सिरोही. राज्य के कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा शनिवार को सिरोही के माउंट आबू पहुंचे, जहां पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया. वहीं, मौके पर जब मीडिया ने उनसे इस्तीफे को लेकर सवाल किया तो वो खामोश हो गए. साथ ही मुंह पर उंगली रख ली. दरअसल, कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने सरकारी कामों से दूरी बना रखी है. यहां तक कि वो सचिवालय और कृषि भवन भी नहीं जा रहे हैं और न ही सरकारी वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं. यही वजह है कि उनके इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई हैं. इस बीच शनिवार को किरोड़ीलाल मीणा निजी वाहन से माउंट आबू पहुंचे.
वहीं, टोंक-सवाई माधोपुर सहित छह लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों और विधायकों के साथ ही स्थानीय नेताओं को चुनावी नतीजों की समीक्षा के लिए बुलाया गया था, जिसमें मीणा शामिल नहीं हुए. ऐसे में इस बैठक में उनके न शामिल होने को भी उनके इस्तीफे से जोड़कर देखा जा रहा है. डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने लोकसभा चुनावों के प्रचार के दौरान घोषणा की थी कि अगर भाजपा उम्मीदवार दौसा सीट हार जाते हैं तो वो मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे.
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साथ ही उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी ने उन्हें सात सीटों की जिम्मेदारी दी है. इन सीटों पर भाजपा हारी तो वे मंत्री पद छोड़ देंगे. वहीं, भाजपा दौसा सीट हार गई. साथ ही पूर्वी राजस्थान की दौसा के अलावा पार्टी को करौली-धौलपुर, टोंक-सवाई माधोपुर और भरतपुर सीट पर भी हार का सामना करना पड़ा. वहीं, इन सीटों पर पार्टी की पराजय के बाद किरोड़ीलाल मीणा ने एक्स पर लिखा- 'प्राण जाए पर वचन न जाई.'