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DDA ने अमीरों के फॉर्म हाउस को बचाने के लिए बिना परमिशन काट दिए पेड़, मंत्री सौरभ भारद्वाज का बड़ा आरोप - 1100 Trees Cut in Delhi

दिल्ली के रिज एरिया के पेड़ों के काटने का मामला गर्म है. इस मामले पर रोज दिल्ली सरकार के मंत्री एलजी पर निशाना साध रहे हैं. गुरुवार को मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी और डीडीए पर बड़ा आरोप लगाया.

शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज
शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 11, 2024, 9:27 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के रिज क्षेत्र में अवैध रूप से काटे गए 1100 पेड़ों के मामले में गुरुवार को शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने डीडीए पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा के एलजी साहब की डीडीए ने अमीरों के फॉर्म हाउसों को बचाने के लिए बिना परमिशन के सैकड़ों पेड़ों की आहूति दे दी. जबकि, यहां बिना सुप्रीम कोर्ट की इजाज़त के एक भी पेड़ नहीं काटे जा सकते.

उन्होंने बताया कि दिल्ली में किसी भी ट्रांसपोर्ट, सड़क या फ्लाईओवर के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए यूटीपेक की मंजूरी जरूरी होती है. यूटीपेक तय करता है कि कौन सी सड़क कहां और कैसे बनेगी. यूटीपेक की मीटिंग में प्रोजेक्ट अप्रूव हुआ. जिसमें शुरू में गौशाला सड़क को उल्टे हाथ चौड़ा करने की मंजूरी दी गई, लेकिन सड़क को सीधे हाथ चौड़ा किया गया है. यूटीपेक के नक्शे में सीधे हाथ रिज क्षेत्र के पेड़ हैं, जबकि उल्टे हाथ लगातार फॉर्महाउस बने हैं. इन फॉर्म हाउसों को बचाने के लिए ही दूसरी तरफ स्थित पेड़ों को अवैध तरीके से काट दिया गया.

मंत्री भारद्वाज ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली के ईको सेंसिटिव जोन, असोला भाटी सेंचुरी (जिसे सुप्रीम कोर्ट ‘लंग ऑफ दिल्ली’ कहता है और जहां एक भी पेड़ सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं काटा जा सकता.) में डीडीए ने गैरकानूनी तरीके से 1100 पेड़ काट दिए. सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए के वाइस चेयरमैन से पूछा है कि क्या एलजी वीके सक्सेना 3 फरवरी को रिज एरिया में गए थे. मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि एलजी वहां 3 फरवरी को गए थे और इसके अलावा भी वो कई बार रिज एरिया का दौरा कर चुके हैं.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को फटकार लगाई, बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का दिया प्रस्ताव

भारद्वाज ने कहा कि यूटीपेक (यूनीफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सेंटर) में डीडीए के वाइस चेयरमैन सदस्य हैं और दिल्ली के एलजी यूटीपेक के चेयरमैन हैं. मई 2022 में वीके सक्सेना को दिल्ली का एलजी बनाया गया. जबकि, 26 अप्रैल 2022 को यूटीपेक की गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस गौशाला सड़क का नक्शा अप्रूव हुआ. इसमें इस गौशाला सड़क को शुरू में उल्टे हाथ पर चौड़ा करने के लिए मंजूरी दी गई थी, लेकिन अब इसे पूरी तरह सीधे हाथ पर चौड़ा किया गया है. इससे साफ है कि असल में नक्शे के विपरीत रिज एरिया के पेड़ों को काटकर सड़क चौड़ा किया गया है.

भारद्वाज ने कहा कि यह बहुत गंभीर विषय है. सब कुछ जानते हुए भी पेड़ों को काटने का निर्णय लिया गया. यूटीपेक द्वारा अप्रूव्ड प्रोजेक्ट को भी बदला गया और पेड़ों की आहूति दी गई. डीडीए पर बहुत गंभीर आरोप हैं. एलजी वहां खुद कई बार गए और कोई भी व्यक्ति वहां जाएगा तो उसे साफ दिखेगा कि एक तरफ केवल फार्म हाउस हैं और दूसरी तरफ रिज एरिया के पेड़ हैं. वहां लोगों की आबादी बहुत कम है. फार्म हाउस की कुछ जमीन लेने के बाद भी वहां इतनी जमीन बच जाएगी कि उन फार्म हाउसों में आराम से लोग रह सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः आखिर क्यों काटे गए 1100 पेड़, किसका हुआ फायदा; जानिए इसके बारे में सब कुछ

नई दिल्ली: दिल्ली के रिज क्षेत्र में अवैध रूप से काटे गए 1100 पेड़ों के मामले में गुरुवार को शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने डीडीए पर गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा के एलजी साहब की डीडीए ने अमीरों के फॉर्म हाउसों को बचाने के लिए बिना परमिशन के सैकड़ों पेड़ों की आहूति दे दी. जबकि, यहां बिना सुप्रीम कोर्ट की इजाज़त के एक भी पेड़ नहीं काटे जा सकते.

उन्होंने बताया कि दिल्ली में किसी भी ट्रांसपोर्ट, सड़क या फ्लाईओवर के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए यूटीपेक की मंजूरी जरूरी होती है. यूटीपेक तय करता है कि कौन सी सड़क कहां और कैसे बनेगी. यूटीपेक की मीटिंग में प्रोजेक्ट अप्रूव हुआ. जिसमें शुरू में गौशाला सड़क को उल्टे हाथ चौड़ा करने की मंजूरी दी गई, लेकिन सड़क को सीधे हाथ चौड़ा किया गया है. यूटीपेक के नक्शे में सीधे हाथ रिज क्षेत्र के पेड़ हैं, जबकि उल्टे हाथ लगातार फॉर्महाउस बने हैं. इन फॉर्म हाउसों को बचाने के लिए ही दूसरी तरफ स्थित पेड़ों को अवैध तरीके से काट दिया गया.

मंत्री भारद्वाज ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली के ईको सेंसिटिव जोन, असोला भाटी सेंचुरी (जिसे सुप्रीम कोर्ट ‘लंग ऑफ दिल्ली’ कहता है और जहां एक भी पेड़ सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना नहीं काटा जा सकता.) में डीडीए ने गैरकानूनी तरीके से 1100 पेड़ काट दिए. सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए के वाइस चेयरमैन से पूछा है कि क्या एलजी वीके सक्सेना 3 फरवरी को रिज एरिया में गए थे. मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि एलजी वहां 3 फरवरी को गए थे और इसके अलावा भी वो कई बार रिज एरिया का दौरा कर चुके हैं.

यह भी पढ़ेंः दिल्ली रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए को फटकार लगाई, बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण का दिया प्रस्ताव

भारद्वाज ने कहा कि यूटीपेक (यूनीफाइड ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड इंजीनियरिंग सेंटर) में डीडीए के वाइस चेयरमैन सदस्य हैं और दिल्ली के एलजी यूटीपेक के चेयरमैन हैं. मई 2022 में वीके सक्सेना को दिल्ली का एलजी बनाया गया. जबकि, 26 अप्रैल 2022 को यूटीपेक की गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस गौशाला सड़क का नक्शा अप्रूव हुआ. इसमें इस गौशाला सड़क को शुरू में उल्टे हाथ पर चौड़ा करने के लिए मंजूरी दी गई थी, लेकिन अब इसे पूरी तरह सीधे हाथ पर चौड़ा किया गया है. इससे साफ है कि असल में नक्शे के विपरीत रिज एरिया के पेड़ों को काटकर सड़क चौड़ा किया गया है.

भारद्वाज ने कहा कि यह बहुत गंभीर विषय है. सब कुछ जानते हुए भी पेड़ों को काटने का निर्णय लिया गया. यूटीपेक द्वारा अप्रूव्ड प्रोजेक्ट को भी बदला गया और पेड़ों की आहूति दी गई. डीडीए पर बहुत गंभीर आरोप हैं. एलजी वहां खुद कई बार गए और कोई भी व्यक्ति वहां जाएगा तो उसे साफ दिखेगा कि एक तरफ केवल फार्म हाउस हैं और दूसरी तरफ रिज एरिया के पेड़ हैं. वहां लोगों की आबादी बहुत कम है. फार्म हाउस की कुछ जमीन लेने के बाद भी वहां इतनी जमीन बच जाएगी कि उन फार्म हाउसों में आराम से लोग रह सकते हैं.

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