शिमला: संजौली में मस्जिद निर्माण पर मामला लगातार गरमाता जा रहा है. इसको लेकर कई संगठन मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने की मांग कर रहे हैं. वहीं सरकार ने भी अब इस मामले पर संज्ञान लिया है.
शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा शिमला के संजौली क्षेत्र में पिछले दो-तीन दिनों से मस्जिद निर्माण का विवाद बनकर उभरा है. उस पर सरकार ने संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा की चौपाल के विधायक बलबीर वर्मा और शिमला शहरी के विधायक हरीश जनारथा ने इस विषय को विधानसभा के अंदर रखा है जिस पर बतौर शहरी विकास मंत्री होने के नाते मैंने सदन में जवाब दिया.
मंत्री ने कहा इस मामले पर पुलिस और सिविल में कार्रवाई अमल में लाई जा रही है. नगर निगम के कोर्ट में बीते 10 सालों से ये मस्जिद निर्माण के केस सुनवाई चल रही है. उन्होंने कहा कि अगर इस दौरान मस्जिद का निर्माण अवैध पाया जाता है तो इस मामले में कानून के हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.
सही तरह से नहीं हो रहा पंजीकरण
विक्रमादित्य सिंह ने कहा हिमाचल प्रदेश देवभूमि है इसलिए आपसी भाईचारा बनाकर रखना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा प्रदेश में धर्मांतरण का कानून भी सबसे पहले कांग्रेस सरकार लेकर आई थी लेकिन यह चिंता का विषय है कि प्रदेश में बाहर के राज्यों से लोग शिमला में रेहड़ी-फड़ी व दुकानें लगाने को आ रहे हैं जिनका पंजीकरण सही तरह से नहीं हो रहा है.
ऐसा भी संशय है कि ये लोग दूसरों की पहचान पर भी कार्य कर रहे हैं जो इन लोगों ने अपने नाम बताए हैं, वे आधार कार्ड के साथ मेल नहीं खाते हैं. यह प्रदेश हित के लिए सही नहीं है. मुख्यमंत्री ने शिमला के एसपी को बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की वेरिफिकेशन करने की सख्त हिदायत दी है.
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