बीकानेरः अब तक देश और दुनिया में केवल भुजिया के तीखेपन और रसगुल्ले की मिठास के लिए पहचान रखने वाला बीकानेर अब सोलर एनर्जी के नाम से भी पहचाना जाएगा. सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने की दिशा में हो रहे सरकारी प्रयास अगर धरातल पर उतरे तो वह दिन दूर नहीं जब बीकानेर का नाम पूरी दुनिया में सोलर एनर्जी हब के रूप में लिया जाएगा.
जिले के पूगल में चार हजार मेगावाट का सोलर पार्क बनेगा. एक साथ तीन सोलर पार्क स्थापित किए जाएंगे और इन तीनों को मिलाकर दावा किया जा रहा है कि यह पार्क दुनिया का सबसे बड़े सोलर पार्क होगा. अभी सबसे बड़ा सोलर पार्क भड़ला में 2245 मेगावाट का है.
हर साल करोड़ों यूनिट बिजली बनेगीः जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने बताया कि पूगल में 2378 करोड़ रुपए की लागत से 4 हजार मेगावाट क्षमता के तीन सौर पार्क बनेंगे. उन्होंने बताया कि इनमें 12 सौ करोड़ रुपए की लागत से 2 हजार मेगावाट का एक, 590 करोड़ एवं 588 करोड़ रुपए की लागत से एक-एक हजार मेगावाट क्षमता के दो सौर पार्क चरणबद्ध तरीके से विकसित किए जाएंगे. यह पार्क 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित होंगे. यहां पर हर साल 712 करोड़ यूनिट बिजली बनेगी.
शुरू हुआ कामः दरअसल पिछले दिनों जयपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश में अलग-अलग प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था. इन प्रोजेक्ट में बीकानेर की यह सोलर पार्क भी शामिल थे. इसके बाद राज्य सरकार और प्रशासन के स्तर पर भी इन सोलर पार्क को लेकर काफी गंभीरता देखी जा रही है और यही कारण है कि तेजी से इनका काम किया जा रहा है. जिला कलेक्टर ने बताया कि दो हजार मेगावाट में से 850 मेगावाट का प्लांट लगाने का काम नेयवली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन ने शुरू कर दिया है. शेष 1150 मेगावाट के लिए जल्दी ही नीलामी की प्रक्रिया होगी. माना जा रहा है कि इतनी बड़े स्तर पर लगाए जाने वाले इन सोलर पार्क को लेकर देश की बड़ी कंपनियां इस नीलामी प्रक्रिया में शामिल होगी. इसके अलावा एक-एक हजार के दो पार्क ऊर्जा विभाग के अधीन होंगे और राजस्थान सोलर पार्क डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड इसका संचालन करेगी. राइजिंग राजस्थान में भी कई एमओयू हुए हैं.
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बीकानेर को लगेंगे विकास के पंखः जिला कलेक्टर ने बताया कि निश्चित रूप से सोलर हब के रूप में बीकानेर की पहचान बनने से यहां विकास के नए पंख लगेंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ ही राजस्व की प्राप्ति भी होगी और इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास होगा. उन्होंने कहा कि सोलर पार्क के लिए जमीन आवंटन का काम हो चुका है. जल्दी वहां सड़क, पानी और बिजली जैसी आधारभूत सुविधाएं विकसित करने का काम शुरू किया जाएगा.
400 केवी का जीएसएस बनेगाः सौर ऊर्जा के ट्रांसमिशन के लिए भानावत वाला गांव में 400 केवी का जीएसएस स्थापित किया जाएगा. ऊर्जा विभाग बिजली की लाइनें बिछाकर देगा. कलेक्टर ने बताया कि इस जीएसएस को भड़ला से जोड़ा जाएगा. सोलर पार्क में बनने वाली बिजली को जीएसएस के जरिए आगे भेजा जा सकेगा.