लखनऊ : समाजवादी पार्टी ने माता प्रसाद पांडे को नेता प्रतिपक्ष बनाया है. जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों और कई नेताओं ने इसे पीडीए के साथ धोखा बताया है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी पिछड़े दलितों के साथ धोखा बताया है. वहीं कई भाजपा विधायकों से ईटीवी भारत से बातचीत में पीडीए के साथ धोखा होने का दावा किया. साथ ही अखिलेश यादव के परिवार में फूट पड़ने की बात कही.
भाजपा विधायक शशांक त्रिवेदी ने कहा कि अखिलेश के परिवार में ही फूट पड़ी हुई है तो वह क्या कर पाएंगे. यह सबसे बड़ा उदाहरण है. माता प्रसाद पांडे वरिष्ठ हैं हम उनका सम्मान करते हैं. अनुभव और कार्यशैली भी देखनी चाहिए. शिवपाल सिंह यादव को बनाएं या किसी और को यह उनका खुद का विषय है.
विधायक आकाश सक्सेना ने कहा कि समाजवादी पार्टी का यह विषय उनका अपना पारिवारिक मामला है. उन्होंने जिस तेजी से इन्होंने प्रचार किया था जो गलत तरीके से प्रचार किया था. सच्चाई सबके सामने आ गई है. यह करते कुछ हैं और कहते कुछ हैं. कानून व्यवस्था के मामले में उत्तर प्रदेश में अगर देखा जाए भारत भर में प्रथम स्थान पर है. हमारे यहां कानून व्यवस्था बेहतर है.
भाजपा विधायक नीरज बोरा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास की बात करती है. भारतीय जनता पार्टी रोज परिभाषा बदलती नहीं है, उनकी परिभाषा रोज बदलती है इनका आचरण रोज बदलते हैं. उनके कार्य रोज बदलते हैं. लोगों को बेवकूफ बनाना, फटाफट योजना लेकर आना झूठ और फरेब के नाम पर लोगों से वोट लेने का काम किया है. जनता इनको जान चुकी है और 2027 में जवाब देगी. जहां तक बात नेता प्रतिपक्ष की है तो वह तो उनके यहां शुरू से दिखाई देता है. किस तरीके से आपस में परिवार में मतभेद हैं. इनका और उनके झूठ का पुलिंदा खुल चुका है.
समाजवादी पार्टी के विधायक जाहिद बेग ने डिप्टी सीएम केशव मौर्य के पिछड़ों दलितों को धोखा देने के सवाल पर कहा कि मैं केशव मौर्य से कहना चाहता हूं कि हमने लोकसभा में पिछड़ों को दलितों को जो सीट दी है वह अपनी बता दें. उन्होंने पिछड़ों दलितों के साथ भेदभाव किया है. आरक्षण के साथ भी इन लोगों ने जो किया है वह सब लोग जान रहे हैं. नौकरियां में आरक्षण के नाम पर धोखा करने की बात कही गई है. पिछड़ों और दलितों के नाम पर नौकरियों के आरक्षण की जानकारी मांगी गई है. उनके मंत्रियों और उनकी पार्टी के नेताओं की तरफ से भी आरक्षण को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. केशव प्रसाद मौर्य दिल्ली के मोहरा है और कुछ नहीं है. वह तीन बार दिल्ली जा चुके हैं और उनकी कोई सुनवाई नहीं है. उन्हें बैठने के लिए जब स्टूल दिया जाता है तो वह किस मुंह से पिछड़ों दलितों की बात करते हैं.