जयपुर : राजस्थान की चर्चित एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच राज्य के कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने एक बार फिर परीक्षा रद्द करने की मांग उठाकर सियासी हलकों को गरमा दिया है. दरअसल, मीणा जयपुर में मौसम विज्ञान केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए. इस दौरान उन्होंने एसआई भर्ती 2021 को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि जिस एसओजी को भर्ती की जांच सौंपी गई थी, उसी ने इस भर्ती को रद्द करने की सिफारिश कर दी है. पुलिस मुख्यालय, एडवोकेट जनरल और कैबिनेट सब कमेटी ने भी भर्ती रद्द करने की सिफारिश की है. आगे सब मुख्यमंत्री के हाथ में है कि वो कब इसको रद्द करेंगे.
मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि जांच में सामने आ गया है कि एसआई भर्ती का पेपर आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा ने 30 दिन पहले आरपीएससी सदस्य रामूराम राईका को दिया था. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह पेपर कितने लोगों के पास गया होगा. हालांकि, यह जांच का विषय है. आगे उन्होंने कहा कि एसआई भर्ती रद्द होनी चाहिए. हालांकि, जब भर्ती रद्द करने का श्रेय को लेकर सवाल किया गया, तो मंत्री ने कहा कि नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. व्यक्ति विशेष को क्रेडिट मिले या न मिले, यह मामला नहीं है. कोई गहरा सोच विचार हो रहा होगा. लीगल राय ली जा रही होगी कि मानों रद्द कर दें, तो कहीं कोर्ट में जाकर मामला अटक न जाए. इसकी गहन जांच सीएमओ कर रहा होगा.
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बता दें कि एसआई भर्ती को लेकर पिछले दिनों गृह विभाग की ओर से की गई सिफारिश सार्वजनिक हुई थी. उसके बाद ये माना जा रहा था कि भजनलाल कैबिनेट की बैठक में इस भर्ती पर फैसला लिया जाएगा, लेकिन किन्हीं कारणों से इस पर कोई फैसला नहीं हो सका. कैबिनेट की बैठक के बाद मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कैबिनेट बैठक के एजेंडे में यह मुद्दा नहीं था, क्योंकि यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है. इसलिए फिलहाल इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका.
सबको है आंदोलन का अधिकार : 9 नए जिले और 3 संभाग को रद्द करने के बाद हो रहे आंदोलनों को लेकर मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि लोकतंत्र में आंदोलन करने का सभी को अधिकार है. उन्होंने कहा कि सवाई माधोपुर जिला पहले बहुत बड़ा हुआ करता था. उसमें से करौली जिला बना. महुआ को अलग करके दौसा में जोड़ा गया. अब सवाई माधोपुर को कितना छोटा करेंगे. इसलिए मापदंड में, जो फिट था, उसे क्लियर कर दिया. साथ ही जो मापदंड में फिट नहीं था, उनको हटा दिया गया. यही कैबिनेट का फैसला है. चुनाव जीतने की दृष्टि से छोटे-छोटे जिले बना दिए गए. राजनीतिक दृष्टि और चुनाव में फायदा लेने की दृष्टि से कोई काम किया जाए, ये सही नहीं है.