देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को मंगलौर पुलिस ने हिरासत में लिया. पुलिस ने हरीश रावत को लिब्बारहेड़ी गांव जाने से रोकने की कोशिश की. हरीश रावत लिब्बारहेड़ी गांव में हुई झड़प के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का साथ देने के लिए जा रहे थे. वहां, कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य, करण माहरा सहित कई दिग्गज नेताओं ने लिब्बरहेड़ी कोतवाली में धरना दे रहे थे. इस दौरान हरीश रावत ने कहा धामी सरकार खुलेआम लोकतंत्र की हत्या कर रही है. उन्होंने कहा मंगलौर उपचुनाव में भाजपा कार्यकर्ता गुड़ागर्डी पर उतारू है. इसके बाद भी पुलिस मूकदर्शक बनी है. उन्होंने कहा मंगलौर उपचुनाव में पुलिस प्रशासन मतदाताओं को डराने में लगा है.
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— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) July 10, 2024
बता दें हरिद्वार जिले की मंगलौर विधानसभा सीट के लिब्बरहेड़ी गांव के बूथ नंबर 53-54 पर बसपा और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई. दोनों ओर से जमकर लाठी डंडे चले. इस मारपीट में कई लोग घायल हुए हैं. घटना की जानकारी मिलते ही कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन भी मौके पर पहुंचे. आरोप है कि लिब्बरहेड़ी गांव में कई राउंड फायरिंग की गई. गोली लगने से कई ग्रामीण घायल हुए हैं. इस दौरान कांग्रेस ने इस घटना को लेकर बीजेपी को घेरा. कांग्रेस ने कहा मंगलौर विधानसभा जब शासन प्रशासन सरकार के दबाव में कार्य कर रहा.
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इस घटना के बाद कांग्रेस के सभी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है. इसी कड़ी में कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत भी हिरासत में लिये गये थे. हरीश रावत इस घटना के बाद लिब्बारहेड़ी गांव जा रहे थे. उन्हें रास्ते में ही पुलिस ने रोककर हिरासत में लिया. जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया. जिसके कुछ ही घंटों बाद हरीश रावत को छोड़ दिया गया.