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मम्प्स रोग को लेकर चिकित्सा विभाग ने जारी की गाइडलाइन - MUMPS DISEASE - MUMPS DISEASE

Guidelines for Mumps Disease, प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में मम्प्स रोग के कुछ मामले सामने आए हैं. गले में दर्द, सूजन व अन्य शारीरिक कमजोरी के लक्षणों वाले इस रोग पर नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के निर्देश पर चिकित्सा विभाग ने गाइडलाइन जारी की है.

MUMPS DISEASE
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 28, 2024, 8:04 PM IST

जयपुर. चिकित्सा विभाग ने मम्प्स रोग को लेकर गाइडलाइन जारी की है. पिछले कुछ समय से राजस्थान में अचानक मम्प्स रोग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. खासकर ये रोग बच्चों को अपनी जद में ले रहा है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतते हुए बच्चों व व्यस्कों में होने वाले इस संक्रामक रोग के प्रसार पर नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए गाइडलाइन जारी की है.

निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि मम्प्स एक संक्रामक रोग है जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकते या लार के माध्यम से दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति तक आसानी से फैलता है. इसके नियंत्रण और रोकथाम के लिए मम्प्स संक्रमण के लक्ष्णों की पहचान, बचाव व शीघ्र चिकित्सकीय उपचार-परामर्श के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें. अगर बच्चों में दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सावधान, 'मम्प्स' के चलते जा सकती है सुनने की क्षमता

लक्षण दिखने पर परामर्श लें : उन्होंने बताया कि मम्प्स संक्रमण के मुख्य लक्षणों में गले में लार ग्रंथि में 1 से 3 दिनों तक दर्द, सूजन साथ ही मांसपेशियों में दर्द और सूजन रहना, भूख न लगना शामिल हैं. इन लक्षणों के महसूस होते ही रोगी को तुरंत नजदीकी चिकित्सालय में उपचार-परामर्श लेने की सलाह दी गई है.

ऐसे करें बचाव: मम्प्स संक्रमण से बचाव के लिए एक स्वस्थ्य व्यक्ति को ऐसे लक्षणों वाले व्यक्ति से उचित दूरी बनाए रखना आवश्यक है. रोगी के सम्पर्क में आने के 2 से 3 सप्ताह बाद लक्षण प्रकट होते हैं और 10 से 14 दिनों तक रोगी को प्रभावित करते हैं. उन्होंने बताया कि इस रोग के होने पर रोगी में अंडकोष, स्तन, मस्तिष्क, अंडाशय, अग्नाश्य, रीढ़ की हड्डी में सूजन हो सकती है. साथ ही कुछ दुर्लभ मामलों में बहरापन की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को गाइडलाइन के तहत आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं.

जयपुर. चिकित्सा विभाग ने मम्प्स रोग को लेकर गाइडलाइन जारी की है. पिछले कुछ समय से राजस्थान में अचानक मम्प्स रोग के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. खासकर ये रोग बच्चों को अपनी जद में ले रहा है. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बरतते हुए बच्चों व व्यस्कों में होने वाले इस संक्रामक रोग के प्रसार पर नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए गाइडलाइन जारी की है.

निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि मम्प्स एक संक्रामक रोग है जो संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकते या लार के माध्यम से दूसरे स्वस्थ्य व्यक्ति तक आसानी से फैलता है. इसके नियंत्रण और रोकथाम के लिए मम्प्स संक्रमण के लक्ष्णों की पहचान, बचाव व शीघ्र चिकित्सकीय उपचार-परामर्श के निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें. अगर बच्चों में दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सावधान, 'मम्प्स' के चलते जा सकती है सुनने की क्षमता

लक्षण दिखने पर परामर्श लें : उन्होंने बताया कि मम्प्स संक्रमण के मुख्य लक्षणों में गले में लार ग्रंथि में 1 से 3 दिनों तक दर्द, सूजन साथ ही मांसपेशियों में दर्द और सूजन रहना, भूख न लगना शामिल हैं. इन लक्षणों के महसूस होते ही रोगी को तुरंत नजदीकी चिकित्सालय में उपचार-परामर्श लेने की सलाह दी गई है.

ऐसे करें बचाव: मम्प्स संक्रमण से बचाव के लिए एक स्वस्थ्य व्यक्ति को ऐसे लक्षणों वाले व्यक्ति से उचित दूरी बनाए रखना आवश्यक है. रोगी के सम्पर्क में आने के 2 से 3 सप्ताह बाद लक्षण प्रकट होते हैं और 10 से 14 दिनों तक रोगी को प्रभावित करते हैं. उन्होंने बताया कि इस रोग के होने पर रोगी में अंडकोष, स्तन, मस्तिष्क, अंडाशय, अग्नाश्य, रीढ़ की हड्डी में सूजन हो सकती है. साथ ही कुछ दुर्लभ मामलों में बहरापन की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है. सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों और प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को गाइडलाइन के तहत आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं.

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