बोकारो: जिले में अपराधियों ने अंधाधूध फायरिंग कर एक व्यक्ति की हत्या कर दी. पांच अपराधियों ने करीब एक दर्जन से अधिक राउंड फायरिंग की है. मृतक की पहचान शंकर रवानी के रूप में हुई है. वह भी एक अपराधी किस्म का व्यक्ति था और हत्या के एक मामले में आरोपी भी था. पूरी वारदात गुरुवार की सुबह बोकारो स्टील सिटी के हरला थाना क्षेत्र के सेक्टर 9 हटिया मोड़ भाजपा अल्पसंख्यक जिला कार्यालय के पास अंजाम हुई है. अपराधी एक कार और एक बाइक पर सवार थे. पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गई है. गोलीबारी के बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए. लोगों ने बिरसा चौक को जाम कर दिया है.
हरला थाना के सब इंस्पेक्टर सुरेश यादव ने गोलीबारी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि शंकर रवानी नाम के व्यक्ति को गोली लगी है. उसे अस्पताल भेजा गया है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. वहीं मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शी रामदेव उरांव ने बताया कि शंकर रवानी अपनी स्कॉर्पियो धो रहा था. इसी दौरान चंद्रपुरा की ओर से एक स्विफ्ट डिजायर कार आई और उसमें से दो लोग उतरे और पिस्तौल से शंकर रवानी पर फायरिंग शुरू कर दी. इस दौरान शंकर रवानी जमीन पर गिर गया. जमीन पर गिरने के बाद अपाचे सवार दो अपराधी मौके पर पहुंचे. अपाचे के पीछे बैठे अपराधी ने शंकर रवानी की कनपटी पर पिस्तौल से गोली मार दी और मौके से नया मोड़ की ओर फरार हो गए.
पहले भी शंकर पर चली थी गोली
वहीं लोगों ने बताया कि आठ माह पहले भी शंकर रवानी को बाइक सवार अपराधियों ने गोली मार दी थी, उस समय वह हटिया मोड़ से नया मोड़ जा रहा था. इस दौरान शंकर रवानी के कमर में गोली लगी थी, जिसमें वह बच गया था. लेकिन जिस तरह से अपराधियों ने गुरुवार की सुबह बोकारो पुलिस को चुनौती देते हुए दिनदहाड़े इस गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया है. यह कहना गलत नहीं होगा कि बोकारो शहरी क्षेत्र में अपराधियों में पुलिस का खौफ खत्म हो चुका है. दिनदहाड़े हुई इस गोलीबारी की घटना में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि पूर्व में शंकर रवानी पर हुई गोलीबारी का मामला आज तक सुलझ नहीं पाया है.
जांच में जुटी पुलिस
घटना के बाद सिटी डीएसपी आलोक रंजन और हरला थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गई है. शंकर रवानी को बोकारो जेनरल अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना के पीछे का कारण अभी पता नहीं चल पाया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार शंकर का बोकारो स्टील प्लांट से कोयला ढुलाई और अन्य कार्यों को लेकर लगातार विवाद चल रहा था. वह उस क्षेत्र के लोगों के काम में दखलंदाजी करता था. इस घटना को उसी रंजिश का अंजाम बताया जा रहा है.
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