जयपुर: पिछले दिनों मंत्री पद से इसी पर देकर नाराजगी जाहिर कर चुके किरोड़ी लाल मीणा एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलने की तैयारी में नजर आ रहे हैं. मीणा ने शुक्रवार को विधानसभा में मीडिया से बात करते हुए अपना दर्द बयां किया और कहा कि जनता के मुद्दों पर विपक्ष में रहते हुए मैंने जब आवाज उठाई तो मुझे पार्टी दफ्तर में प्रेस वार्ता भी नहीं करने दी गई थी. मैं सड़क पर लड़ता रहा. जो मुद्दे मैंने उठाए, भाजपा उन्हीं मुद्दों की बदौलत सत्ता में आई. अब दर्द होता है, जब उन मुद्दों को सरकार भूल गई.
समय मिलावट का है : किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि संघर्ष तो करते रहते हैं, आगे भी करते रहेंगे. संघर्ष तो राजा सगर के पुत्रों ने भी किया था. उसका परिणाम यह हुआ कि भागीरथ को उसका नाम मिला. एक सवाल के जवाब में मीणा ने कहा कि मेरे इस्तीफे के बारे में विधानसभा अध्यक्ष से पूछो. स्वास्थ्य किसी का भी खराब हो सकता है. उन्होंने आगे कहा कि समय मिलावट का है. हां में हां करते जाएंगे तो रिश्ते लंबे चलेंगे. अब हां जी के दरबार में ना जी कोई कहेगा तो वह मरेगा. मेरी हां कहने की आदत नहीं है.
मंत्री किरोड़ी ने कहा कि मैं जो कहता हूं, वह सच कहता हूं. मुझे इस बात का दर्द है कि मैंने 5 साल तक सड़क पर लड़ाई लड़ी. सब जानते हैं कि विपक्ष की भूमिका किसने निभाई ? मुझे पत्रकार वार्ता भी नहीं करने दी गई थी पार्टी कार्यालय में, लेकिन मैं सड़क पर लड़ता रहा. मीणा ने कहा- जो संघर्ष मैंने किया, उसके आधार पर हम सत्ता में आए हैं, लेकिन अब वो ही मुद्दे जब मरते हैं और उनका परिणाम नहीं निकलता तो मैं भी मर जाता हूं. मुझे भी दुख होता है. युवाओं के साथ कुठाराघात करने वाले, पेपर लीक करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
वीरांगनाओं का अपमान हो रहा : किरोड़ी मीणा ने वीरांगनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वीरांगनाओं का पिछले राज में भी अपमानित किया गया और अब इस राज में भी अपमान किया जा रहा है. इतना ही नहीं, मीणा ने बजरी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बीसलपुर में गाज निकालने का ठेका दिया है. गाज निकालने के बदले बजरी निकल जा रही है. 7 करोड़ की रोज बजरी निकाली जा रही है. हमारी आंखों के सामने निकल रहा है. ऐसे बहुत से मामले मैं समय-समय पर बताऊंगा.