कुल्लू: सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की दीपक और हिमांक परियोजना ने मिलकर 47 दिन के रिकॉर्ड समय में मनाली-लेह सामरिक सड़क मार्ग को बहाल कर दिया है. 427 किलोमीटर लंबा ये रणनीतिक मनाली-लेह राजमार्ग-3 देश की सरहद में बसे लद्दाख को मनाली और केलांग के जरिए शेष भारत से जोड़ता है. बारालाचा और इसके साथ लगते दर्रे में भारी बर्फ होने के कारण बीआरओ ने इस मार्ग को फिलहाल सिंगल लेन ही खोला है.
जल्द डबल लेन तक खुलेगी सड़क
बीआरओ ने दावा किया है कि जल्द ही इस सामरिक मार्ग को डबल लेन तक खोल दिया जाएगा. इस पूरे अभियान में बीआरओ ने दर्जनों बुलडोजर, जेसीबी, लोडर समेत कई आधुनिक मशीनों को तैनात किया था. बीआरओ के सैकड़ों कामगारों और जवानों की फौज ने यहां मुश्किल परिस्थितियों में काम करते हुए रास्ते को खोला है. यह मार्ग सामरिक लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सामरिक मार्ग लद्दाख और कारगिल के सरहदों में तैनात भारतीय सेना के लिए लाइफ लाइन का काम करता है.
सरचू में की सड़क बहाली की घोषणा
हिमाचल और लद्दाख की सरहद सरचू में मंगलवार को बीआरओ के गोल्डन हैंड शेक सेरेमनी में मनाली लेह सामरिक मार्ग के बहाल होने की विधिवत घोषणा की गई. इस मौके पर बीआरओ दीपक परियोजना के मुख्य अभियंता नवीन कुमार विशेष तौर पर मौजूद रहे. उन्होंने मनाली-लेह सामरिक सड़क मार्ग के आधिकारिक तौर पर बहाल होने की घोषणा की.
"बीआरओ ने सड़क खोलने के अपने काम को पूरा कर दिया है. जबकि अब जिला प्रशासन ट्रैफिक को लेकर अंतिम फैसला लेगा. इस पूरे अभियान के दौरान बीआरओ के अधिकारियों और जवानों ने बर्फ के बीच माइनस 20 से 25 डिग्री तापमान में लगातार मैदान में डटकर काम किया." - नवीन कुमार, मुख्य अभियंता, बीआरओ दीपक परियोजना
दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में शुमार
बता दें कि मनाली-लेह रोड 14 से 17 हजार फुट ऊंचे दर्रों से होकर गुजरने वाली दुनिया की सबसे ऊंची सड़कों में शुमार है. यह सड़क भारतीय और विदेशी पर्यटकों के साथ साथ लद्दाखियों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाती है.