दौसा. जिले के मेंहदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र में 7 वर्ष पूर्व एक महिला की हत्या के मामले में अपर सेशन न्यायाधीश सिकराय प्रदीप कुमार ने आरोपी पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं मृतका महिला के देवर को मामले में 7 वर्ष कठोर कारावास से दंडित किया है. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 29 गवाह और 15 दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे. जिनको आधार मानकर कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई है.
बता दें कि, दौसा जिले के मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र में 7 वर्ष पूर्व 30 मई, 2017 को सुनसान जगह पर एक महिला का शव मिला था. जिसकी शिनाख्त एडवोकेट सुशीला डागर पत्नी त्रिभुवन डागर पुत्री मदनलाल डागर के रूप में हुई थी.
क्या है पूरा मामला: इस दौरान मृतका महिला के शव के बारे में पुलिस द्वारा उसके परिजनों को सूचित किया गया था. ऐसे में मृतका के भाई भास्कर डागर ने पुलिस को बताया कि उसकी बहन सुशीला डागर 29 मई, 2017 से लापता थी. जिसका शव मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र में मिला. इस दौरान मामले में मृतका के भाई ने अपनी बहन की हत्या का शक अपने बहनोई त्रिभुवन डागर पर जताया था. साथ ही त्रिभुवन डागर और उसके अन्य रिश्तेदारों के खिलाफ बालाजी थाने में मामला दर्ज कराया था. जिसमें मृतका के भाई ने दहेज के लिए बहन की हत्या का आरोप लगाया था.
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आरोपी पति को किया गिरफ्तार: ऐसे में बालाजी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जिसमें मृतका महिला का पति त्रिभुवन जांच के दौरान हत्या का आरोपी निकला. वहीं महिला की हत्या के दौरान आरोपी के भाई वीरेंद्र ने भी आरोपी का साथ दिया था. जिसके चलते मामले की जांच कर रहे तत्कालीन मानपुर पुलिस उपाधीक्षक पूनमचंद विश्नोई ने महिला की हत्या के आरोपी पति त्रिभुवन डागर और आरोपी के भाई वीरेंद्र डागर को गिरफ्तार कर मामले में कोर्ट में चालान पेश किया.
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देवर को 7 साल की सजा: अपर लोक अभियोजक ताराचंद गुर्जर ने बताया कि मामले में एडवोकेट पत्नी की हत्या के मामले में आरोपी पति त्रिभुवन डागर (45) पुत्र रामसागर को कोर्ट ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. साथ ही 25 हजार रुपए के अर्थ दंड से भी दंडित किया गया है. वहीं मृतका महिला के देवर को महिला की हत्या के दौरान आरोपी का सहयोग करने के मामले कोर्ट ने दोषी मानते हुए आरोपी वीरेंद्र डागर (35) पुत्र रामसागर को 7 वर्ष के कठोर कारावास और 3 हजार रुपए के जुर्माने से दंडित किया है.