जयपुर : ERCP समझौते की रिपोर्ट सार्वजनिक करने और नाम बदलने को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भजनलाल सरकार पर सवाल उठाए, तो पलटवार के लिए जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत उतर आए. रावत ने कहा कि कांग्रेस को राम के नाम से ही चिढ़ है. राजस्थान और मध्यप्रदेश के मध्य नदी जोड़ो परियोजना में राजस्थान के शब्द से "रा" और मध्यप्रदेश के शब्द से "म" लिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजस्थान की 40 प्रतिशत जनसंख्या को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं.
डोटासरा को 'झूठ का ढोल' करार दिया : रावत ने डोटासरा को 'झूठ का ढोल' करार दिया और कहा कि वह झूठ का प्रचार कर अपनी ही पार्टी की बदनामी कर रहे हैं. रावत के अनुसार, डोटासरा को अपने गिरेबां में झांकना चाहिए कि पिछले कार्यकाल में उनकी अतिवादी मानसिकता के कारण आज कांग्रेस की स्थिति दयनीय है और उपचुनावों में भी जनता ने उन्हें करारी शिकस्त दी है.
जल संसाधन मंत्री ने बताया कि राम जल सेतु लिंक परियोजना से 17 जिलों को वर्ष 2054 तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा. इस परियोजना में 522 एमसीएम पुनर्चक्रित जल सहित कुल 4.102 मिलियन क्यूबिक मीटर जल उपलब्ध हो सकेगा. उन्होंने कहा कि एमओयू होने से कालीसिंध नदी पर 50 प्रतिशत निर्भरता वाले क्षेत्रों को जल मिलेगा. यह दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री सी.आर. पाटिल और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मंशा स्पष्ट है कि पूर्वी राजस्थान की पेयजल और सिंचाई समस्या को दूर किया जाए.
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नदी जोड़ो परियोजना को राष्ट्रीय महत्व : मंत्री सुरेश रावत ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री दिन-रात राजस्थान के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं, जबकि कांग्रेसियों को यह अच्छा नहीं लग रहा है. होटलों से सरकार चलाने वाले ये लोग कभी जनता की भावना को समझ नहीं सकते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 दिसंबर 2024 को इस परियोजना के 10 हजार करोड़ रुपये के कार्यों का शिलान्यास किया है, इसलिए कांग्रेसी झूठ की राजनीति से बाहर आएं और जनता के हित में काम करें.
रावत ने यह भी बताया कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने ERCP को कोई बजट उपलब्ध नहीं कराया था और न ही कोई नया कार्य प्रारंभ किया था. प्रधानमंत्री के प्रयासों से इस परियोजना को मूर्त रूप दिया गया और ERCP परियोजना को भारत सरकार की पीकेसी नदी जोड़ो परियोजना के साथ एकीकृत कर संशोधित किया गया. इस परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की नदी जोड़ो परियोजना का दर्जा दिया गया है. प्रधानमंत्री ने अपना वादा पूरा किया और मध्य प्रदेश, राजस्थान सरकार और भारत सरकार के बीच समझौता ज्ञापन (MOA) कार्यक्रम आयोजित किया.