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खाद्य विभाग की योजनाओं की लेटलतीफी पर नाराज हुईं मंत्री, जिम्मेदार अफसर को सस्पेंड करने की दी धमकी - Uttarakhand Food Department

Uttarakhand Food Department मंत्री रेखा आर्य ने देहरादून विधानसभा में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में कई योजनाओं की लेटलतीफी सामने आई. जिस पर मंत्री काफी नाराज हुईं.

Uttarakhand Food Department
खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक हुई (PHOTO- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 23, 2024, 4:26 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड सरकार खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के जरिए तमाम योजनाएं संचालित कर रही है. ताकि राशन कार्ड धारकों को योजनाओं का लाभ मिल सके. योजनाओं में पारदर्शिता हो, इसके लिए विभाग ने तमाम प्रस्ताव तैयार किए हैं, लेकिन वो प्रस्ताव तय समय पर धरातल पर नहीं उतर पा रहे हैं. इसके चलते मंत्री रेखा आर्य ने अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जो भी प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं, उनको तय समय के भीतर धरातल पर उतारा जाए.

मंत्री रेखा आर्य ने सोमवार को खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान चर्चा की गयी कि राशन गोदामों को स्मार्ट स्टोरेज या हाईटेक स्टोरेज के रूप में अपग्रेड का प्लान तैयार किया जाएगा. जिसमें तकनीकी का इस्तेमाल करने के लिए सिस्टम को डेवलप किया जाएगा. ताकि शासन से ही राशन गोदामों की भी मॉनिटरिंग की जा सके. मंत्री ने कहा कि प्रदेश के करीब 36 गोदामों की स्थिति बहुत बेकार है. जहां पर बेढंगे तरीके से राशन रखे गए हैं. जिसको ठीक करने की जरूरत है.

खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक (Video- ETV Bharat)

सब्सिडी पर चीनी के लिए प्रस्ताव: बैठक के दौरान, राशन गाड़ियों में जीपीएस लगाने का मामला सामने आया. जिस पर मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि राशन की सप्लाई में जिन गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है, उन सभी गाड़ियों में जीपीएस लगाया जाना चाहिए. क्योंकि भारत सरकार भी इस पर जोर दे रही है. लिहाजा, गाड़ियों में जीपीएस लगाने की प्रक्रिया के लिए समय सीमा भी निर्धारित की जाए. बैठक के दौरान राशन कार्ड धारकों को सब्सिडी पर चीनी दिए जाने को लेकर भी चर्चा की गई. ऐसे में विभाग सब्सिडी पर चीनी दिए जाने को लेकर भी प्रस्ताव तैयार करेगा.

उत्तराखंड में 23 लाख राशन कार्ड धारक: उत्तराखंड में राशन कार्ड धारकों को डिजिटल सत्यापन के जरिए राशन दिया जा रहा है. मौजूदा स्थिति यह है कि प्रदेश में मौजूद कुल 23 लाख राशन कार्ड धारकों में एवरेज 94 फीसदी राशन कार्ड धारक राशन ले रहे हैं. जिसमे से 92 फीसदी कार्ड धारकों को डिजिटल सत्यापन और 2 फीसदी कार्ड धारकों को मैनुअल सत्यापन के बाद राशन दिया जा रहा है. ऐसे में विभाग शत प्रतिशत राशन, वितरण डिजिटल सत्यापन के बाद देने के लिए योजना तैयार कर रहा है. जिसके तहत प्रदेश भर में मौजूदा राशन डीलर्स को डिवाइस दी जाएगी. बैठक के दौरान अधिकारियों के बताया कि राशन डीलर्स को अक्टूबर महीने के पहले हफ्ते से डिवाइस देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. साथ ही दिसंबर पहले हफ्ते से 100 फीसदी राशन का डिस्ट्रीब्यूशन ऑनलाइन हो जाएगा.

मंत्री ने दी चेतावनी: जिस पर मंत्री रेखा आर्य ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि अगर दिसंबर के पहले हफ्ते में शत प्रतिशत राशन का वितरण ऑनलाइन नहीं होता है तो जिम्मेदार अधिकारी को सस्पेंड कर दिया जाएगा. साथ ही राशन वितरण डीलरों को मिलने वाला लाभांश के सिस्टम को भी डिजिटल किया जाए. ये सभी कार्य समयबद्ध तरीके से किए जाएं. साथ ही मंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान तमाम चीजें सामने आती हैं. लेकिन उसका इंप्लीमेंटेशन होने में बहुत समय लग जाता है.

अधिकारियों ने दिया तर्क: भारत सरकार डोरस्टेप डिलीवरी पर जोर दे रही है. ताकि राशन गोदामों से राशन को सीधे वितरण केंद्र पहुंचाया जाए. लेकिन प्रदेश में तमाम जगहों पर ये प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. जिस व्यवस्था पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में ये प्रक्रिया धरातल पर नहीं उतर पाई है, वहां पर मानकों में थोड़ी राहत देते हुए प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा. हालांकि, अधिकारियों ने तर्क दिया कि टेंडर निकलने के बावजूद लोग काम करने के इच्छुक नहीं हैं, जिसके चलते इस प्रक्रिया में लेट हो रही है.

हिमाचल की राशन दुकानों की तर्ज पर तैयार होगा प्रस्ताव: उत्तराखंड सरकार प्रदेश के कार्ड धारकों को गेहूं, चावल और नमक के साथ ही एक राशन किट देने पर जोर दे रही है. जिसको लेकर बैठक में चर्चा की गई. बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश में राशन की दुकानों पर कार्ड धारकों को क्या-क्या सामान दिए जा रहे हैं? उसका अध्ययन करने के बाद विभाग प्रस्ताव तैयार करेगा. मुख्य रूप से राशन किट में चीनी, चाय पत्ती, तेल समेत सामान्य चीजें जो आमतौर पर घरों में इस्तेमाल होती हैं, उन सभी को शामिल किया जा सकता है.

साल 2023 में 1.20 लाख लोगों को मिला लाभ: मुफ्त गैस रिफिल योजना के तहत बजट जारी न होने पर मंत्री रेखा आर्य ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 25 सितंबर को होने वाले मंत्रिमंडल की बैठक में ये प्रस्ताव रखा जाए. इसके लिए इससे संबंधित फाइल की मूवमेंट को तेज किया जाए. बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में मुफ्त गैस रिफिल योजना से एक लाख 20 हजार लोग लाभान्वित हुए हैं. जबकि प्रदेश में करीब एक लाख 84 हजार लोग इस योजना से जुड़े हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में PDS राशन दुकानों का मॉडर्नाइजेशन शुरू, अन्य राज्यों के लोगों को भी सस्ते में मिलेगा अनाज

देहरादूनः उत्तराखंड सरकार खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के जरिए तमाम योजनाएं संचालित कर रही है. ताकि राशन कार्ड धारकों को योजनाओं का लाभ मिल सके. योजनाओं में पारदर्शिता हो, इसके लिए विभाग ने तमाम प्रस्ताव तैयार किए हैं, लेकिन वो प्रस्ताव तय समय पर धरातल पर नहीं उतर पा रहे हैं. इसके चलते मंत्री रेखा आर्य ने अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि जो भी प्रस्ताव बनाए जा रहे हैं, उनको तय समय के भीतर धरातल पर उतारा जाए.

मंत्री रेखा आर्य ने सोमवार को खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक के दौरान चर्चा की गयी कि राशन गोदामों को स्मार्ट स्टोरेज या हाईटेक स्टोरेज के रूप में अपग्रेड का प्लान तैयार किया जाएगा. जिसमें तकनीकी का इस्तेमाल करने के लिए सिस्टम को डेवलप किया जाएगा. ताकि शासन से ही राशन गोदामों की भी मॉनिटरिंग की जा सके. मंत्री ने कहा कि प्रदेश के करीब 36 गोदामों की स्थिति बहुत बेकार है. जहां पर बेढंगे तरीके से राशन रखे गए हैं. जिसको ठीक करने की जरूरत है.

खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा बैठक (Video- ETV Bharat)

सब्सिडी पर चीनी के लिए प्रस्ताव: बैठक के दौरान, राशन गाड़ियों में जीपीएस लगाने का मामला सामने आया. जिस पर मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि राशन की सप्लाई में जिन गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है, उन सभी गाड़ियों में जीपीएस लगाया जाना चाहिए. क्योंकि भारत सरकार भी इस पर जोर दे रही है. लिहाजा, गाड़ियों में जीपीएस लगाने की प्रक्रिया के लिए समय सीमा भी निर्धारित की जाए. बैठक के दौरान राशन कार्ड धारकों को सब्सिडी पर चीनी दिए जाने को लेकर भी चर्चा की गई. ऐसे में विभाग सब्सिडी पर चीनी दिए जाने को लेकर भी प्रस्ताव तैयार करेगा.

उत्तराखंड में 23 लाख राशन कार्ड धारक: उत्तराखंड में राशन कार्ड धारकों को डिजिटल सत्यापन के जरिए राशन दिया जा रहा है. मौजूदा स्थिति यह है कि प्रदेश में मौजूद कुल 23 लाख राशन कार्ड धारकों में एवरेज 94 फीसदी राशन कार्ड धारक राशन ले रहे हैं. जिसमे से 92 फीसदी कार्ड धारकों को डिजिटल सत्यापन और 2 फीसदी कार्ड धारकों को मैनुअल सत्यापन के बाद राशन दिया जा रहा है. ऐसे में विभाग शत प्रतिशत राशन, वितरण डिजिटल सत्यापन के बाद देने के लिए योजना तैयार कर रहा है. जिसके तहत प्रदेश भर में मौजूदा राशन डीलर्स को डिवाइस दी जाएगी. बैठक के दौरान अधिकारियों के बताया कि राशन डीलर्स को अक्टूबर महीने के पहले हफ्ते से डिवाइस देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. साथ ही दिसंबर पहले हफ्ते से 100 फीसदी राशन का डिस्ट्रीब्यूशन ऑनलाइन हो जाएगा.

मंत्री ने दी चेतावनी: जिस पर मंत्री रेखा आर्य ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि अगर दिसंबर के पहले हफ्ते में शत प्रतिशत राशन का वितरण ऑनलाइन नहीं होता है तो जिम्मेदार अधिकारी को सस्पेंड कर दिया जाएगा. साथ ही राशन वितरण डीलरों को मिलने वाला लाभांश के सिस्टम को भी डिजिटल किया जाए. ये सभी कार्य समयबद्ध तरीके से किए जाएं. साथ ही मंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान तमाम चीजें सामने आती हैं. लेकिन उसका इंप्लीमेंटेशन होने में बहुत समय लग जाता है.

अधिकारियों ने दिया तर्क: भारत सरकार डोरस्टेप डिलीवरी पर जोर दे रही है. ताकि राशन गोदामों से राशन को सीधे वितरण केंद्र पहुंचाया जाए. लेकिन प्रदेश में तमाम जगहों पर ये प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है. जिस व्यवस्था पर मंत्री ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जिन क्षेत्रों में ये प्रक्रिया धरातल पर नहीं उतर पाई है, वहां पर मानकों में थोड़ी राहत देते हुए प्रक्रिया को शुरू किया जाएगा. हालांकि, अधिकारियों ने तर्क दिया कि टेंडर निकलने के बावजूद लोग काम करने के इच्छुक नहीं हैं, जिसके चलते इस प्रक्रिया में लेट हो रही है.

हिमाचल की राशन दुकानों की तर्ज पर तैयार होगा प्रस्ताव: उत्तराखंड सरकार प्रदेश के कार्ड धारकों को गेहूं, चावल और नमक के साथ ही एक राशन किट देने पर जोर दे रही है. जिसको लेकर बैठक में चर्चा की गई. बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि हिमाचल प्रदेश में राशन की दुकानों पर कार्ड धारकों को क्या-क्या सामान दिए जा रहे हैं? उसका अध्ययन करने के बाद विभाग प्रस्ताव तैयार करेगा. मुख्य रूप से राशन किट में चीनी, चाय पत्ती, तेल समेत सामान्य चीजें जो आमतौर पर घरों में इस्तेमाल होती हैं, उन सभी को शामिल किया जा सकता है.

साल 2023 में 1.20 लाख लोगों को मिला लाभ: मुफ्त गैस रिफिल योजना के तहत बजट जारी न होने पर मंत्री रेखा आर्य ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि 25 सितंबर को होने वाले मंत्रिमंडल की बैठक में ये प्रस्ताव रखा जाए. इसके लिए इससे संबंधित फाइल की मूवमेंट को तेज किया जाए. बैठक के दौरान अधिकारियों ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में मुफ्त गैस रिफिल योजना से एक लाख 20 हजार लोग लाभान्वित हुए हैं. जबकि प्रदेश में करीब एक लाख 84 हजार लोग इस योजना से जुड़े हुए हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में PDS राशन दुकानों का मॉडर्नाइजेशन शुरू, अन्य राज्यों के लोगों को भी सस्ते में मिलेगा अनाज

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