बरेली : ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने ज्ञानवापी में विश्व हिन्दू परिषद के दावे को खारिज करते हुए कहा है कि मुसलमान कानून का पालन करता है और कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहा है. इस तरह का बयान गैरकानूनी है.
विश्व हिंदू परिषद ने कल ज्ञानवापी को लेकर एक बयान दिया था, जिसमें कहा था कि मुस्लिम समाज को इसे दूसरे समुदाय को खुशी-खुशी सौंप देना चाहिए और वहां नमाज बंद कर देनी चाहिए. इस पर पलटवार करते हुए बरेली में ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि ज्ञानवापी का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. मुसलमान कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. भारत के मुसलमान कानून पर भरोसा करते हैं और संविधान के हिसाब से चलते हैं. कहा कि बाबरी मस्जिद के मामले में मुसलमानों ने कानून के रास्ते पर चलकर एक मिसाइल काम की थी.
ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में है और हम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. मगर उससे पहले विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने यह ऐलान किया है कि मुसलमान मस्जिद को हिंदुओं के सुपुर्द कर दें और वहां नमाज न पढ़ें. जुम्मे की नमाज भी वहां पर न हो. मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि मैं उनके इस बयान को खारिज करता हूं. उनका यह बयान गलत है और गैरकानूनी है. सिर्फ सर्वे रिपोर्ट के आधार पर वह यह बात कह रहे हैं तो भरोसा करने के लायक नहीं है, क्योंकि सर्वे रिपोर्ट पर हम तब तक यकीन नहीं कर सकते हैं जब तक की कोर्ट का कोई फैसला न आ जाए.