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केंद्र में तैनाती का भी रास्ता तलाश रहे IFS अफसर, 4 जून को हो सकता है बड़ा बदलाव - Uttarakhand IFS Officer - UTTARAKHAND IFS OFFICER

Uttarakhand IFS Officer उत्तराखंड में कई आईएफएस अधिकारियों ने भारत सरकार में इनपैनलमेंट के लिए भी आवेदन किया है. जिमसें केंद्र ने दो आईएफएस अधिकारियों के लिए उत्तराखंड शासन को अंतिम निर्णय भेज दिया है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 22, 2024, 5:07 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में आचार संहिता हटने के बाद बड़े स्तर पर आईएफएस अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव की सुगबुगाहट है. खबर है कि इस बीच भारत सरकार में कई अधिकारियों ने इनपैनलमेंट के लिए भी आवेदन किया है. जिसमें से दो अधिकारियों को लेकर केंद्र ने शासन को अंतिम निर्णय भेज दिया है. इसमें एक आईएफएस अधिकारी का केंद्र में इम्पैनल का आवेदन स्वीकार किया गया है.

उत्तराखंड में एक बार फिर आईएफएस अधिकारियों के बदलाव से जुड़ी सुगबुगाहट शुरू हो गई है. हालांकि इस बीच केंद्र में जाने का भी कई अधिकारी रास्ता तलाश कर रहे हैं. इसी कड़ी में 1999 बैच के आईएफएस अधिकारी निशांत वर्मा के इनपैनलमेंट के आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है. उनका केंद्र में जॉइंट सेक्रेटरी रैंक पर इनपैनलमेंट हो गया है. हालांकि उनके अलावा कुमाऊं के पीके पात्रों ने भी इसके लिए आवेदन किया था जिसे फिलहाल केंद्रीय स्वीकार नहीं किया है.इससे इतर उत्तराखंड में बड़े स्तर पर आईएफएस अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव होना है. पिछले दिनों हुए प्रमोशन के बाद कुछ अधिकारियों को नई जिम्मेदारी नहीं मिल पाई थी.

इसमें कुछ अधिकारी एपीसीसी से पीसीसीएफ रैंक पर प्रमोट हुए थे. इसके अलावा सीसीएफ से एपीसीसीएफ पद पर भी प्रमोशन हुए थे. लेकिन इन्हें भी नहीं तैनाती नहीं मिल पाई थी. उधर कई जगहों पर डीएफओ के पद भी स्थायी रूप से नहीं भरे जा सके हैं. वन विभाग को जल्द ही तीन नए आईएफएस भी मिलने जा रहे हैं. दरअसल देहरादून एफआरआई में 24 अप्रैल को आईएफएस अधिकारियों का कन्वोकेशन होने जा रहा है, जिसमें आईएफएस अधिकारियों का बैच पास आउट होगा. इसमें कई राज्य को आईएफएस अधिकारी मिल पाएंगे.

उत्तराखंड को भी तीन आईएफएस मिलने जा रहे हैं. साथ ही ACF का भी नया बैच भी तैनाती का इंतजार कर रहा है. कुल मिलाकर कई पदों पर तैनाती की जानी है और इसके लिए माना जा रहा है कि 4 जून के बाद अंतिम निर्णय लिया जा सकता है. उधर दूसरी तरफ इसी महीने प्रमुख वन संरक्षक हॉफ भी रिटायर होने जा रहे हैं और इस पद के लिए भी डीपीसी की जानी है.

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देहरादून: उत्तराखंड वन विभाग में आचार संहिता हटने के बाद बड़े स्तर पर आईएफएस अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव की सुगबुगाहट है. खबर है कि इस बीच भारत सरकार में कई अधिकारियों ने इनपैनलमेंट के लिए भी आवेदन किया है. जिसमें से दो अधिकारियों को लेकर केंद्र ने शासन को अंतिम निर्णय भेज दिया है. इसमें एक आईएफएस अधिकारी का केंद्र में इम्पैनल का आवेदन स्वीकार किया गया है.

उत्तराखंड में एक बार फिर आईएफएस अधिकारियों के बदलाव से जुड़ी सुगबुगाहट शुरू हो गई है. हालांकि इस बीच केंद्र में जाने का भी कई अधिकारी रास्ता तलाश कर रहे हैं. इसी कड़ी में 1999 बैच के आईएफएस अधिकारी निशांत वर्मा के इनपैनलमेंट के आवेदन को स्वीकार कर लिया गया है. उनका केंद्र में जॉइंट सेक्रेटरी रैंक पर इनपैनलमेंट हो गया है. हालांकि उनके अलावा कुमाऊं के पीके पात्रों ने भी इसके लिए आवेदन किया था जिसे फिलहाल केंद्रीय स्वीकार नहीं किया है.इससे इतर उत्तराखंड में बड़े स्तर पर आईएफएस अधिकारियों की जिम्मेदारी में बदलाव होना है. पिछले दिनों हुए प्रमोशन के बाद कुछ अधिकारियों को नई जिम्मेदारी नहीं मिल पाई थी.

इसमें कुछ अधिकारी एपीसीसी से पीसीसीएफ रैंक पर प्रमोट हुए थे. इसके अलावा सीसीएफ से एपीसीसीएफ पद पर भी प्रमोशन हुए थे. लेकिन इन्हें भी नहीं तैनाती नहीं मिल पाई थी. उधर कई जगहों पर डीएफओ के पद भी स्थायी रूप से नहीं भरे जा सके हैं. वन विभाग को जल्द ही तीन नए आईएफएस भी मिलने जा रहे हैं. दरअसल देहरादून एफआरआई में 24 अप्रैल को आईएफएस अधिकारियों का कन्वोकेशन होने जा रहा है, जिसमें आईएफएस अधिकारियों का बैच पास आउट होगा. इसमें कई राज्य को आईएफएस अधिकारी मिल पाएंगे.

उत्तराखंड को भी तीन आईएफएस मिलने जा रहे हैं. साथ ही ACF का भी नया बैच भी तैनाती का इंतजार कर रहा है. कुल मिलाकर कई पदों पर तैनाती की जानी है और इसके लिए माना जा रहा है कि 4 जून के बाद अंतिम निर्णय लिया जा सकता है. उधर दूसरी तरफ इसी महीने प्रमुख वन संरक्षक हॉफ भी रिटायर होने जा रहे हैं और इस पद के लिए भी डीपीसी की जानी है.

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