सिमडेगा: जिला विधिक सेवा प्राधिकार एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में आज मेगा लीगल एनवायरमेंट कैंप का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य रूप से मानव तस्करी की समस्या तथा उस पर अंकुश लगाने पर विस्तृत चर्चा की गई.
मेगा लीगल एनवायरमेंट कैंप की मुख्य अतिथि के रूप में झारखंड हाईकोर्ट की जोनल जज अनुभा रावत चौधरी शामिल हुईं. न्यायमूर्ति ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. इसके पश्चात अतिथियों का पारंपरिक तरीके से स्थानीय महिलाओं द्वारा स्वागत किया गया. वहीं राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर जोनल जज अनुभा रावत चौधरी ने सभी को मतदाता प्रतिज्ञा की शपथ दिलाई. तत्पश्चात लोकतंत्र में दिए गए अधिकार का इस्तेमाल करने की अपील की.
इस अवसर पर प्रधान जिला जज राजीव कुमार सिन्हा द्वारा कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य और कैंप के फायदे बताए गए. इसके बाद नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मानव तस्करी पर कलाकारों द्वारा बेहतरीन प्रस्तुति दी गई. उपायुक्त अजय कुमार सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि सिमडेगा आदिवासी बहुत जिला है. मानव तस्करी को एक गंभीर समस्या बताते हुए उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन मानव तस्करों के विरुद्ध कारवाई करने तथा तस्करी के शिकार हुए लोगों को मुक्त कराने के लिए कटिबद्ध है.
इसके बाद हाईकोर्ट की जोनल जज अनुभा रावत चौधरी ने मानव तस्करी को सिमडेगा जिले के लिए कलंक बताते हुए इस पर अंकुश लगाने के लिए प्रशासन से लेकर आम जनता तक सभी को साथ आकर प्रयास करने की बात कही. उन्होंने कहा कि सिमडेगा जैसे पिछड़े जिले में आज रोजगार का घोर अभाव है. इसी का फायदा मानव तस्कर उठाते हैं और भोले भाले गरीब लोगों को शहर की चकाचौंध दिखाकर बड़े-बड़े सपने पूरे कराने के नाम पर महानगरों में ले जाकर उन्हें बेच देते हैं, जिससे इन गरीबों का वर्षों तक शोषण होता है.
उन्होंने कहा कि तस्करी के बाद रेस्क्यू करना ही एक मुख्य काम नहीं है. हम सभी को तस्करी से पूर्व ही लोगों को इसके शिकार होने से बचाना है. क्योंकि जागरूकता से ही यह संभव है और तभी जाकर मानव तस्करी पर अंकुश लगाया जा सकेगा.
न्यायमूर्ति अनुभा रावत चौधरी ने सिमडेगा न्याय प्रशासन द्वारा तैयार किए गए क्यूआर कोड को जारी किया. इससे जिले के लोग घर बैठकर अपनी परेशानी या शिकायत अधिकारी तक पहुंचा सकते हैं. जिले का कोई व्यक्ति अपने स्मार्टफोन से QR कोड को स्कैन करेगा तो उसके मोबाइल फोन में एक आवेदन फॉर्म ओपन होगा, संबंधित व्यक्ति इस फॉर्म में अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, और अपनी शिकायत दर्ज करके सबमिट कर देगा तो आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पोर्टल में आ जाएगा. इसके पश्चात उसके समाधान के लिए कार्य किए जाएंगे.
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