पटना: बिहार-झारखंड बंटवारे के बाद से खनिज संपदा की कमी झेल रहे बिहार के लिए अब एक बड़ी खुशखबरी है. हाल ही में राज्य के कई जिलों में खनिजों के अकूत भंडार मिलने से जहां एक ओर विकास की नई संभावनाएं जन्म ले रही हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाइयां छूने का मौका मिलने वाला है. सरकार जल्द ही इन खनिजों का उत्खनन शुरू करने की तैयारी में है.
बिहार में होगा खनिज का उत्पादन: बिहार के तीन जिलों में खनिज के भंडार का पता लगाया गया है. बिहार सरकार ने ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है और नीलामी के बाद 3 साल के अंदर खनिज का उत्पादन होने लगेगा. गया, रोहतास और जमुई जिले में माइंस का पता लगाया गया है. गया में निकिल क्रोमियम का माइंस मिला है. जमुई जिले में मैग्नेटाइट ब्लॉक का पता लगाया गया है. रोहतास में लाइमस्टोन ब्लॉक का पता लगाया गया है.
"खनिज ब्लॉक की नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी है. 18 अक्टूबर को माइंस की नीलामी होगी. नीलामी की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. नीलामी के बाद 3 साल के अंदर खनिज का उत्पादन होने लगेगा."- मिहिर कुमार, अपर मुख्य सचिव, खनन विभाग
बालू घाट को पर्यावरण की मंजूरीः मिहिर कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024 -25 के लिए प्रस्ताव राजस्व संग्रह में 23 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. राज्य में 984 बालूघाट है, जिसमें 369 बालू घाट की नीलामी औपचारिक तौर पर की जा चुकी है. 237 बालूघाट को पर्यावरण से मंजूरी मिल चुकी है. वर्तमान में बिहार सरकार 152 बालू घाट का संचालन कर रही है. बता दें कि बालू घाट को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है. इसे समाप्त करने की तैयारी की जा रही है.
इसे भी पढ़ें: बिहार के जमुई में सोना का सबसे बड़ा भंडार, संजय जायसवाल के सवाल पर सरकार ने दी जानकारी