पलामू: पलामू संसदीय क्षेत्र के पलामू और गढ़वा जिला देश के आकांक्षी जिले की सूची में शामिल है. पलामू लोकसभा सीट पर 2024 के लोकसभा चुनाव में पलायन एवं रोजगार एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने पलायन एवं रोजगार को चुनावी मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है.
दरअसल, पलामू और गढ़वा का इलाका प्रवासी मजदूरी के लिए देश भर में चर्चित है. कोविड-19 काल में पलामू के इलाके में 53 हजार प्रवासी मजदूर के आंकड़े को रिकॉर्ड किया गया था. वहीं, गढ़वा जिला में 30 हजार से भी अधिक प्रवासी मजदूर चिन्हित किए गए थे. पलामू लोकसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर पलायन करते हैं. यह पलायन उत्तर और दक्षिणी भारत के राज्यों में सबसे अधिक होती है.
पलायन के हैं कई स्वरूप, इलाके में नहीं है कोई उद्योग
पलामू संसदीय क्षेत्र में पलायन के कई स्वरूप हैं. मौसमी पलायन के साथ-साथ स्थाई पलायन भी है. धान काटने के दौरान बड़ी संख्या में इलाके के लोग बिहार और उत्तर प्रदेश के इलाके में पलायन करते हैं. यह पलायन तीन से चार महीने की होती है, जिसमें पूरा परिवार उठकर धान काटने के लिए दूसरे राज्यों का रूख करता है. स्थाई पलायन में मजदूर दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा और दक्षिण भारत के इलाके का रुख करते हैं और वहां की फैक्ट्रियों में नौकरी करते हैं.
दरअसल, पलामू संसदीय क्षेत्र में 35 लाख से भी अधिक की आबादी है. इलाके में कोई औद्योगिक इकाई मौजूद नहीं है जहां हजारों लोगों को रोजगार मिले. पलामू के रेहला में एक कास्टिक फैक्ट्री है. जबकि कुछ इलाका में माइनिंग होती है. मजदूर सुरेंद्र राम ने बताया कि हर बार की तरह इस बार भी पलायन एवं रोजगार को चुनावी मुद्दा बनाया जा रहा है. लेकिन यह मुद्दा मुद्दा ही बनकर रहता है या स्थिति में बदलाव होगी यह इस बार भी देखना होगा.
भाजपा और राजद लगातार पलायन एवं रोजगार को लेकर कर रही है घोषणाएं
भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशी एवं नेता रोजगार एवं पलायन को चुनावी मुद्दा बना रहे हैं. पलामू के सांसद विष्णुदयाल राम का कहना है कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाना उनकी प्राथमिकता है. यहां के लोगों को रोजगार उपलब्ध हो और पलायन की समस्या पर अंकुश लगे. उनकी प्राथमिकता है कि इलाके में औद्योगिक इकाई स्थापित हो. वहीं राजद प्रत्याशी ममता भुइयां का कहना है पलामू के इलाके में लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाना उनकी प्राथमिकता होगी, इलाके में पलायन को दूर किया जाएगा.
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