पटना: बिहार में 12 फरवरी को नीतीश कुमार की अध्यक्षता में एनडीए सरकार विश्वास मत हासिल करेगी. फ्लोर टेस्ट से पहले राज्य में सियासी हलचल तेज गई है. इस बीच रविवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश की अध्यक्षता में मंत्री विजय चौधरी के आवास पर जेडीयू विधानमंडल दल की बैठक हुई. बैठक करीब 1 घंटे के चली है. संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि दो से तीन विधायक नहीं आए थे, लेकिन उनसे बात हो गई थी. फ्लोर टेस्ट में एनडीए के 128 विधायक मौजूद रहेंगे.
पटना में जेडीयू की बैठक: विजय चौधरी ने कहा कि 12 फरवरी को पहले विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी पर फैसला होगा. उसके बाद सरकार विश्वास मत प्राप्त करेगी. विजय चौधरी का दावा भले ही दो-तीन विधायकों को लेकर ही है, लेकिन फिलहाल आधा दर्जन विधायकों के गायब रहने के कारण जदयू की परेशानी जरूर बढ़ी है. ऐसे संजीव सिंह पटना से बाहर थे और फ्लोर टेस्ट से पहले पहुंच जाएंगे. दिलीप राय बीमार हैं. दिल्ली में उनका इलाज चल रहा है. ऐसे उनके आने की भी बात कही जा रही है.
बीमा भारती और सुदर्शन को लेकर सस्पेंस: एनडीए में बीमा भारती और सुदर्शन को लेकर सस्पेंस बना हुआ है. विजय चौधरी ने भी मान लिया है कि तीन विधायक उनके नहीं आए हैं. ऐसे में अब सब की नजर 12 फरवरी को होने वाले फ्लोर टेस्ट पर लगी है. एनडीए सभी दलों की ओर से रणनीति अपने-अपने तरीके से बनाई जा रही है. महागठबंधन खेमा अपने विधायकों की एकजुटता और खेला होने की बात भी कही जा रही है.
" बैठक में दो से तीन विधायक नहीं आए थे, लेकिन उनसे बात हो गई थी. संजीव सिंह पटना से बाहर थे और फ्लोर टेस्ट से पहले पहुंच जाएंगे. दिलीप राय बीमार हैं. दिल्ली में उनका इलाज चल रहा है. ऐसे उनके आने की भी बात कही जा रही है. फ्लोर टेस्ट में एनडीए के 128 विधायक मौजूद रहेंगे."- विजय चौधरी, मंत्री
बीमा भारती ने सूचना दे दी थी: 10 फरवरी को श्रवण कुमार के आवास पर हुई भोज में शालिनी मिश्रा और गुंजेश शाह भी नहीं पहुंचे थे, लेकिन आज की बैठक में दोनों पहुंचे थे. वहीं बीमा भारती, सुदर्शन, संजीव सिंह, दिलीप राय, मनोज यादव और अमन हजारी के नहीं पहुंचने की खबर मिल रही है. हालांकि जदयू की बैठक के बाद निर्दलीय विधायक और मंत्री सुमित सिंह ने कहा कि सभी लोग आ गए थे बीमा भारती ने सूचना दे दी थी.
एनडीए की राह आसान नहीं: बिहार विधानसभा में 243 विधायक हैं और एनडीए के पास 128 विधायक हैं लेकिन सात विधायक यदि अनुपस्थित रह गए तो फिर विधानसभा अध्यक्ष को हटाना मुश्किल हो जाएगा. सरकार के लिए बहुमत सिद्ध करना भी मुश्किल होगा. कुछ विधायक भाजपा खेमे में भी बोधगया कार्यशाला में गायब रहे थे. इसलिए एनडीए की राह आसान नहीं है, लेकिन दलों की व्हिप भी जारी कर दिया गया है. ऐसे में अनुपस्थित रहने वाले विधायकों की सदस्यता जा सकती है.
यह भी पढ़ेंः