जयपुर. विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान विधायकों के प्रश्न वापस लेने और अधिकारियों की गैर मौजूदगी पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को कड़ी नाराज जताई. उन्होंने विधायकों को प्रश्न वापस लेने की अनुमति भविष्य में देने से इनकार कर दिया. साथ ही प्रश्नकाल के दौरान जिन विभागों के सवाल लगे उनके अधिकारियों की गैर मौजूदगी पर सूची मांग कर कार्रवाई करनी की बात कही. वहीं, प्रश्नकाल के दौरान विधायकों की ओर से प्रश्न लगा कर ब्लैकमेलिंग करने के भी आरोप लगे, जिस पर सदन में हंगामा भी हुआ.
मंत्री के जवाब पर हंगामा : दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान बांसवाड़ा जिला परिषद में ट्रांसफर को लेकर विधायक अर्जुन सिंह बामनिया ने सवाल उठाया. हालांकि बामनिया ने सवाल के मिले उत्तर को लेकर संतुष्ट नजर आए और पूरक सवाल करने से इनकार किया तो शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि उनके संतुष्ट होने का कारण भी जान लीजिए. ये ब्लैकमेल करने के लिए इस तरह के सवाल लगाते हैं. इस बात को लेकर विपक्ष के विधायक खड़े होकर हंगामा कर शुरू कर दिए. इस बीच संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम ने सप्लीमेंट्री सवाल नहीं पूछने पर कहा कि विधायक सवाल पूछे या नहीं पूछे, लेकिन जवाब देने का अधिकार मंत्री का है. इसके बाद हंगामा बढ़ने लगा तो अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मामला शांत कराया.
अध्यक्ष की दिखी सख्ती : दरअसल प्रश्नकाल के दौरान विधायक धर्मपाल की ओर से प्रश्न स्थगित करने के मामले पर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आ रहा है कि कई बार विधायक सवाल लगाते हैं, लेकिन बाद में उसे स्थगित करने के लिए बोलते हैं. सवाल लगाने के बाद स्थगित करने का प्रावधान है, लेकिन वह सिर्फ विशेष परिस्थितियों में है. इस बार देखने में आया कि 6 से 7 विधायकों ने पहले सवाल लगाया और बाद में उन्हें स्थगित कर दिए. यह गंभीर बात है, इस तरह से नहीं होना चाहिए. भविष्य में अगर कोई भी विधायक सवाल लगाता है और उसे स्थगित करना चाहेगा तो उसे स्थगित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इसे भी पढ़ें : विधानसभा बजट सत्र : सदन मे आज लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक सहित तीन विधेयक होंगे पेश - Rajasthan Assembly Session 2024
इतना ही नहीं, इसके बाद विधानसभा में एक सवाल के दौरान अधिकारियों की गैर मौजूदगी पर भी वासुदेव देवनानी ने कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि देखने में आ रहा है कि प्रश्नकाल के दौरान जिन विभागों के सवाल लगे हैं, उनके अधिकारी सदन में मौजूद नहीं होते हैं. यह बड़ी गंभीर बात है जो अधिकारी सदन मौजूद नहीं है, उन सब की सूची बनाकर कार्रवाई करूंगा.