जयपुर : मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने शुक्रवार को एक बार फिर महेश नगर थानाधिकारी कविता शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मेरी सरकार में मेरे खिलाफ ही मुकदमा दर्ज हो रहा है, लेकिन तमाम गड़बड़ियों के बावजूद महेश नगर थानाधिकारी का बाल भी बांका नहीं हो रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कई बड़े अधिकारी और नेता कविता शर्मा को बचाने में लगे हैं. ऐसे में अब वो पार्टी प्रदेश अध्यक्ष से बात करके उनके नामों का खुलासा करेंगे.
मंत्री मीणा ने कहा कि कानून में यह प्रावधान है कि किसी महिला को रात को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. हिरासत में भी नहीं लिया जा सकता है, लेकिन कविता शर्मा, मंजू शर्मा और अनीता गुर्जर को न सिर्फ गिरफ्तार करने पहुंची, बल्कि गाड़ी में बैठा लिया. इस सदमे के चलते मंजू शर्मा की दादी का निधन हो गया. अपने खिलाफ राजकार्य में बाधा की रिपोर्ट को लेकर उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ एफआईआर किसके इशारे पर दर्ज हुई है. यह तो मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं.
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रात को गिरफ्तारी की सूचना मिली तो गए मौके पर : किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि जनता की आवाज उठाने के कारण पिछले 40 साल से उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. इसी कड़ी में यह मामला भी जुड़ गया. उन्होंने कहा कि थानाधिकारी कविता शर्मा रात में युवती मंजू शर्मा और महिला अनीता गुर्जर को उठाने गई थी, जिसकी जानकारी उन्हें मिली तो उन्होंने पुलिस कमिश्नर और डीसीपी को रात में कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया. थानाधिकारी रुकी नहीं तो उन्हें मौके पर जाना पड़ा.
मुकदमे से नाम हटाने वालों पर भी हो एक्शन : उन्होंने कहा कि कविता शर्मा बड़ी असरदार पुलिस अधिकारी हैं. उनका न तो पिछले राज में बाल बांका हुआ और अब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कविता शर्मा के खिलाफ 2017 में झोटवाड़ा थाने में एक मुकदमा दर्ज हुआ था. बुजुर्ग महिला ने यह मुकदमा दर्ज करवाया था. इसकी जांच हुई और चार्जशीट कोर्ट में पेश होने से पहले ही डीजीपी ने रोक दी. उन्होंने कहा कि बाद में दोबारा जांच के नाम पर कविता शर्मा का नाम इस मुकदमे से हटा दिया गया. जबकि कानूनी रूप से ऐसा नहीं किया जा सकता. जिन अधिकारियों ने ऐसा किया है. उनके खिलाफ भी केस दर्ज होने का मामला बनता है.
डीसीपी कर चुके तबादले की सिफारिश : मंत्री मीणा ने दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि डीसीपी पश्चिम ने इस साल जानवरी में कमिश्नर को पत्र लिखा है. इसमें कई गंभीर मामलों में एफआईआर और कार्रवाई नहीं करने के आरोप हैं. इसी के चलते उन्होंने कविता शर्मा का तबादला जयपुर से बाहर करने और नॉन-फील्ड पोस्टिंग करने की सिफारिश की थी.
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उप सचिव (गृह) के घर चोरी की रिपोर्ट नहीं की दर्ज : चित्रकूट थाने में शासन उप सचिव गृह, मुकेश पारीक के अपने मकान में समान चोरी होने की रिपोर्ट कविता शर्मा को 24 दिसंबर 2023 को थाने पर दी थी. तब कविता शर्मा चित्रकूट थानअधिकारी थी. संज्ञेय अपराध का मामला बनने के बावजूद थानाधिकारी कविता शर्मा ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. ऐसे करीब दस मामले हैं. इसी के चलते डीसीपी ने कमिश्नर को रिपोर्ट देकर कविता शर्मा को निलंबित करने और मुख्यालय जयपुर आयुक्तालय से बाहर करने की अनुशंसा की थी.
कविता शर्मा को बचाने वालों पर भी हो कार्रवाई : उन्होंने कहा कि बीएनएसएस का कानून कहता है कि किसी महिला से पूछताछ उसके निवास स्थान के अलावा किसी दूसरी जगह पर नहीं की जा सकती है. जबकि मंजू शर्मा को वहां से करीब 20 किमी दूर अपहरण कर गाड़ी में ले जाकर यातना दी जा रही थी. इसके बाद वे मौके पर गए थे. उन्होंने कहा, रात के समय में रात के समय महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं की जा सकती और न ही हिरासत में लिया जा सकता है. कविता शर्मा ने इस कानून का भी उल्लंघन किया है. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो और उन्हें बचाने वाले अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई हो.