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DTC बसों की मनमानी: यात्रियों को बस स्टैंड पर करना पड़ता है घंटों इंतजार, ...देखिए ग्राउंड रिपोर्ट - DTC BUS DRIVERS UPDATE

राजधानी दिल्ली में यात्रियों को बस के लिए घंटों करना पड़ रहा है इंतजार, ईटीवी भारत की ग्राउंड ज़ीरो पर पड़ताल

यात्रियों को बस के लिए घंटों करना पड़ रहा है इंतजार
यात्रियों को बस के लिए घंटों करना पड़ रहा है इंतजार (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 31, 2024, 4:18 PM IST

नई दिल्ली: डीटीसी कर्मचारियों का मुद्दा राजधानी दिल्ली में तूल पकड़ता जा रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने राजधानी में बस स्टैंड पर बसों के ना रोकने पर ड्राइवरों और कंडक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी. अब इसको लेकर ईटीवी भारत ने बस स्टैंड पर यात्रियों से बातचीत की. इस दौरान यात्रियों ने बताया कि दिल्ली में बसों की संख्या कम है और उन्हें स्टैंड पर घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ता है, जिसकी तरफ सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) ने हाल ही में बस स्टैंड पर असिस्टेंट ट्रैफिक इंस्पेक्टर की नियुक्ति की थी, ताकि बसों की निगरानी बेहतर हो सके. इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि बस चालक निर्धारित स्थान पर बस रोकें, जिससे यात्रियों को सुविधा हो. खासतौर पर महिलाओं को बसों में चढ़ने-उतरने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को आदेश जारी किया था कि अगर बस चालक और परिचालक बस स्टैंड पर सही जगह बस नहीं रोकते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बस यात्रियों की शिकायतें और समस्याएं: ईटीवी भारत ने इस मुद्दे पर दिल्ली के आईटीओ और अन्य बस स्टैंड पर यात्रियों से बातचीत की. यात्रियों ने बताया कि अधिकांश बस ड्राइवर सही जगह पर बस रोकते हैं, लेकिन बसों की संख्या कम होने के कारण उन्हें लंबे समय तक बस का इंतजार करना पड़ता है. इससे न केवल उनका समय बर्बाद होता है, बल्कि गंतव्य पर पहुंचने में भी देरी होती है.

कई बार एक साथ आती हैं एक ही रूट की कई बसें: बस यात्री जीएन तिवारी और राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि दिल्ली में बसों की संख्या कम हैं. ऐसे में बस स्टैंड पर लंबे समय तक बसों का इंतजार करना पड़ता है. कई बार ऐसा होता है कि एक साथ ही एक ही रूट की कई बसें आगे पीछे ही चलती रहती हैं. आधे घंटे से आईटीओ चौराहे पर आज दोपहर इंतजार करते रहे. लेकिन 419 नंबर बस नहीं आई.

यात्रियों को बस के लिए घंटों करना पड़ रहा है इंतजार (etv bharat)

यात्री मन्नू सिंह ने बताया; ''रात में बसों की सर्विस सबसे खराब है. मैं महिपालपुर नौकरी करने के लिए जाता हूं मैं बस का पास बनवा रखा है लेकिन रात में बस नहीं मिलती है. ऐसे में मेट्रो या अन्य साधन से मुझे घर आना पड़ता है.'' वहीं, नईमुनिशा ने कहा कि सुबह ऑफिस के वक्त बसों की संख्या रूट पर अधिक होती है, लेकिन दोपहर में बसों की संख्या कम हो जाती है. ऐसे में यात्रियों को परेशानी होती है.

बेबी गुप्ता ने बताया कि दिल्ली के आरटीओ चौराहे से 419 नंबर की बस बहुत देरी से आती है. जबकि यात्री दीप्ति ने कहा कि बस चालक सही जगह पर बस रोकते हैं लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि निजामुद्दीन इलाके में एडवराइजमेंट करने वाले लोग बसों में घुस जाते हैं, जिसकी वजह से असुविधा होती है. इसके साथ ही बसों की संख्या कम होने से कई बार लंबे समय तक बसों का इंतजार करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें:

  1. फिर थमेंगी DTC की बसें!, 41 लाख यात्रियों की बढ़ सकती है मुसीबत, कर्मचारियों ने दिया दिल्ली सरकार को अल्टीमेटम
  2. DTC बस मार्शलों की बहाली पर सियासी बवाल, जानिए क्या है समाधान की संभावनाएं
  3. 'भूल से भी ना करें ये गलती, नहीं तो होंगे सस्पेंड'; DTC ड्राइवर-कंडक्टर को CM आतिशी की चेतावनी

दिल्ली में बसों की कमी बनी बड़ी चुनौती: दिल्ली में इस समय 7,454 बसें चल रही हैं, जिनमें से 2,002 इलेक्ट्रिक बसें हैं. दिल्ली सरकार ने 2025 के अंत तक 10,480 नई बसें सड़कों पर उतारने का लक्ष्य रखा था, जिनमें 80 प्रतिशत बसें इलेक्ट्रिक होंगी. लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने में आम आदमी पार्टी शासिक आतिशी सरकार काफी पीछे है.

एक्सपायर हो चुकी है सीएनजी बसें: डीटीसी के मौजूदा बेड़े में करीब 90 प्रतिशत सीएनजी बसें ओवरएज हो चुकी हैं और इन्हें विशेष अनुमति के तहत चलाया जा रहा है. इनमें से कई बसें रोजाना खराब हो जाती है, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है. दिल्ली सरकार के लिए पुराने बस बेड़े को बदलना और नई बसों की संख्या बढ़ाना बड़ी चुनौती है. बढ़ती जनसंख्या और सार्वजनिक परिवहन की मांग को देखते हुए बसों की संख्या बढ़ाने और उनकी स्थिति सुधारने की आवश्यकता है. ऐसे में यात्रियों की समस्याओं को कम करने के लिए सरकार को जल्द से जल्द अपने लक्ष्यों को पूरा करने पर जोर देना होगा.

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नई दिल्ली: डीटीसी कर्मचारियों का मुद्दा राजधानी दिल्ली में तूल पकड़ता जा रहा है. इसी कड़ी में सोमवार को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने राजधानी में बस स्टैंड पर बसों के ना रोकने पर ड्राइवरों और कंडक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी. अब इसको लेकर ईटीवी भारत ने बस स्टैंड पर यात्रियों से बातचीत की. इस दौरान यात्रियों ने बताया कि दिल्ली में बसों की संख्या कम है और उन्हें स्टैंड पर घंटों तक बसों का इंतजार करना पड़ता है, जिसकी तरफ सरकार ध्यान नहीं दे रही है.

दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) ने हाल ही में बस स्टैंड पर असिस्टेंट ट्रैफिक इंस्पेक्टर की नियुक्ति की थी, ताकि बसों की निगरानी बेहतर हो सके. इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि बस चालक निर्धारित स्थान पर बस रोकें, जिससे यात्रियों को सुविधा हो. खासतौर पर महिलाओं को बसों में चढ़ने-उतरने में परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार को आदेश जारी किया था कि अगर बस चालक और परिचालक बस स्टैंड पर सही जगह बस नहीं रोकते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

बस यात्रियों की शिकायतें और समस्याएं: ईटीवी भारत ने इस मुद्दे पर दिल्ली के आईटीओ और अन्य बस स्टैंड पर यात्रियों से बातचीत की. यात्रियों ने बताया कि अधिकांश बस ड्राइवर सही जगह पर बस रोकते हैं, लेकिन बसों की संख्या कम होने के कारण उन्हें लंबे समय तक बस का इंतजार करना पड़ता है. इससे न केवल उनका समय बर्बाद होता है, बल्कि गंतव्य पर पहुंचने में भी देरी होती है.

कई बार एक साथ आती हैं एक ही रूट की कई बसें: बस यात्री जीएन तिवारी और राजेश कुमार शर्मा ने बताया कि दिल्ली में बसों की संख्या कम हैं. ऐसे में बस स्टैंड पर लंबे समय तक बसों का इंतजार करना पड़ता है. कई बार ऐसा होता है कि एक साथ ही एक ही रूट की कई बसें आगे पीछे ही चलती रहती हैं. आधे घंटे से आईटीओ चौराहे पर आज दोपहर इंतजार करते रहे. लेकिन 419 नंबर बस नहीं आई.

यात्रियों को बस के लिए घंटों करना पड़ रहा है इंतजार (etv bharat)

यात्री मन्नू सिंह ने बताया; ''रात में बसों की सर्विस सबसे खराब है. मैं महिपालपुर नौकरी करने के लिए जाता हूं मैं बस का पास बनवा रखा है लेकिन रात में बस नहीं मिलती है. ऐसे में मेट्रो या अन्य साधन से मुझे घर आना पड़ता है.'' वहीं, नईमुनिशा ने कहा कि सुबह ऑफिस के वक्त बसों की संख्या रूट पर अधिक होती है, लेकिन दोपहर में बसों की संख्या कम हो जाती है. ऐसे में यात्रियों को परेशानी होती है.

बेबी गुप्ता ने बताया कि दिल्ली के आरटीओ चौराहे से 419 नंबर की बस बहुत देरी से आती है. जबकि यात्री दीप्ति ने कहा कि बस चालक सही जगह पर बस रोकते हैं लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि निजामुद्दीन इलाके में एडवराइजमेंट करने वाले लोग बसों में घुस जाते हैं, जिसकी वजह से असुविधा होती है. इसके साथ ही बसों की संख्या कम होने से कई बार लंबे समय तक बसों का इंतजार करना पड़ता है.

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दिल्ली में बसों की कमी बनी बड़ी चुनौती: दिल्ली में इस समय 7,454 बसें चल रही हैं, जिनमें से 2,002 इलेक्ट्रिक बसें हैं. दिल्ली सरकार ने 2025 के अंत तक 10,480 नई बसें सड़कों पर उतारने का लक्ष्य रखा था, जिनमें 80 प्रतिशत बसें इलेक्ट्रिक होंगी. लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने में आम आदमी पार्टी शासिक आतिशी सरकार काफी पीछे है.

एक्सपायर हो चुकी है सीएनजी बसें: डीटीसी के मौजूदा बेड़े में करीब 90 प्रतिशत सीएनजी बसें ओवरएज हो चुकी हैं और इन्हें विशेष अनुमति के तहत चलाया जा रहा है. इनमें से कई बसें रोजाना खराब हो जाती है, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है. दिल्ली सरकार के लिए पुराने बस बेड़े को बदलना और नई बसों की संख्या बढ़ाना बड़ी चुनौती है. बढ़ती जनसंख्या और सार्वजनिक परिवहन की मांग को देखते हुए बसों की संख्या बढ़ाने और उनकी स्थिति सुधारने की आवश्यकता है. ऐसे में यात्रियों की समस्याओं को कम करने के लिए सरकार को जल्द से जल्द अपने लक्ष्यों को पूरा करने पर जोर देना होगा.

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