नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा सेक्टर आठ स्थित पक्की झुग्गी में रहने वाले दौलतराम की तीन बेटियां और पत्नी एक ही कमरे में सो रही थी. अचानक कमरे के आगे वाले हिस्से में धमाका हुआ और अंदर धुआं भर गया. फिर लपटें उठीं और दौलत राम का पूरा परिवार आग में फंस गया. बेड पर लेटी तीनों बेटियों को दौलतराम ने झुलसते हुए देखा तो उन्हें बाहर निकालना चाहा, लेकिन धुएं के कारण सामने दिखाई नहीं दी. दौलतराम के सामने तीनों बेटियों की तड़पकर मौत हो गई. यह सारी बातें दौलतराम के साले राहुल ने बताई. जिस समय हादसा हुआ दौलतराम का इकलौता बेटा हनी सोने के लिए अपनी बुआ के घर सेक्टर-11 गया था. अगर वह नहीं जाता तो वह भी हादसे का शिकार हो जाता. बेटा बहनों की मौत से अनजान था. बाद में उन्हें लोगों ने इसकी जानकारी दी.
पुलिस और अग्निशमन विभाग का दावा है कि सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची और समय रहते आग पर काबू पा लिया गया. हालांकि हादसे में जान गंवाने वाली बच्चियों के मामा का कहना है कि सूचना मिलने के आधे घंटे बाद तक पुलिस और अग्निशमन विभाग की टीम नहीं पहुंची थी. ऐसे में स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया.
एक ही कमरे में थी पूरी गृहस्थी: जिस कमरे में परिवार सो रहा था उसमें पूरी गृहस्थी का सामान था. बच्चे बेड पर और उनकी मम्मी-पापा जमीन पर सो रहे थे. स्थानीय लोगों का कहना है कि पहली मंजिल पर बनी दौलतराम की पक्की झुग्गी में आग लगी और बच्चियां अंदर चीखती रहीं पर बगल के कमरे में रहने वाले व्यक्ति को इसकी भनक 15 मिनट तक नहीं लगी. हादसे के बाद आरएसएस के पदाधिकारी सहित अन्य संगठन के लोग मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया. दौलतराम के करीबी और रिश्तेदार भी हादसे के बाद नोएडा पहुंच गए.
पांच साल पहले मैनपुरी से आया था परिवार: स्थानीय लोग बताते हैं कि करीब 5 साल पहले दौलतराम नोएडा आया था और ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण कर रहा था. उसने ई रिक्शा कर्ज पर लिया हुआ था. ई रिक्शा ही उसकी आजीविका का साधन है. उसके कई रिश्तेदार भी नोएडा में ही रहते हैं. हादसे के बाद से आसपास डर का माहौल है. जिस कमरे में दौलतराम रहते हैं, उसके पीछे बनी पक्की झुग्गी में बीते साल फरवरी में आग लगी थी. उसमें नवजात सहित तीन लोगों की मौत हो गई थी. तीन अन्य लोग भी हादसे में झुलस गए थे. झुग्गी में अंदर रास्ते इतने संकरे हैं कि अगर कोई हादसा हो जाए तो आसानी से मदद नहीं पहुंच सकेगी.
पांचवी कक्षा का छात्र है बेटा: दौलतराम का बेटा हनी कोंडली के जीबीएसएस स्कूल में पांचवी का छात्र है. हादसे में जान गंवाने वाली आस्था पांचवी की, नैना तीसरी की और आराध्या नर्सरी की छात्रा थी. तीनों कोंडली के प्राथमिक विद्यालय में पढ़ती थीं. स्कूल प्रबंधन को भी हादसे की जानकारी स्थानीय लोगों ने दी है. एक साल के भीतर एक ही जगह पर हुए दो हादसों ने स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया है. सभी के माथे पर चिंता की लकीरें हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पीड़ित परिवार के संपर्क में अधिकारी हैं. इलाज में हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है.
प्रशासन से की मदद की अपील: हादसे के बाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी गौतमबुद्धनगर जिला प्रभारी गंगेश्वर दत्त शर्मा के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार के घर पहुंचा और बेटे सहित पूरे परिवार को सहयोग करने का कहा. पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन से मदद की अपील की है. मांग की गई कि परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए. हादसे के बाद मृतक बच्चों के करीबियों से कई पार्टी के कार्यकर्ता और नेता मिले और शोक संवेदना व्यक्ति करते हुए उन्हें दुख से बाहर निकलने के लिए ढांढस बंधाया.
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