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स्कूलों में हिजाब पर विवाद: गृह राज्य मंत्री बोले- यह ऊटपटांग, कल कोई थानेदार लूंगी पहनकर जनता के बीच चला जाएगा

राजस्थान में स्कूलों में हिजाब को लेकर राजनीतिक बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने इसे ऊटपटांग बताते हुए कहा कि कल को कोई थानेदार लूंगी पहनकर जनता के चला जाएगा तो क्या होगा?

Minister of State for Home Jawahar Singh
Minister of State for Home Jawahar Singh
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 30, 2024, 3:20 PM IST

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम.

जयपुर. राजस्थान में स्कूलों में हिजाब को लेकर दो दिन से जारी राजनीतिक बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रहा है. गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने इसे ऊटपटांग बताया और कहा कि कल को कोई थानेदार तहमत (लूंगी) पहनकर जनता के बीच जाए और कहे कि इसमें क्या बुराई है, तो यह गलत है.

मीडिया से बातचीत में जब जवाहर सिंह बेढम को हिजाब को लेकर सवाल पूछा गया तो वे बोले, हम जब स्कूल में पढ़ते थे तो भी ड्रेस कोड होता था. सरकार के इस संबंध में समय-समय पर दिशा निर्देश भी दिए हैं. प्रदेश की स्कूलों में शिक्षा विभाग ने ड्रेस कोड निर्धारित किया हुआ है. इसी ड्रेस कोड में विद्यार्थियों को स्कूल आने की अनुमति होनी चाहिए. सरकार खुद जरूरतमंद बच्चों को ड्रेस बांटती है. किसी भी तरह की दूसरी ऊटपटांग ड्रेस में छात्र नहीं आए.

पढ़ें. हिजाब विवाद बरकरार ! भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य बोले - हमारे बच्चे भी अगर लहंगा-चुन्नी पहनकर स्कूल आएंगे तो...

शिक्षा का मंदिर है स्कूल : जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि स्कूल शिक्षा का मंदिर है. शिक्षा के मंदिर में विद्यार्थी ड्रेस कोड में आएं तो वह अनुशासन सीखेंगे और गुरुजनों का आदर करेंगे. उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड लागू होना चाहिए. कल को कोई थानेदार तहमत (लूंगी) बांधकर जनता के बीच में चला जाए तो कोई यह कहेगा कि इसमें क्या बुराई है? थानेदार काम तो कर ही रहा है, यह गलत है.

ईआरसीपी पर कांग्रेस बैकफुट पर : जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि ईआरसीपी पर कांग्रेस बैकफुट पर है. पांच साल जब उनकी सरकार थी तो वे केवल चिल्लाते रहे. एक कदम आगे नहीं बढ़ाया. भारत सरकार ने बार-बार तब की प्रदेश सरकार को कहा कि केंद्रीय जल आयोग के नियमों के मुताबिक आएं, लेकिन तब की सरकार ने अधिकारी तक नहीं भेजे. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री जयपुर आए तो मुख्यमंत्री बैठक में ही नहीं पहुंचे. इससे जाहिर है कि उनकी ईआरसीपी को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं थी. हमने डेढ़ महीने में समझौता किया और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करेंगे.

कांग्रेस सरकार के समय बना ऐसा माहौल : वहीं, हवामहल विधायक महंत बालमुकुंद आचार्य ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि स्कूल में ड्रेस कोड होना चाहिए. दो ड्रेस कोड क्यों हैं? बुर्के और हिजाब में बच्चियां स्कूल में पढ़ने आ रही हैं. दूसरी बच्चियों को अलग बैठा रहे हैं. दो लाइन बनाई जा रही है. बीच में रास्ता छोड़ा जा रहा है. ऐसा क्यों? बच्चों में यह गलत भावना क्यों डाल रहे हैं? यह माहौल पिछली सरकार के समय से बना है. हम इस माहौल को खत्म करके दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ रहें, यह चाहते हैं.

गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम.

जयपुर. राजस्थान में स्कूलों में हिजाब को लेकर दो दिन से जारी राजनीतिक बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रहा है. गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने इसे ऊटपटांग बताया और कहा कि कल को कोई थानेदार तहमत (लूंगी) पहनकर जनता के बीच जाए और कहे कि इसमें क्या बुराई है, तो यह गलत है.

मीडिया से बातचीत में जब जवाहर सिंह बेढम को हिजाब को लेकर सवाल पूछा गया तो वे बोले, हम जब स्कूल में पढ़ते थे तो भी ड्रेस कोड होता था. सरकार के इस संबंध में समय-समय पर दिशा निर्देश भी दिए हैं. प्रदेश की स्कूलों में शिक्षा विभाग ने ड्रेस कोड निर्धारित किया हुआ है. इसी ड्रेस कोड में विद्यार्थियों को स्कूल आने की अनुमति होनी चाहिए. सरकार खुद जरूरतमंद बच्चों को ड्रेस बांटती है. किसी भी तरह की दूसरी ऊटपटांग ड्रेस में छात्र नहीं आए.

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शिक्षा का मंदिर है स्कूल : जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि स्कूल शिक्षा का मंदिर है. शिक्षा के मंदिर में विद्यार्थी ड्रेस कोड में आएं तो वह अनुशासन सीखेंगे और गुरुजनों का आदर करेंगे. उन्होंने कहा कि ड्रेस कोड लागू होना चाहिए. कल को कोई थानेदार तहमत (लूंगी) बांधकर जनता के बीच में चला जाए तो कोई यह कहेगा कि इसमें क्या बुराई है? थानेदार काम तो कर ही रहा है, यह गलत है.

ईआरसीपी पर कांग्रेस बैकफुट पर : जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि ईआरसीपी पर कांग्रेस बैकफुट पर है. पांच साल जब उनकी सरकार थी तो वे केवल चिल्लाते रहे. एक कदम आगे नहीं बढ़ाया. भारत सरकार ने बार-बार तब की प्रदेश सरकार को कहा कि केंद्रीय जल आयोग के नियमों के मुताबिक आएं, लेकिन तब की सरकार ने अधिकारी तक नहीं भेजे. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री जयपुर आए तो मुख्यमंत्री बैठक में ही नहीं पहुंचे. इससे जाहिर है कि उनकी ईआरसीपी को लेकर कोई दिलचस्पी नहीं थी. हमने डेढ़ महीने में समझौता किया और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करेंगे.

कांग्रेस सरकार के समय बना ऐसा माहौल : वहीं, हवामहल विधायक महंत बालमुकुंद आचार्य ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि स्कूल में ड्रेस कोड होना चाहिए. दो ड्रेस कोड क्यों हैं? बुर्के और हिजाब में बच्चियां स्कूल में पढ़ने आ रही हैं. दूसरी बच्चियों को अलग बैठा रहे हैं. दो लाइन बनाई जा रही है. बीच में रास्ता छोड़ा जा रहा है. ऐसा क्यों? बच्चों में यह गलत भावना क्यों डाल रहे हैं? यह माहौल पिछली सरकार के समय से बना है. हम इस माहौल को खत्म करके दोनों पक्ष एक दूसरे के साथ रहें, यह चाहते हैं.

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