पटनाः पिता एनडीए में और बेटा चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में शामिल हो गया. इसका कारण है कि एनडीए के घटक दल लोजपा रामविलास से टिकट नहीं मिलना. दरअसल, महेश्वर हजारी अपने बेटे को समस्तीपुर लोकसभा से चुनाव लड़ाना चाहते थे. उन्होंने पिछले माह पूरे परिवार के साथ चिराग पासवान से मुलाकात की थी. लेकिन चिराग पासवान ने महेश्वर हजारी के बेटे को टिकट न देकर जदयू नेता अशोक चौधरी के बेटी शांभवी चौधरी को दे दिया.
कांग्रेस में शामिल हुए सन्नी कुमारः इसके बाद महेश्वर हजारी के बेटे ने सन्नी कुमार शुक्रवार को कांग्रेस में शामिल हो गए. महागठबंधन के घटक दल कांग्रेस को समस्तीपुर सीट मिला है. ऐसे में कांग्रेस सन्नी कुमार को समस्तीपुर से टिकट देकर चुनाव लड़ा सकती है. महेश्वर हजारी के बेटे के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से एक अलग चर्चा शुरू हो गई है. हालांकि महेश्वर हजारी ने सफाई दी है कि वे अपने बेटे के लिए प्रचार नहीं करेंगे.
बेटे के लिए नहीं करेंगे प्रचारः महेश्वर हजारी अभी पटना से बाहर हैं, लेकिन उन्होंने फोन पर बात करते हुए साफ-साफ कहा है कि बेटे के लिए चुनाव प्रचार नहीं करेंगे. एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में ही हम चुनाव प्रचार करेंगे. आपको बता दें कि हेश्वर हजारी के बेटे सन्नी कुमार समस्तीपुर में प्रखंड प्रमुख के पद पर हैं.
"हम मजबूती से जदयू और एनडीए के साथ हैं. सन्नी कुमार को टिकट नहीं मिला तो उसने अपना फैसला लिया है. समस्तीपुर में लोगों का बहुत दबाव था इसलिए उसने कांग्रेस से चुनाव लड़ने का फैसला लिया है." -महेश्वर हजारी, सूचना जनसंपर्क मंत्री, बिहार
जदयू के दो मंत्रियों के बच्चों के बीच मुकाबलाः ऐसे में अब जदयू के दो मंत्रियों के बेटे-बेटी में मुकाबला होने वाला है. दोनों मंत्री जदयू के वरिष्ठ नेता और नीतीश कुमार के चहेते माने जाते हैं. अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी समस्तीपुर से लोजपा(R) के टिकट पर चुनाव लड़ेगी. दरअसल, लोजपा(R) एनडीए का घटक दल है इसलिए अशोक चौधरी बेटे के समर्थन में प्रचार करेंगे. लेकिन महेश्वर हजारी अपने बेटे सन्नी कुमार के लिए प्रचार नहीं कर पाएंगे.
समस्तीपुर से विधायक हैं महेश्वर हजारीः हेश्वर हजारी वर्तमान में बिहार सरकार में मंत्री हैं. समस्तीपुर से एक बार सांसद रह चुके हैं. इसी संसदीय क्षेत्र से लगातार विधायक चुनते आ रहे हैं. महेश्वरी हजारी की इस क्षेत्र में काफी लोकप्रियता है. महेश्वर हजारी के चुनाव प्रचार की कमान उनके बेटे सन्नी कुमार के हाथ में ही रहा है. अब देखना है कि महेश्वर हजारी अपने बेटे के लिए क्या करते हैं?
यह भी पढ़ेंः समस्तीपुर लोकसभा सीट पर अपने बेटे को उतार सकते हैं महेश्वर हजारी, चिराग पासवान से मुलाकात