ETV Bharat / state

हरिद्वार मेयर के लिए BJP-कांग्रेस के इन नेताओं की दावेदारी, जानें किसका पलड़ा रहेगा भारी - HARIDWAR MAYOR CANDIDATE

हरिद्वार नगर निगम मेयर टिकट के लिए BJP से 15 और कांग्रेस से 7 महिला नेताओं ने दावेदारी की.

HARIDWAR MAYOR CANDIDATE
हरिद्वार मेयर के लिए BJP-कांग्रेस के इन नेताओं की दावेदारी (PHOTO- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 25, 2024, 9:02 PM IST

Updated : Dec 25, 2024, 9:47 PM IST

हरिद्वार (किरणकांत शर्मा): उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही हर जिले में चुनावी माहौल देखा जा सकता है. विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में शायद इतनी चुनावी चकल्लस नहीं होती होगी, जितनी छोटी सरकार के चुनावों की सरगर्मी हर जगह देखी जा रही है. हालांकि, हर जिले के निकायों का अपना-अपना राजनीतिक समीकरण और महत्व है. लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े जिले हरिद्वार के राजनीतिक माहौल ने प्रदेशभर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. यहां टिकट मिलने से लेकर हार जीत के राजनीतिक समीकरण का गणित लोगों की जुबां पर बना हुआ है.

कांग्रेस और भाजपा के तमाम नेता चुनावी मैदान में उतरते हुए टिकट की दावेदरी और जीत का दावा कर रहे हैं. हालांकि दोनों ही पार्टी के जिलाध्यक्षों के ऊपर जिम्मेदारी है कि वह वार्ड मेंबर से लेकर मेयर पद तक के उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल करके शीर्ष नेतृत्व को भेजें. ताकि 5 से 7 दिनों के भीतर यह तय हो जाए कि आखिरकार धर्मनगरी हरिद्वार में भाजपा और कांग्रेस किसको अपना चेहरा बना रही है.

आरक्षण ने बिगाड़ा गणित: हरिद्वार में आरक्षण के बाद राजनीति के समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं. बीते 5 सालों से बीजेपी और कांग्रेस के कई ऐसे नेता हैं जो तन मन धन से जनता को यह दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वह जमीनी स्तर के सबसे बड़े नेता हैं. कई नेताओं ने माहौल बनाते हुए खुद को भावी मेयर कहलाना और सुनना शुरू कर दिया था. लेकिन सामान्य से ओबीसी महिला सीट होने से कई नेताओं को 5 साल के लिए शांत बैठने पर मजबूर कर दिया है.

मोदी लहर में भी जीती कांग्रेस: हरिद्वार नगर निगम सीट के समीकरण की बात करें तो हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में 60 वार्ड हैं. जिसमें से 42 बीजेपी और 18 कांग्रेस के कब्जे में है. कई कांग्रेसी सभासद बीजेपी में गए हैं. लेकिन पिछले 5 साल यहां कांग्रेस का मेयर था. कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ी अनीता शर्मा मोदी लहर के बीच कांग्रेस को जीत दिलाने में कामयाब रही थी. जबकि शहर में भाजपा के वरिष्ठ नेता विधायक मदन कौशिक, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और यतीश्वरानंद जैसे नेता मौजूद हैं.

HARIDWAR MAYOR CANDIDATE
भाजपा से मेयर पद के लिए 15 आवेदन (PHOTO- ETV Bharat)

भाजपा से मेयर पद के लिए 15 आवेदन: भाजपा में मेयर पद के लिए अब तक 15 आवेदन आ चुके हैं. भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल का कहना है कि भाजपा के कामकाज और मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल को देखते हुए हर छोटा बड़ा नेता चुनाव लड़ना चाहता है. भाजपा सरकार द्वारा शहर में किए गए कामों को जनता जानती है. लेकिन नगर निगम में पिछले 5 सालों के कामकाजों से जनता परेशान है. इसलिए इस बार जनता भाजपा प्रत्याशी को ही मेयर सीट पर बैठाएगी.

कांग्रेस के अपने तर्क: वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष अमन गर्ग का कहना है कि मेयर पद के लिए अभी तक 7 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. सभी आवेदन पार्टी मुख्यालय भेज दिए गए हैं. अब पार्टी ही तय करेगी कि आखिरकार हरिद्वार में किसको टिकट दिया जाएगा. हालांकि, पार्टी उनकी लोकप्रियता, पार्टी के प्रति समर्पण और कार्यकर्ताओं से उनका व्यवहार समेत कई पहलुओं को देखकर ही टिकट देगी.

HARIDWAR MAYOR CANDIDATE
कांग्रेस से मेयर पद के लिए 7 आवेदन (PHOTO- ETV Bharat)

उधर कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने दावा किया कि इस चुनाव में भी कांग्रेस की मेयर ही हरिद्वार नगर निगम सीट पर कब्जा करेगी. क्योंकि जिस तरह से हरिद्वार में कॉरिडोर के नाम पर लोगों के अंदर भय पैदा किया जा रहा है और दिनदहाड़े डकैती ने दहशत बढ़ाई है, जनता भाजपा सरकार से खुश नहीं है.

नहीं मिल रहे उम्मीदवार: उत्तराखंड समेत हरिद्वार की राजनीति को बड़ी बारीकी से समझने वाले राजनीतिक जानकार सुनील दत्त पांडे का कहना है इस बार हरिद्वार में आरक्षण की सूची ने चुनावी गर्मी को बहुत हल्का कर दिया है. दोनों ही पार्टियों को अभी तक ऐसी कोई भी ओबीसी महिला उम्मीदवार नहीं मिली है जिस पर भाजपा और कांग्रेस के स्थानीय नेता यह कह सके कि हां हम उनके साथ काम कर चुके हैं या काम करेंगे. एक या दो उम्मीदवार के नाम अगर छोड़ दें तो कोई भी सक्रिय राजनीति में अब तक नहीं है. जिस तरह से एक हफ्ते पहले तक कांग्रेस-बीजेपी के तमाम बड़े दिग्गज चुनावी तैयारी कर रहे थे. उन सभी के अरमानों पर तो पानी फिरा ही. साथ ही पार्षद का चुनाव लड़ने वाले नेताओं के मोरल को बहुत हल्का कर दिया है.

इन उम्मीदवारों पर खेला जा सकता है दांव: सुनील दत्त पांडे का कहना है कि भाजपा से जहां वार्ड नंबर 32 से पूर्व सभासद राजकुमारी और पूर्व सभासद किरण जैसल और आशु चौधरी की पत्नी डोली चौधरी मजबूत उम्मीदवार हैं तो वहीं कांग्रेस से मनोज सैनी की पत्नी शालिनी सैनी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष उपेंद्र कुमार की पत्नी बबीता कुमारी और कांग्रेस नेता वरुण वालियां की मां अमरेश देवी के नाम में कुछ दम दिखाई देता है. बता दें की हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में SC आबादी लगभग 14 प्रतिशत जबकि ST 1 प्रतिशत और OBC 20.90 प्रतिशत है. वहीं सामान्य की आबादी 65.33 प्रतिशत है. हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में प्रमुख धार्मिक स्थल हरकीपैड़ी, मनसा देवी, चंडी देवी है. सफाई व्यवस्था भी यहां एक बड़ा मुद्दा है.

ये भी पढ़ेंः नगर निकाय चुनाव: 28 दिसंबर को प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करेगी कांग्रेस, बैठक में बनी चुनावी रणनीति

ये भी पढ़ेंः आरक्षण से लेकर आंकड़ों तक, एक क्लिक में जानिये उत्तराखंड निकाय चुनाव की डिटेल रिपोर्ट

हरिद्वार (किरणकांत शर्मा): उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही हर जिले में चुनावी माहौल देखा जा सकता है. विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में शायद इतनी चुनावी चकल्लस नहीं होती होगी, जितनी छोटी सरकार के चुनावों की सरगर्मी हर जगह देखी जा रही है. हालांकि, हर जिले के निकायों का अपना-अपना राजनीतिक समीकरण और महत्व है. लेकिन प्रदेश के सबसे बड़े जिले हरिद्वार के राजनीतिक माहौल ने प्रदेशभर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. यहां टिकट मिलने से लेकर हार जीत के राजनीतिक समीकरण का गणित लोगों की जुबां पर बना हुआ है.

कांग्रेस और भाजपा के तमाम नेता चुनावी मैदान में उतरते हुए टिकट की दावेदरी और जीत का दावा कर रहे हैं. हालांकि दोनों ही पार्टी के जिलाध्यक्षों के ऊपर जिम्मेदारी है कि वह वार्ड मेंबर से लेकर मेयर पद तक के उम्मीदवारों की लिस्ट फाइनल करके शीर्ष नेतृत्व को भेजें. ताकि 5 से 7 दिनों के भीतर यह तय हो जाए कि आखिरकार धर्मनगरी हरिद्वार में भाजपा और कांग्रेस किसको अपना चेहरा बना रही है.

आरक्षण ने बिगाड़ा गणित: हरिद्वार में आरक्षण के बाद राजनीति के समीकरण पूरी तरह से बदल गए हैं. बीते 5 सालों से बीजेपी और कांग्रेस के कई ऐसे नेता हैं जो तन मन धन से जनता को यह दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि वह जमीनी स्तर के सबसे बड़े नेता हैं. कई नेताओं ने माहौल बनाते हुए खुद को भावी मेयर कहलाना और सुनना शुरू कर दिया था. लेकिन सामान्य से ओबीसी महिला सीट होने से कई नेताओं को 5 साल के लिए शांत बैठने पर मजबूर कर दिया है.

मोदी लहर में भी जीती कांग्रेस: हरिद्वार नगर निगम सीट के समीकरण की बात करें तो हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में 60 वार्ड हैं. जिसमें से 42 बीजेपी और 18 कांग्रेस के कब्जे में है. कई कांग्रेसी सभासद बीजेपी में गए हैं. लेकिन पिछले 5 साल यहां कांग्रेस का मेयर था. कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़ी अनीता शर्मा मोदी लहर के बीच कांग्रेस को जीत दिलाने में कामयाब रही थी. जबकि शहर में भाजपा के वरिष्ठ नेता विधायक मदन कौशिक, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और यतीश्वरानंद जैसे नेता मौजूद हैं.

HARIDWAR MAYOR CANDIDATE
भाजपा से मेयर पद के लिए 15 आवेदन (PHOTO- ETV Bharat)

भाजपा से मेयर पद के लिए 15 आवेदन: भाजपा में मेयर पद के लिए अब तक 15 आवेदन आ चुके हैं. भाजपा जिलाध्यक्ष संदीप गोयल का कहना है कि भाजपा के कामकाज और मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल को देखते हुए हर छोटा बड़ा नेता चुनाव लड़ना चाहता है. भाजपा सरकार द्वारा शहर में किए गए कामों को जनता जानती है. लेकिन नगर निगम में पिछले 5 सालों के कामकाजों से जनता परेशान है. इसलिए इस बार जनता भाजपा प्रत्याशी को ही मेयर सीट पर बैठाएगी.

कांग्रेस के अपने तर्क: वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष अमन गर्ग का कहना है कि मेयर पद के लिए अभी तक 7 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. सभी आवेदन पार्टी मुख्यालय भेज दिए गए हैं. अब पार्टी ही तय करेगी कि आखिरकार हरिद्वार में किसको टिकट दिया जाएगा. हालांकि, पार्टी उनकी लोकप्रियता, पार्टी के प्रति समर्पण और कार्यकर्ताओं से उनका व्यवहार समेत कई पहलुओं को देखकर ही टिकट देगी.

HARIDWAR MAYOR CANDIDATE
कांग्रेस से मेयर पद के लिए 7 आवेदन (PHOTO- ETV Bharat)

उधर कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने दावा किया कि इस चुनाव में भी कांग्रेस की मेयर ही हरिद्वार नगर निगम सीट पर कब्जा करेगी. क्योंकि जिस तरह से हरिद्वार में कॉरिडोर के नाम पर लोगों के अंदर भय पैदा किया जा रहा है और दिनदहाड़े डकैती ने दहशत बढ़ाई है, जनता भाजपा सरकार से खुश नहीं है.

नहीं मिल रहे उम्मीदवार: उत्तराखंड समेत हरिद्वार की राजनीति को बड़ी बारीकी से समझने वाले राजनीतिक जानकार सुनील दत्त पांडे का कहना है इस बार हरिद्वार में आरक्षण की सूची ने चुनावी गर्मी को बहुत हल्का कर दिया है. दोनों ही पार्टियों को अभी तक ऐसी कोई भी ओबीसी महिला उम्मीदवार नहीं मिली है जिस पर भाजपा और कांग्रेस के स्थानीय नेता यह कह सके कि हां हम उनके साथ काम कर चुके हैं या काम करेंगे. एक या दो उम्मीदवार के नाम अगर छोड़ दें तो कोई भी सक्रिय राजनीति में अब तक नहीं है. जिस तरह से एक हफ्ते पहले तक कांग्रेस-बीजेपी के तमाम बड़े दिग्गज चुनावी तैयारी कर रहे थे. उन सभी के अरमानों पर तो पानी फिरा ही. साथ ही पार्षद का चुनाव लड़ने वाले नेताओं के मोरल को बहुत हल्का कर दिया है.

इन उम्मीदवारों पर खेला जा सकता है दांव: सुनील दत्त पांडे का कहना है कि भाजपा से जहां वार्ड नंबर 32 से पूर्व सभासद राजकुमारी और पूर्व सभासद किरण जैसल और आशु चौधरी की पत्नी डोली चौधरी मजबूत उम्मीदवार हैं तो वहीं कांग्रेस से मनोज सैनी की पत्नी शालिनी सैनी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष उपेंद्र कुमार की पत्नी बबीता कुमारी और कांग्रेस नेता वरुण वालियां की मां अमरेश देवी के नाम में कुछ दम दिखाई देता है. बता दें की हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में SC आबादी लगभग 14 प्रतिशत जबकि ST 1 प्रतिशत और OBC 20.90 प्रतिशत है. वहीं सामान्य की आबादी 65.33 प्रतिशत है. हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में प्रमुख धार्मिक स्थल हरकीपैड़ी, मनसा देवी, चंडी देवी है. सफाई व्यवस्था भी यहां एक बड़ा मुद्दा है.

ये भी पढ़ेंः नगर निकाय चुनाव: 28 दिसंबर को प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करेगी कांग्रेस, बैठक में बनी चुनावी रणनीति

ये भी पढ़ेंः आरक्षण से लेकर आंकड़ों तक, एक क्लिक में जानिये उत्तराखंड निकाय चुनाव की डिटेल रिपोर्ट

Last Updated : Dec 25, 2024, 9:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.