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छिटपुट घटना के साथ संपन्न हुआ मंगलौर उपचुनाव, 68.24 फीसदी पड़े वोट, 13 जुलाई को आएंगे नतीजे - Manglaur Assembly Seat By Election

Manglaur Assembly Seat By Election लिब्बरहेड़ी गांव की छिटपुट घटना के साथ ही मंगलौर विधानसभा उपचुनाव संपन्न हुआ. राज्य निर्वाचन आयोग के मुताबिक मंगलौर में 68.24 प्रतिशत मतदान हुआ. मतदान के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंगलौर क्षेत्र के अलग-अलग बूथों पर पहुंचकर चल रहे मतदान प्रक्रिया का जायजा लेते दिखे.

Manglaur Assembly Seat By Election
छिटपुट घटना के साथ संपन्न हुआ मंगलौर उपचुनाव (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 10, 2024, 10:12 PM IST

रुड़की: हरिद्वार जिले के मंगलौर में आज विधानसभा के उपचुनाव का मतदान हुआ. साथ ही विधानसभा क्षेत्र के सभी 132 बूथों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की पैनी नजर बनी रही. बुजुर्ग, दिव्यांग मतदाताओं के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर अतिरिक्त व्यवस्था की गई. हालांकि, इस दौरान मंगलौर क्षेत्र के एक गांव में दो दलों में मारपीट का मामला भी सामने आया. जिसमें कई लोग घायल भी हुए. वहीं इस मारपीट की पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई और उनके द्वारा कई जगह धरना प्रदर्शन भी किया गया. धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. हालांकि, कुछ देर बाद पुलिस द्वारा उन्हें छोड़ दिया गया.

बुधवार को मंगलौर विधानसभा उपचुनाव के लिए सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान जारी रहा. मतदान के दौरान मंगलौर के लिब्बरहेड़ी गांव में बूथ नंबर 53-54 नंबर पर वोट डालने को लेकर दो दल आपस में भिड़ गए. इसके बाद दोनों दलों में जमकर लाठी डंडे भी चले. इस मारपीट में कई लोग घायल भी हुए. झगड़े की जानकारी पाकर भारी पुलिस बल मौके पर बुलाया गया. वहीं झगड़े की सूचना मिलते ही कांग्रेस के प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन भी मौके पर पहुंच गए और घायलों को अपनी गाड़ी से रुड़की सिविल अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया. वहीं घटना की सूचना मिलते ही बसपा के प्रत्याशी उबेदुर्रहमान भी मौके पर पहुंचे.

दो पक्षों के बीच विवाद की सूचना मिलने पर जिला निर्वाचन अधिकारी और एसएसपी ने तत्काल मौके पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात करने और अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ आवश्यक करवाई के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए. जिला निर्वाचन अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल द्वारा मंगलौर विधान सभा क्षेत्र का दौरा किया गया.

इसके बाद मामले की जानकारी पाकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत, प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य, करण माहरा सहित कई दिग्गज नेता भी मंगलौर पहुंच गए. हरीश रावत ने आरोप लगाया कि खुलेआम लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में भाजपा कार्यकर्ता गुड़ागर्डी पर उतारू हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन मतदाताओं को डराने में जुटा है. वहीं इसी के विरोध में हरीश रावत ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ एसपी देहात कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की.

इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों के समझाने बुझाने के बाद हरीश रावत अपने कार्यर्ताओं को लेकर लिब्बरहेड़ी जाने के लिए रवाना हो गए. जैसे ही ये लोग लिब्बरहेड़ी गंगनहर पुल पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें गांव में जाने से रोक लिया. इसके बाद हरीश रावत सभी कार्यकर्ताओं के साथ गंगनहर पुल पर ही धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की गई. जिसके बाद सभी कांग्रेसी मंगलौर कोतवाली पहुंच गए और वहां पर भी उनके द्वारा नारेबाजी की गई. इस दौरान पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. हालांकि कुछ देर बाद पुलिस द्वारा उन्हें छोड़ दिया गया.

ये भी पढ़ेंः लिब्बेरहेड़ी जा रहे हरीश रावत ने पुलिस ने रोका, हिरासत में लेकर बंदीगृह में बैठाया, घंटों बाद छोड़ा

ये भी पढ़ेंः मंगलौर हिंसा पर भाजपा-कांग्रेस ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप, निर्वाचन आयोग से मिलकर की शिकायत

रुड़की: हरिद्वार जिले के मंगलौर में आज विधानसभा के उपचुनाव का मतदान हुआ. साथ ही विधानसभा क्षेत्र के सभी 132 बूथों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस की पैनी नजर बनी रही. बुजुर्ग, दिव्यांग मतदाताओं के लिए प्रत्येक मतदान केंद्र पर अतिरिक्त व्यवस्था की गई. हालांकि, इस दौरान मंगलौर क्षेत्र के एक गांव में दो दलों में मारपीट का मामला भी सामने आया. जिसमें कई लोग घायल भी हुए. वहीं इस मारपीट की पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई और उनके द्वारा कई जगह धरना प्रदर्शन भी किया गया. धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. हालांकि, कुछ देर बाद पुलिस द्वारा उन्हें छोड़ दिया गया.

बुधवार को मंगलौर विधानसभा उपचुनाव के लिए सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान जारी रहा. मतदान के दौरान मंगलौर के लिब्बरहेड़ी गांव में बूथ नंबर 53-54 नंबर पर वोट डालने को लेकर दो दल आपस में भिड़ गए. इसके बाद दोनों दलों में जमकर लाठी डंडे भी चले. इस मारपीट में कई लोग घायल भी हुए. झगड़े की जानकारी पाकर भारी पुलिस बल मौके पर बुलाया गया. वहीं झगड़े की सूचना मिलते ही कांग्रेस के प्रत्याशी काजी निजामुद्दीन भी मौके पर पहुंच गए और घायलों को अपनी गाड़ी से रुड़की सिविल अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया. वहीं घटना की सूचना मिलते ही बसपा के प्रत्याशी उबेदुर्रहमान भी मौके पर पहुंचे.

दो पक्षों के बीच विवाद की सूचना मिलने पर जिला निर्वाचन अधिकारी और एसएसपी ने तत्काल मौके पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात करने और अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ आवश्यक करवाई के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए. जिला निर्वाचन अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल द्वारा मंगलौर विधान सभा क्षेत्र का दौरा किया गया.

इसके बाद मामले की जानकारी पाकर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता हरीश रावत, प्रीतम सिंह, यशपाल आर्य, करण माहरा सहित कई दिग्गज नेता भी मंगलौर पहुंच गए. हरीश रावत ने आरोप लगाया कि खुलेआम लोकतंत्र की हत्या की जा रही है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव में भाजपा कार्यकर्ता गुड़ागर्डी पर उतारू हैं और पुलिस मूकदर्शक बनी है. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासन मतदाताओं को डराने में जुटा है. वहीं इसी के विरोध में हरीश रावत ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ एसपी देहात कार्यालय पहुंचकर जमकर नारेबाजी की.

इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों के समझाने बुझाने के बाद हरीश रावत अपने कार्यर्ताओं को लेकर लिब्बरहेड़ी जाने के लिए रवाना हो गए. जैसे ही ये लोग लिब्बरहेड़ी गंगनहर पुल पर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें गांव में जाने से रोक लिया. इसके बाद हरीश रावत सभी कार्यकर्ताओं के साथ गंगनहर पुल पर ही धरने पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी की गई. जिसके बाद सभी कांग्रेसी मंगलौर कोतवाली पहुंच गए और वहां पर भी उनके द्वारा नारेबाजी की गई. इस दौरान पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और अन्य कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. हालांकि कुछ देर बाद पुलिस द्वारा उन्हें छोड़ दिया गया.

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