पसंख्यक सम्मेलन किया है. बिहार में 17% से अधिक मुसलमानों की आबादी है, तीन दर्जन विधानसभा सीटों पर मुसलमानों का दबदबा है और उस पर प्रशांत किशोर की भी नजर है. अल्पसंख्यक सम्मेलन के माध्यम से प्रशांत किशोर ने कई दलों की बेचैनी बढ़ा दी है. वहीं जदयू कोटे के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान प्रशांत किशोर का नाम भी सुनना नहीं चाहते हैं. प्रशांत किशोर के अल्पसंख्यक सम्मेलन को लेकर जमा खान का कहना है कि उस पर मैं क्या बोलूं.
प्रशांत किशोर पर क्या बोले जमा खान?: जमा खान ने प्रशांत किशोर पर कुछ भी बोलने से बचते हुये कहा कि किसी का नाम लेकर क्यों सुर्खियों में लाना चाहते हैं. आप नीतीश कुमार के कामकाज को लेकर पूछिए. बिहार में क्या कर रहे हैं किस तरह से उन्होंने बीमार बिहार को विकास के रास्ते पर लाया है, सब जानते हैं. पीके बयान मुसलमान के वोट के लिए ही बिहार के सभी दल काम करते रहे हैं, पर जमा खान ने कहा उनको जल्दी सत्ता में आना है.
"प्रशांत किशोर की बात ही नहीं करनी है मुझे, हमारे नेता ने जो काम किया है जनता सब जानती है. हम अपने नेता के काम पर ही वोट मांगते हैं. मुझे उनके (प्रशांत किशोर) बारे में कुछ नहीं बोलना है."- जमा खान, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री,बिहार
मुसलमानों को लेकर राजनीति!: 2020 विधानसभा चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव में जदयू का एक भी मुस्लिम कैंडिडेट चुनाव नहीं जीत पाया है, इस पर जमा खान ने कहा कि यह हम लोगों के लिए जरूर चुनौती है, लेकिन हमारे नेता ने अल्पसंख्यकों के लिए सबसे ज्यादा काम किया है. हम लोगों को पूरी उम्मीद है कि अल्पसंख्यक वोट करेंगे और जदयू के उम्मीदवार भी जीतेंगे. प्रशांत किशोर अल्पसंख्यक सम्मेलन के बहाने अल्पसंख्यकों को एक विकल्प देने की कोशिश कर रहे हैं, इस पर जमा खान ने कहा कि मुझे उनके बारे में कुछ नहीं बोलना है.
पीके ने क्या कहा था?: प्रशांत किशोर ने 1 सितंबर को ऐलान करते हुए कहा था कि उनकी पार्टी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कम से कम 40 मुसलमान प्रत्याशियों को टिकट देगी. जन सुराज का नेतृत्व करने के लिए एक 25 लोगों की टीम बनेगी जिसमें 4-5 लोग मुस्लिम समाज के होंगे.