नई दिल्लीः विवेक विहार बेबी केयर अस्पताल में आग लगने की घटना को चार दिन बीत चुके हैं लेकिन बार-बार फोन मैसेज करने और ई-मेल भेजने के बाद भी स्वास्थ्य सचिव का कोई जवाब नहीं आ रहा है. ये आरोप लगाए हैं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने. उन्होंने गृह सचिव को एक पत्र लिखकर शिकायत की है. इतना ही नहीं सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि मासूम बच्चों की मौत पर भी उपराज्यपाल राजनीति से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे अफसर जो आदेश नहीं मानते हैं. फ्री इलाज, मुफ्त दवा, जनता के काम रोकते हैं. उपराज्यपाल उनका संरक्षण करते हैं. उपराज्यपाल ने ने स्वास्थ्य सचिव के विषय में एक शब्द भी नहीं कहा है.
गृह सचिव को पत्र में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने लिखा है ''दिल्ली के विवेक विहार स्थित एक बेबी केयर सेंटर अस्पताल में आग लगने के कारण सात नवजात बच्चों की मौत हो गई. घटना शनिवार 25 मई 2024 की रात लगभग करीब 11:30 बजे की है. अगली सुबह आग लगने की जानकारी मिलते ही मैंने तुरंत स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार को कई बार फोन किया. व्हाट्सएप पर मैसेज किया कि एक नर्सिंग होम में आग लगने की सूचना मिली है, तुरंत मुझे इस संबंध में समस्त जानकारी उपलब्ध कराई जाएं. लेकिन कोई जवाब प्राप्त नहीं हुआ. मैं खुद अकेले ही घटनास्थल पर परिस्थितियों का जायज़ा लेने पहुंचा. मैं हैरान था कि इतनी बड़ी घटना की जानकारी दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री को मीडिया के माध्यम से मिल रही है. यह बहुत शर्म की बात है, जबकि कायदे में यह जानकारी मुझे तुरंत स्वास्थ्य सचिव के माध्यम से रात ही मिल जानी चाहिए थी. मैने नोट के जरिए से स्वास्थ्य सचिव और मुख्य सचिव को कुछ निर्देश जारी किए. यह नोट मैंने ड्राइवर के माध्यम से स्वास्थ्य सचिव जो कि एशियाड विलेज में रहते हैं, उनके घर भिजवाया परंतु उनके घर पर भी यह नोट लेने से मना कर दिया गया. मैंने ईमेल के माध्यम से भी स्वास्थ्य सचिव और मुख्य सचिव को भेजे बहुत हैरानी की बात है कि उस ई-मेल का भी कोई जवाब स्वास्थ्य सचिव की ओर से नहीं मिला.''
सौरभ भारद्वाज ने पत्र में लिखा है कि 27 मई 2024 को मैंने अपने कार्यालय में बैठक बुलाई. जिसके अंदर मैंने स्वास्थ्य सचिव को और अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को निमंत्रण भेजा. उस मीटिंग में भी स्वास्थ्य सचिव नहीं आए. मैंने विशेष सचिव से इस संबंध में पूछा तो मुझे बताया गया कि स्वास्थ्य सचिव छुट्टी पर हैं. मैं हैरान हूं की एक मंत्री होने के नाते मुझे स्वास्थ्य सचिव की ओर से कोई भी छुट्टी का आवेदन नहीं मिला. जिस पर मैंने उनकी छुट्टी मंजूर की हो. बिना मंजूरी के छुट्टी पर गए हुए स्वास्थ्य सचिव ने यह भी जरूरी नहीं समझा कि वह मंत्री को बता दें कि वह छुट्टी पर हैं.
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