मथुरा : पिछले साल उत्तराखंड कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास ट्रेन की टक्कर से एक मादा हाथी और उसका बच्चा घायल हो गया था. हाथी की मौके पर मौत हो गई थी और 9 महीने का मादा बच्चे को उपचार के लिए मथुरा हाथी संरक्षण केंद्र लाया गया. जहां डॉक्टरों की टीम ने घायल बच्चे का इलाज किया और वह अब पूरी तरह से स्वस्थ है. आगरा दिल्ली राजमार्ग जनपद मथुरा के चुरमुरा इलाके में स्थित हाथी संरक्षण केंद्र में बीमार वृद्ध हाथियों का इलाज किया जाता है. यहां देश के विभिन्न प्रांतों से बीमा नर मादा हाथियों को लाया जाता है. वर्तमान में एक एक दर्जन से अधिक हाथियों के इलाज हो रहा है. हालांकि खुले आसमान के नीचे बीमार हाथी रहते हैं.
उत्तराखंड में घायल हुई थी हथिनी का बच्चा : पिछले साल उत्तराखंड में एक तेज़ रफ़्तार ट्रेन ने मादा हाथी और उसके मादा बच्चे को कुचल दिया था. ट्रेन की टक्कर से हाथी की मौके पर ही मौत हो गई थी और बच्चा चोटिल होकर पटरी से नीचे एक खेत में जा गिरा था. दुर्घटना में घायल हुई हाथी के बच्चे की रीढ़ और कूल्हे के जोड़ों में गंभीर चोटें आई थीं. इसके बाद उत्तराखंड वन विभाग के अधिकारियों और वाइल्डलाइफ एसओएस ने हथिनी के बच्चे को देखभाल के लिए मथुरा हाथी अस्पताल में भेजा था. करीब नौ महीने के बच्चे का नाम डॉक्टरों ने बानी रखा है.
बता दें, उत्तराखंड कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास रेलवे लाइन पार करते समय इधर-उधर हाथी घूमने के लिए निकलते हैं. ट्रेनों की आवाज हाई होने के कारण हाथी ट्रेन की चपेट में आकर घायल हो जाते हैं अक्सर दुर्घटना में हाथियों की मौत हो जाती है. वाइल्ड लाइफ एसओएस डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एम.वी. ने बताया कि हाथी का मादा बच्चा बानी नौ महीने का है. संक्रमण से बचाव के लिए हर दिन उसकी सफाई और मालिश की जाती है और उसके घावों पर पट्टी बांधी जाती है. इसके अलावा उसके जोड़ों के व्यायाम के लिए लेजर थेरेपी और फिजियोथेरेपी की जा रही है.
यह भी पढ़ें : जशपुर के कांसाबेल में हाथी की मौत, 15 दिन पहले कुनकुरी में घायल मिला था गजराज
यह भी पढ़ें : बिजनौर: खेत में मिला मरणासन्न हाथी, उपचार कर भेजा गया कार्बेट रिजर्व पार्क