कानपुर: सूबे के किसानों के लिए अब एमएसएमई मंत्रालय से सम्बद्ध संस्था- सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) से राहत भरी खबर सामने आई है. इस संस्था के विशेषज्ञ चौधरी चरण सिंह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एंड मार्केटिंग के विशेषज्ञों संग मिलकर उत्तर प्रदेश के किसानों को सुगंधित फूलों व औषधीय पौधों की खेती करना सिखाएंगे और किसान घर बैठे कैसे मालामाल हो सकते हैं. जल्द ही इसका प्रशिक्षण वाराणसी, गोरखपुर, अलीगढ़, लखीमपुर खीरी समेत अन्य जिलों में भी दिया जाएगा.
सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र (एफएफडीसी) के सहायक निदेशक डॉ. भक्ति विजय शुक्ला ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान हम किसानों से सीधा संवाद करेंगे. उन्हें सुगंधित फूलों व औषधीय पौधों खासतौर से फ्रेंच बेसिल तुलसी, अश्वगंधा, पामारोजा, सिट्रोनेला, एलोवेरा, लेमनग्रास समेत कई अन्य की जानकारियां साझा की जाएंगी. इनकी खेती कैसे कर सकते हैं. इनकी फसल का बाजार कैसे मिलेगा? इस तरह कई बिंदुओं पर बात होगी.
उन्होंने कहा कि किसानों के सामने एक बड़ी समस्या उनकी फसलों को लेकर होती कि वह इसे कहां बेचें? इसके लिए हम उद्यमियों को साथ ले जाएंगे और मौके पर ही किसानों व उद्यमियों के बायर सेलर मीटर भी होगी.
डां. भक्ति विजय शुक्ला ने बताया कि किसानों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं देना होगा. वहीं, किसानों के बीच कानपुर, फतेहपुर समेत अन्य शहरों के प्रगतिशील किसान पहुंचेंगे और अपनी सफलता गाथा भी साझा करेंगे. प्रशिक्षण में शामिल होने वाले किसानों को एक किट भी दी जाएगी. जिसमें फसलों से संबंधित जानकारी के पत्र, बैग, व सर्टिफिकेट रहेंगे.
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