लखनऊ : राजधानी समेत प्रदेश भर में स्कूलों में प्राइवेट वाहनों से बच्चों का परिवहन किया जा रहा है, स्कूल इन वाहनों की जिम्मेदारी नहीं लेता है. लखनऊ में हाल ही में एक प्राइवेट स्कूली वाहन दुर्घटना का शिकार हुई थी, इसमें एक मासूम की हालत अति गंभीर हो गई थी, उसको वेंटिलेटर पर रखा गया था, जिसके बाद स्कूल ने कहा था कि यह प्राइवेट वाहन है, इसलिए उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं. ऐसा ही हाल प्रदेश भर का है, जिसके बाद अब आरटीओ अधिकारी ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस के साथ स्कूलों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में स्कूलों की जिम्मेदारी तय की जाएगी. विद्यालय यान समिति की रिपोर्ट मांगी जाएगी. अगर कोई खामी मिलेगी तो स्कूल संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी.
अब ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर करेंगे बैठक : 20 सितंबर को ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस की अध्यक्षता में परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, ट्रैफिक विभाग और शिक्षा विभाग के साथ ही स्कूल मैनेजमेंट की बड़ी बैठक होगी. इस बैठक में स्कूल मैनेजमेंट से वाहनों की सूची मांगी जाएगी. साथ ही स्कूलों को लेकर दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे. यही नहीं बीएसए और डीआईओएस को निर्देशित किया जाएगा कि जो स्कूल मनमानी कर रहे हैं उनकी मान्यता रद्द की जाए. उम्मीद जताई जा रही है कि ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर की इस बैठक के बाद ऐसे अवैध वाहनों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा. इस बार पुलिस की भी बड़ी जिम्मेदारी तय किए जाने की तैयारी है.
इसी साल नौ अगस्त को एक कार जो प्राइवेट थी, एक नामीगिरामी स्कूली बच्चों को ले जा रही थी. टायर फटा और बड़ा हादसा हो गया. कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इसके बाद परिवहन विभाग, पुलिस और ट्रैफिक पुलिस पर सवाल खड़े हुए. जिलाधिकारी ने ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए. ऐसे वाहन जो स्कूली वाहनों के रूप में दर्ज नहीं हैं और स्कूल के बच्चों को ढो रहे हैं उन पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया, लेकिन तमाम स्कूलों में ऐसे प्राइवेट वाहन स्कूली बच्चों को लाने ले जाने में लगे हैं और उनकी जान से खेल रहे हैं. लखनऊ में ही कई हजार ऐसे वाहन हैं, जो परिवहन विभाग को खोजे ही नहीं मिल रहे हैं. इससे विभाग को हर माह बड़ा चूना लगता है.
क्या कहते हैं आरटीओ : लखनऊ के आरटीओ संजय तिवारी का कहना है कि 20 सितंबर को ज्वाइंट सीपी की अध्यक्षता में स्कूली वाहनों को लेकर बैठक होगी, जिसमें सभी स्कूल मैनेजमेंट शामिल होंगे. शिक्षा विभाग के भी अधिकारी शामिल होंगे. साथ ही अन्य विभागों के लोग भी शामिल रहेंगे. मीटिंग में जो भी निर्देश जारी होंगे, उनका प्रवर्तन टीम पालन करेंगी. अवैध स्कूली वाहनों का संचालन बिल्कुल रोका जाएगा.
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