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बारिश से गौला और नंधौर नदी का बढ़ा जलस्तर, खनन निकासी कार्य पर लगा ब्रेक - Mining From Nandhor River

Haldwani Gola Mining नदी का जलस्तर बढ़ने से गौला और नंधौर नदी में खनन निकासी कार्य बंद हो गया है. जिससे खनन कार्य से जुड़े वाहन चालकों और मजदूरों को खासा नुकसान हो रहा है. वहीं खनन कारोबार से जुडे़ लोगों ने हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 4, 2024, 12:24 PM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश जारी है. बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं भारी बारिश से गौला और नंधौर नदी में खनन निकासी कार्य बंद हो गया है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जब तक नदी में पानी कम नहीं होगा, तब तक खनन निकासी का कार्य सुचारू नहीं हो पाएगा.

क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम महेश चंद्र आर्य ने बताया कि पहाड़ों पर हुई भारी बरसात के चलते गौला के दो खनन गेटों के अलावा नंधौर नदी के सभी 6 खनन निकासी गेटों को बंद कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा के दृष्टि से निकासी कार्य को बंद किया गया है.मौसम साफ होने और नदी से पानी का जलस्तर कम होने के बाद खनन कार्य सुचारू किया जाएगा. बताया जा रहा कि खनन कार्य बंद होने से करीब 4000 खनन कार्य से जुड़े वाहनों के पहिए थम गए हैं.

खनन कार्य बंद होने से जहां खनन कार्य से जुड़े वाहन स्वामियों के साथ-साथ मजदूरों को नुकसान हो रहा है. वहीं सरकार को भी राजस्व का नुकसान पहुंचा है.वहीं अब खनन कारोबार से जुड़े खनन कारोबारी अब हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. खनन कर्मचारियों का कहना है कि स्टोन क्रशर स्वामी द्वारा उपखनिज के रेट कम कर दिया गया है. जिससे खनन कारोबारियों ने स्टोन क्रशर संचालकों के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहे हैं.

खनन कारोबारियों का कहना है कि उपखनिज के पहले रेट सरकार और स्टोन क्रशर स्वामियों के बीच हुए समझौते के तहत ₹29 प्रति कुंतल रखा गया था. लेकिन अब घटाकर 27 रुपए प्रति कुंतल कर दिया है. ऐसे में खनन कारोबारी को नुकसान हो रहा है. वहीं खनन कारोबारी स्टोन क्रशर संचालकों के खिलाफ आंदोलन करने का मन बना रहे हैं.

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हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश जारी है. बारिश के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं भारी बारिश से गौला और नंधौर नदी में खनन निकासी कार्य बंद हो गया है. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक जब तक नदी में पानी कम नहीं होगा, तब तक खनन निकासी का कार्य सुचारू नहीं हो पाएगा.

क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम महेश चंद्र आर्य ने बताया कि पहाड़ों पर हुई भारी बरसात के चलते गौला के दो खनन गेटों के अलावा नंधौर नदी के सभी 6 खनन निकासी गेटों को बंद कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा के दृष्टि से निकासी कार्य को बंद किया गया है.मौसम साफ होने और नदी से पानी का जलस्तर कम होने के बाद खनन कार्य सुचारू किया जाएगा. बताया जा रहा कि खनन कार्य बंद होने से करीब 4000 खनन कार्य से जुड़े वाहनों के पहिए थम गए हैं.

खनन कार्य बंद होने से जहां खनन कार्य से जुड़े वाहन स्वामियों के साथ-साथ मजदूरों को नुकसान हो रहा है. वहीं सरकार को भी राजस्व का नुकसान पहुंचा है.वहीं अब खनन कारोबार से जुड़े खनन कारोबारी अब हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. खनन कर्मचारियों का कहना है कि स्टोन क्रशर स्वामी द्वारा उपखनिज के रेट कम कर दिया गया है. जिससे खनन कारोबारियों ने स्टोन क्रशर संचालकों के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहे हैं.

खनन कारोबारियों का कहना है कि उपखनिज के पहले रेट सरकार और स्टोन क्रशर स्वामियों के बीच हुए समझौते के तहत ₹29 प्रति कुंतल रखा गया था. लेकिन अब घटाकर 27 रुपए प्रति कुंतल कर दिया है. ऐसे में खनन कारोबारी को नुकसान हो रहा है. वहीं खनन कारोबारी स्टोन क्रशर संचालकों के खिलाफ आंदोलन करने का मन बना रहे हैं.

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