मंदसौर: हर साल की तरह इस साल भी भगवान पशुपतिनाथ महादेव को छप्पन भोग का प्रसाद चढ़ाया गया. सावन महीने के बाद आने वाले भाद्रपद माह यानि भादो महीने के पहले रविवार के दिन भगवान पशुपतिनाथ को हर साल 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है. शाम की आरती के बाद प्रातः कालीन आरती मंडल के सेवादारों ने देसी घी से बने 51 क्विंटल के 56 तरह के पकवानों का भोग भोलेनाथ को चढ़ाया.
रात भर सजे रहेंगे थाल,सुबह बंटेगा प्रसाद
पशुपतिनाथ मंदिर में प्रसाद से भरे थाल गर्भ गृह में रात भर सजे रहेंगें. इसके बाद प्रातः कालीन आरती के बाद प्रसाद का वितरण होगा. प्रसाद बनाने के लिए राजस्थान और रतलाम के 25 कारीगर पिछले एक हफ्ते से जुटे हुए थे. जिन्होंने 51 देसी घी के डिब्बों से 51 क्विंटल के 56 तरह के परंपरागत व्यंजनों को तैयार किया. इन सब के थाल रविवार की शाम भगवान के चरणों मे चढ़ाए गए. 56 भोग के प्रसाद और भगवान के आकर्षक श्रृंगार का दर्शन करने के लिए देर रात तक मंदिर के कपाट खुले रहेंगे और इसके बाद प्रसाद वितरण के लिए सोमवार की सुबह विशेष व्यवस्थाएं भी की जाएगी.
'घर-घर वितरित होगा प्रसाद'
प्रातः कालीन आरती मंडल के अध्यक्ष पंडित दिलीप शर्मा ने बताया कि "सावन महीने के बाद आने वाले भादो महीने के पहले रविवार के दिन भगवान पशुपतिनाथ को हर साल 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है. परंपरानुसार इस साल भी भगवान को देसी घी से बने 56 तरह के पकवानों का भोग चढ़ाया गया है. अच्छी वर्षा के बाद यहां के लोगों में उत्साह का माहौल है. यह प्रसाद अब घर-घर वितरित होगा."