लखनऊ: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से ठीक पहले समाजवादी पार्टी को जबरदस्त झटका लगा है. पार्टी के पीडीए के मजबूत स्तंभ माने जा रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी के पद से इस्तीफा देने के बाद अब एमएलसी पद से भी इस्तीफा दे दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य के जाने और नई पार्टी बनाने के ऐलान के बाद अब माना जा रहा समाजवादी पार्टी से ओबीसी और दलित नेताओं के इस्तीफे की बाढ़ आने वाली है. इतना ही नहीं इसमें कुछ ऐसे भी नेता शामिल हैं, जिन्हें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव का प्रत्याशी घोषित किया है.
मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य ने एमएलसी पद और समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया. 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पूर्व बसपा नेता साहेब सिंह धनगर की राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) को री-लॉन्च करेंगे. स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के कई नेता, जिन्होंने वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ सपा ज्वाइन की थी, वे भी अब सपा का दामन छोड़ रहे हैं. इसमें सबसे पहले बांदा के तिंदवारी से बीजेपी विधायक रहे और मौजूदा सपा नेता ब्रजेश प्रजापति ने इस्तीफा दे दिया है और स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ जाने का ऐलान किया है.
सपा के लोक सभा प्रत्याशी भी स्वामी के साथ हो चले: सूत्रों के मुताबिक, स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ समाजवादी पार्टी के एटा से लोकसभा प्रत्याशी देवेश शाक्य भी पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं. देवेश 22 फरवरी को स्वामी प्रसाद के साथ दिल्ली में होने वाली RSSP की जनसभा में शामिल हो सकते हैं. देवेश 2 साल पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ अपने छोटे भाई विनय शाक्य को लेकर बीजेपी छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे. जनवरी 2024 को अखिलेश यादव ने ओरिया के रहने वाले देवेश को एटा से लोकसभा प्रत्याशी घोषित किया था.
इटावा में भी अखिलेश के करीबी सपा छोड़ जायेंगे स्वामी के साथ: सूत्रों के अनुसार, न सिर्फ लोक सभा प्रत्याशी देवेश शाक्य बल्कि बिजनौर जिले के एक सपा विधायक भी इस्तीफा देकर स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा इटावा में भी समाजवादी पार्टी को झटका लग सकता है. करीब एक दशक तक जसवंत नगर में शिवपाल यादव के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले पूर्व बीजेपी और वर्तमान में सपा नेता मनीष यादव भी स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ उनकी पार्टी में शामिल हो सकते हैं. मनीष यादव के सपा छोड़ने पर कई यादव नेता भी सपा का दामन छोड़ सकते हैं.
पल्लवी पटेल के गर्म तेवर सपा से कर रहे दूर और स्वामी के ला रहे करीब: वहीं अपना दल कमेरावादी की नेता और विधायक पल्लवी पटेल भी समाजवादी पार्टी से अपना संबंध तोड़ सकती हैं. पल्लवी पटेल स्वामी प्रसाद मौर्य के लिए ने सपा के कुछ नेताओं की अभद्र टिप्पणी को लेकर नाराज थीं. इतना ही नहीं राज्य सभा के घोषित किए गए प्रत्याशियों पर भी पल्लवी ने अखिलेश यादव से नाराजगी जाहिर की थी. ऐसे में माना जा रहा है कि, पल्लवी पटेल स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ जा सकती हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के लगभग दो दर्जन नेताओं और कुछ लोकसभा के घोषित प्रत्याशियों की स्वामी प्रसाद मौर्य ने लिस्ट तैयार की है. ये सभी 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में RSSP की जनसभा में शामिल हो सकते हैं.
स्वामी का विकल्प ढूंढ रहे अखिलेश: स्वामी प्रसाद मौर्य के सपा से विदा होने के बाद अखिलेश यादव अब उनका विकल्प तलाशने में जुट गए हैं. सूत्रों के अनुसार, बसपा के पूर्व कद्दावर नेता और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा से समाजवादी पार्टी बातचीत कर रही है. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव लोक सभा चुनाव के लिए तैयार किए गए पीडीए एजेंडे में बाबू सिंह कुशवाहा को शामिल कर सकते हैं. बाबू सिंह कुशवाहा की ओर से भी इसमें हामी भर दी गई है, हालांकि कुशवाहा खेमे से तीन लोक सभा सीट की मांग की गई है, जिस पर अभी फिलहाल बातचीत जारी है.
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