पलामू: जिले के प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी का जोनल कमांडर मनोहर गंझू खुद को मजबूत बनाना चाहता है. मनोहर गंझू लातेहार के बालूमाथ का रहने वाला है और झारखंड सरकार ने उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है.
पुलिस के मुताबिक, माओवादी इस समय कैडर और कमांडर की समस्या से जूझ रहे हैं. बिहार के छकरबंधा और बूढ़ापहाड़ के बीच माओवादियों के रेड कॉरिडोर में कोई बड़ा कमांडर नहीं बचा है. मनोहर इस कॉरिडोर में अपनी ताकत बढ़ाकर सबसे बड़ा कमांडर बनना चाहता है.
यह कॉरिडोर माओवादियों के बिहार झारखंड उत्तर छत्तीसगढ़ कमेटी का हिस्सा है जबकि यह कोयलशंकर जोन और सेंट्रल जोन को जोड़ता है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली है कि मनोहर खुद को मजबूत करना चाहता है. माओवादियों के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं बचा है. मनोहर माओवादियों का बड़ा चेहरा बनना चाहता है. इस रेड कॉरिडोर पर कभी 50 से ज्यादा बड़े कमांडर हुआ करते थे लेकिन आज आधा दर्जन भी नहीं बचे हैं. हाल ही में छोटू खरवार की हत्या के बाद मनोहर बड़ा चेहरा बन गया है.
पलामू रेंज के डीआईजी आईएस रमेश ने बताया कि पुलिस लगातार सभी माओवादियों से सरेंडर करने की अपील कर रही है, अगर वे सरेंडर नहीं करते हैं तो नक्सलियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. मनोहर गंझू हो, मृत्युंजय भुइयां हो या नितेश यादव, सभी के बारे में पुलिस को जानकारी मिल गई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
नक्सली कमांडर की नजर करोड़ों की लेवी पर
बिहार के गया, पलामू, चतरा, लातेहार, गढ़वा का इलाका माओवादियों के इस कॉरिडोर में आता है. पहले इस इलाके से माओवादियों को करोड़ों रुपए मिलते थे. सुरक्षा बलों के इस कॉरिडोर पर कब्जे के बाद माओवादियों को लेवी मिलनी बंद हो गई है. मनोहर की नजर इसी लेवी पर है.
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