अनूपगढ़. छत्तीसगढ़ राज्य की जशपुर रियासत के पूर्व राजपरिवार के सदस्य रणविजय प्रताप सिंह जूदेव अनूपगढ़ पहुंचे और उन्होंने अपने परिवार के साथ प्राचीन करणी माता के मंदिर में पूजा की. उन्होंने महाराजा गंगा सिंह क्षत्रिय संस्था के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की. बैठक के बाद संस्था के पदाधिकारियों के साथ रणविजय प्रताप सिंह और उनके परिवार ने अनूपगढ़ के ऐतिहासिक गढ़, लैला मजनूं मजार और भारत-पाकिस्तान की सीमा का अवलोकन किया. उन्होंने ऐतिहासिक गढ़ की दशा पर चिंता जताई और कहा कि इस बारे में वे भारत सरकार से बात करेंगे.
राजा रणविजय प्रताप सिंह ने अनूपगढ़ के ऐतिहासिक गढ़ का अवलोकन किया. दिन प्रतिदिन जर्जर हो रहे गढ़ की दशा देखकर उन्होंने चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि यह एक ऐतिहासिक जगह है. इस जगह का सुधार होना चाहिए. उन्होंने बीकानेर सांसद अर्जुन राम मेघवाल और भारत सरकार से इस कार्य के लिए चर्चा करने का आश्वासन दिया. राजा रणविजय प्रताप सिंह ने भारत पाकिस्तान बॉर्डर और ऐतिहासिक लैला मजनूं मजार का भी अवलोकन किया और विस्तार से जानकारी प्राप्त की. उन्होंने कहा कि अनूपगढ़ सांस्कृतिक विरासतों को सहेजे हुए है और सरकार को भी इस और काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि अनूपगढ़ में पर्यटन की दृषिट से काफी कार्य हो सकता है.
महाराजा गंगा सिंह क्षत्रीय संस्था के अध्यक्ष हुकुम सिंह शेखावत ने बताया कि रविवार को गढ़ में होने वाले महाराणा प्रताप जयंती के कार्यक्रम में राजपूत समाज की प्रतिभाओं का सम्मान किया जाएगा, रणविजय सिंह इसी कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए आए हैं. उनके साथ उनकी पत्नी अमृता सिंह, बड़े बेटे यश प्रताप सिंह और छोटे बेटे आर्य प्रताप सिंह भी आए हैं.