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'मन की बात' में फिर रणथम्भौर का जिक्र, पीएम मोदी की बात सुन लोगों ने ली ये शपथ - Mann Ki Baat

PM Modi Mann Ki Baat Program, पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम में एक बार फिर राजस्थान के रणथम्भौर नेशनल पार्क का जिक्र किया. प्रधानमंत्री से कुल्हाड़ी बंद पंचायत अभियान की बात सुनकर आमजन ने जंगल में कुल्हाड़ी नहीं ले जाने और पेड़ नहीं काटने की शपथ ली.

मन की बात कार्यक्रम में रणथम्भौर का जिक्र
मन की बात कार्यक्रम में रणथम्भौर का जिक्र (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 28, 2024, 8:47 PM IST

सवाई माधोपुर का रणथम्भौर (ETV Bharat File Video)

सवाई माधोपुर : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम में रविवार को पीएम ने बाघ संरक्षण और पर्यावरण को लेकर एक बार फिर से सवाई माधोपुर के रणथम्भौर का जिक्र किया. उन्होंने 'कुल्हाड़ी बंद पंचायत' अभियान की बात करते हुए रणथम्भौर से शुरुआत की. प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम को पूरे देशभर की जनता और भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों ने सुना, जिसमें प्रधानमंत्री से कुल्हाड़ी बंद पंचायत अभियान की बात सुनकर आमजन ने जंगल में कुल्हाड़ी नहीं ले जाने और पेड़ नहीं काटने की शपथ ली. साथ ही जंगल में रहने वाले वन्यजीव इस वातावरण में रहकर बेहतर महसूस कर सकें.

पथिक लोक सेवा समिति सचिव मुकेश सीट और मिशन बीट प्लास्टिक अभियान के रूपसिंह मीणा ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल्हाड़ी बंद पंचायत अभियान को लेकर रविवार फिर से रणथम्भौर का जिक्र किया. रणथम्भौर नेशनल पार्क में कार्य कर रही संस्थाओं और एनजीओ के लिए यह गौरव की बात है. मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कुल्हाड़ी बंद पंचायत अभियान से जंगल में जाने वाले लोग अब पेड़ नहीं काटकर पेड़ लगाने की कोशिश करेंगे, जिससे रणथम्भौर को और हराभरा विकसित किया जा सकेगा.

दरअसल, पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में राजस्थान के रणथंभौर से प्रारंभ 'कुल्हाड़ी बंद पंचायत' अभियान का विशेष उल्लेख किया. इस अभिनव पहल के अंतर्गत स्थानीय समुदायों ने स्वेच्छा से यह प्रण लिया है कि वे वनक्षेत्र में कुल्हाड़ी लेकर प्रवेश नहीं करेंगे तथा वृक्षों की कटाई से विरत रहेंगे. इस सार्थक निर्णय के फलस्वरूप क्षेत्र के वन पुनः हरित हो रहे हैं, साथ ही बाघों के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो रहा है.

पढ़ें : रणथम्भौर के बाघों पर संकट, बाघिन T-60 की मौत के बाद सवालों में मॉनिटरिंग

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में दूसरी बार सवाई माधोपुर के रणथम्भौर का नाम लिया है. इसके पहले भी प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम में रणथम्भौर में प्लास्टिक मुक्त बनाने को लेकर काम कर रही संस्था मिशन बीट पलास्टिक अभियान का जिक्र किया था और अभियान में शामिल युवाओं का नाम लेकर तारीफ की थी. रविवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री ने कुल्हाड़ी बंद पंचायत अभियान की शुरुआत रणथम्भौर से की, जिसको लेकर रणथम्भौर में काम कर रहे एनजीओ एवं संस्थाओं और पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर है. सभी संस्थाओं, एनजीओ और पर्यावरण प्रेमियों ने उनका आभार जताया है.

सवाई माधोपुर का रणथम्भौर (ETV Bharat File Video)

सवाई माधोपुर : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात कार्यक्रम में रविवार को पीएम ने बाघ संरक्षण और पर्यावरण को लेकर एक बार फिर से सवाई माधोपुर के रणथम्भौर का जिक्र किया. उन्होंने 'कुल्हाड़ी बंद पंचायत' अभियान की बात करते हुए रणथम्भौर से शुरुआत की. प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम को पूरे देशभर की जनता और भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों ने सुना, जिसमें प्रधानमंत्री से कुल्हाड़ी बंद पंचायत अभियान की बात सुनकर आमजन ने जंगल में कुल्हाड़ी नहीं ले जाने और पेड़ नहीं काटने की शपथ ली. साथ ही जंगल में रहने वाले वन्यजीव इस वातावरण में रहकर बेहतर महसूस कर सकें.

पथिक लोक सेवा समिति सचिव मुकेश सीट और मिशन बीट प्लास्टिक अभियान के रूपसिंह मीणा ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल्हाड़ी बंद पंचायत अभियान को लेकर रविवार फिर से रणथम्भौर का जिक्र किया. रणथम्भौर नेशनल पार्क में कार्य कर रही संस्थाओं और एनजीओ के लिए यह गौरव की बात है. मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कुल्हाड़ी बंद पंचायत अभियान से जंगल में जाने वाले लोग अब पेड़ नहीं काटकर पेड़ लगाने की कोशिश करेंगे, जिससे रणथम्भौर को और हराभरा विकसित किया जा सकेगा.

दरअसल, पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में राजस्थान के रणथंभौर से प्रारंभ 'कुल्हाड़ी बंद पंचायत' अभियान का विशेष उल्लेख किया. इस अभिनव पहल के अंतर्गत स्थानीय समुदायों ने स्वेच्छा से यह प्रण लिया है कि वे वनक्षेत्र में कुल्हाड़ी लेकर प्रवेश नहीं करेंगे तथा वृक्षों की कटाई से विरत रहेंगे. इस सार्थक निर्णय के फलस्वरूप क्षेत्र के वन पुनः हरित हो रहे हैं, साथ ही बाघों के लिए अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो रहा है.

पढ़ें : रणथम्भौर के बाघों पर संकट, बाघिन T-60 की मौत के बाद सवालों में मॉनिटरिंग

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम में दूसरी बार सवाई माधोपुर के रणथम्भौर का नाम लिया है. इसके पहले भी प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम में रणथम्भौर में प्लास्टिक मुक्त बनाने को लेकर काम कर रही संस्था मिशन बीट पलास्टिक अभियान का जिक्र किया था और अभियान में शामिल युवाओं का नाम लेकर तारीफ की थी. रविवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री ने कुल्हाड़ी बंद पंचायत अभियान की शुरुआत रणथम्भौर से की, जिसको लेकर रणथम्भौर में काम कर रहे एनजीओ एवं संस्थाओं और पर्यावरण प्रेमियों में खुशी की लहर है. सभी संस्थाओं, एनजीओ और पर्यावरण प्रेमियों ने उनका आभार जताया है.

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