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मऊगंज में डिजिटल अरेस्ट महिला की मौत के मामले में नया खुलासा, सहेली निकली गद्दार - MAUGANJ TEACHER ATMAHATYA UPDATE

मऊंगज में डिजिटल अरेस्ट महिला की आत्महत्या मामले में उसकी सहेली ने भी उसके साथ दगाबाजी की थी. पुलिस ने उसे जेल भेज दिया.

Mauganj Teacher Atmahatya update
मऊगंज टीचर आत्महत्या मामले में सहेली गिरफ्तार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 16, 2025, 12:37 PM IST

मऊगंज: बहुचर्चित डिजिटल अरेस्ट मामले में मऊगंज पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. जिस महिला ने आत्महत्या की थी उसकी सहेली गद्दार निकली. मामले में जांच के बाद पुलिस ने युवती को गिरफ्तार कर लिया है. यह युवती कोई और नहीं डिजिटल अरेस्ट की बाद अपनी जान देने वाली रेशमा पाण्डेय की खास सहेली है. पुलिस के मुताबिक इसी युवती ने जालसाजों के 5500 रुपये डकार लिए थे. जिसके चलते राजस्थान में बैठे जालसाज महिला पर दबाव बनाते रहे और अंत में तंग आकर महिला शिक्षक ने आत्महत्या कर ली थी.

6 जनवरी को डिजिटल अरेस्ट हुई रेशमा ने की थी खुदकुशी

दरअसल बीते 6 जनवरी को मऊगंज जिले से डिजिटल अरेस्ट का हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया था. घुरेहटा वार्ड क्रमांक 12 की निवासी रेशमा पाण्डेय पन्नी गांव में स्थित शासकीय हाई स्कूल में अतिथि शिक्षिका के पद पर पदस्थ थी. पेशे से शिक्षिका रेशमा पाण्डेय ने आत्महत्या कर ली थी. घटना के बाद परिजन ने मामले की जानकारी पुलिस को दी थी. पुलिस की टीम मामले में जांच कर रही थी इसी दौरान चौंका देने वाला खुलासा हुआ था.

मऊगंज में डिजिटल अरेस्ट महिला की मौत के मामले में नया खुलासा (ETV Bharat)

पुराने सिक्कों के बदले करोड़ों का दिया था लालच

डिजिटल अरेस्ट मामले में घटना के चंद दिनों बाद ही रीवा संभाग के डीआईजी साकेत प्रकाश पाण्डेय ने चौंका देने वाला खुलासा किया था. डीआईजी के मुताबिक मृतिका रेशमा पाण्डेय को जालसाजों के द्वारा इंस्टाग्राम पर पुराने सिक्कों को बदलने के लिए ऑफर किया था. कहा गया था कि पुराने सिक्कों के बदले करोड़ो रुपये दिए जाएंगे. इसके बाद महिला, जालसाजों के जाल में फंसती गई. बीते दिसंबर माह से महिला जालसाजों के संपर्क में रही इस दौरान बदमाशों ने महिला से 22 हजार की डिमांड की, जिसके बाद उसने 22 हजार रुपये जालसाजों को ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए.

3 जालसाज राजस्थान के अलवर से हुए थे गिरफ्तार

महिला को ठगी का एहसास होने के बाद जालसाजों ने जब और पैसों की डिमांड की तो महिला ने पुलिस के पास जाने की बात कही. लेकिन बदमाश अपनी मांग पर डटे रहे और चोरी के इल्जाम में फंसाकर गिरफ्तार करने की धमकी दी. जिससे परेशान होकर महिला ने आत्महत्या कर ली. मामले में जांच शुरू करते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई. पुलिस की टीम ने राजस्थान के अलवर से 3 जालसाजों को दबोच लिया और गिरफ्तार करके रीवा ले आई थी.

रेशमा की सहेली ने की थी चालबाजी

अब एक बार फिर मामले ने तब नया मोड़ आया, जब जांच के दौरान मऊगंज पुलिस को एक अहम सुराग हाथ लगा. पुलिस की टीम ने मृतिका की बेटी से बयान लिए जिसमें एक युवती का नाम सामने आया. यह कोई और नहीं बल्कि मृतिका रेशमा पाण्डेय की सहेली आंचल तिवारी है और उसी गांव में रहती है. आंचल तिवारी मृतिका के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी, जिससे उसका घर भी आना जाना रहता था. पुलिस के मुताबिक आंचल तिवारी ने अपने बयान में बताया कि 4 जनवरी को रेशमा पाण्डेय ने जालसाजों के द्वारा भेजा गया एक क्यूआर कोड आंचल को भेजा था. जिसके बाद आंचल ने अपने पुरुष दोस्त से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवाने की बात रेशमा पाण्डेय से कही थी.

जालसाजों को ट्रांसफर नहीं किए थे पैसे

गिरफ्तार हुई आंचल तिवारी ने रेशमा पाण्डेय को बताया था कि यह एक फ्रॉड क्यूआर कोड है. अगले दिन जब रेशमा के पास देने के लिए पैसे नहीं थे तो उसने अपना मंगलसूत्र का लॉकेट उसे गिरवी रखने के लिए दिया. जिसकी कीमत 39 हजार थी. इधर पैसे ट्रान्सफर करने के बाद भी जालसाज लगातार फोन करके धमकी दे रहे थे. पुलिस के मुताबिक आंचल ने 5500 रुपए रेशमा द्वारा दिए गए क्यूआर कोड में ऑनलाइन पैसे ट्रान्सफर ही नहीं किए थे. उसी तारीख के दूसरे ट्रांजेक्शन को एडिट करके उसका स्क्रीन शॉट रेशमा पाण्डेय के मोबाइल पर भेज दिया था और मंगलसूत्र को गिरवी रखकर पैसे अपने पास रख लिए थे.

आत्महत्या की खबर सुनकर आंचल पहुंची थी घर

मऊगंज एसपी रसना ठाकुर ने बताया कि "जालसाजों के लगातार दबाव बनाने पर रेशमा ने आहत होकर आत्महत्या कर ली और उसे अस्पताल ले जाया गया. आंचल को जानकारी हुई तो उसने अपने मोबाईल से फर्जी क्यूआर कोड को डिलीट कर दिया और तत्काल रेशमा के घर पहुंची और उसके मोबाइल से भी भेजे गए स्कैनर को डिलीट कर दिया और बाकी के 5500 रूपए रेशमा के बच्चों को देकर वह वापस आ गई. पुलिस के मुताबिक आंचल तिवारी ने रेशमा पाण्डेय के मंगलसूत्र को अपने पास ही रखा था जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. पुलिस ने आंचल तिवारी से पूछताछ करने के बाद उसे जेल भेज दिया."

मऊगंज: बहुचर्चित डिजिटल अरेस्ट मामले में मऊगंज पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. जिस महिला ने आत्महत्या की थी उसकी सहेली गद्दार निकली. मामले में जांच के बाद पुलिस ने युवती को गिरफ्तार कर लिया है. यह युवती कोई और नहीं डिजिटल अरेस्ट की बाद अपनी जान देने वाली रेशमा पाण्डेय की खास सहेली है. पुलिस के मुताबिक इसी युवती ने जालसाजों के 5500 रुपये डकार लिए थे. जिसके चलते राजस्थान में बैठे जालसाज महिला पर दबाव बनाते रहे और अंत में तंग आकर महिला शिक्षक ने आत्महत्या कर ली थी.

6 जनवरी को डिजिटल अरेस्ट हुई रेशमा ने की थी खुदकुशी

दरअसल बीते 6 जनवरी को मऊगंज जिले से डिजिटल अरेस्ट का हैरान कर देने वाला एक मामला सामने आया था. घुरेहटा वार्ड क्रमांक 12 की निवासी रेशमा पाण्डेय पन्नी गांव में स्थित शासकीय हाई स्कूल में अतिथि शिक्षिका के पद पर पदस्थ थी. पेशे से शिक्षिका रेशमा पाण्डेय ने आत्महत्या कर ली थी. घटना के बाद परिजन ने मामले की जानकारी पुलिस को दी थी. पुलिस की टीम मामले में जांच कर रही थी इसी दौरान चौंका देने वाला खुलासा हुआ था.

मऊगंज में डिजिटल अरेस्ट महिला की मौत के मामले में नया खुलासा (ETV Bharat)

पुराने सिक्कों के बदले करोड़ों का दिया था लालच

डिजिटल अरेस्ट मामले में घटना के चंद दिनों बाद ही रीवा संभाग के डीआईजी साकेत प्रकाश पाण्डेय ने चौंका देने वाला खुलासा किया था. डीआईजी के मुताबिक मृतिका रेशमा पाण्डेय को जालसाजों के द्वारा इंस्टाग्राम पर पुराने सिक्कों को बदलने के लिए ऑफर किया था. कहा गया था कि पुराने सिक्कों के बदले करोड़ो रुपये दिए जाएंगे. इसके बाद महिला, जालसाजों के जाल में फंसती गई. बीते दिसंबर माह से महिला जालसाजों के संपर्क में रही इस दौरान बदमाशों ने महिला से 22 हजार की डिमांड की, जिसके बाद उसने 22 हजार रुपये जालसाजों को ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए.

3 जालसाज राजस्थान के अलवर से हुए थे गिरफ्तार

महिला को ठगी का एहसास होने के बाद जालसाजों ने जब और पैसों की डिमांड की तो महिला ने पुलिस के पास जाने की बात कही. लेकिन बदमाश अपनी मांग पर डटे रहे और चोरी के इल्जाम में फंसाकर गिरफ्तार करने की धमकी दी. जिससे परेशान होकर महिला ने आत्महत्या कर ली. मामले में जांच शुरू करते हुए पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई. पुलिस की टीम ने राजस्थान के अलवर से 3 जालसाजों को दबोच लिया और गिरफ्तार करके रीवा ले आई थी.

रेशमा की सहेली ने की थी चालबाजी

अब एक बार फिर मामले ने तब नया मोड़ आया, जब जांच के दौरान मऊगंज पुलिस को एक अहम सुराग हाथ लगा. पुलिस की टीम ने मृतिका की बेटी से बयान लिए जिसमें एक युवती का नाम सामने आया. यह कोई और नहीं बल्कि मृतिका रेशमा पाण्डेय की सहेली आंचल तिवारी है और उसी गांव में रहती है. आंचल तिवारी मृतिका के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती थी, जिससे उसका घर भी आना जाना रहता था. पुलिस के मुताबिक आंचल तिवारी ने अपने बयान में बताया कि 4 जनवरी को रेशमा पाण्डेय ने जालसाजों के द्वारा भेजा गया एक क्यूआर कोड आंचल को भेजा था. जिसके बाद आंचल ने अपने पुरुष दोस्त से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवाने की बात रेशमा पाण्डेय से कही थी.

जालसाजों को ट्रांसफर नहीं किए थे पैसे

गिरफ्तार हुई आंचल तिवारी ने रेशमा पाण्डेय को बताया था कि यह एक फ्रॉड क्यूआर कोड है. अगले दिन जब रेशमा के पास देने के लिए पैसे नहीं थे तो उसने अपना मंगलसूत्र का लॉकेट उसे गिरवी रखने के लिए दिया. जिसकी कीमत 39 हजार थी. इधर पैसे ट्रान्सफर करने के बाद भी जालसाज लगातार फोन करके धमकी दे रहे थे. पुलिस के मुताबिक आंचल ने 5500 रुपए रेशमा द्वारा दिए गए क्यूआर कोड में ऑनलाइन पैसे ट्रान्सफर ही नहीं किए थे. उसी तारीख के दूसरे ट्रांजेक्शन को एडिट करके उसका स्क्रीन शॉट रेशमा पाण्डेय के मोबाइल पर भेज दिया था और मंगलसूत्र को गिरवी रखकर पैसे अपने पास रख लिए थे.

आत्महत्या की खबर सुनकर आंचल पहुंची थी घर

मऊगंज एसपी रसना ठाकुर ने बताया कि "जालसाजों के लगातार दबाव बनाने पर रेशमा ने आहत होकर आत्महत्या कर ली और उसे अस्पताल ले जाया गया. आंचल को जानकारी हुई तो उसने अपने मोबाईल से फर्जी क्यूआर कोड को डिलीट कर दिया और तत्काल रेशमा के घर पहुंची और उसके मोबाइल से भी भेजे गए स्कैनर को डिलीट कर दिया और बाकी के 5500 रूपए रेशमा के बच्चों को देकर वह वापस आ गई. पुलिस के मुताबिक आंचल तिवारी ने रेशमा पाण्डेय के मंगलसूत्र को अपने पास ही रखा था जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. पुलिस ने आंचल तिवारी से पूछताछ करने के बाद उसे जेल भेज दिया."

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