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5 लोगों को कमरे में बंद कर जिंदा जलाया, कोर्ट ने 4 साल बाद दोषी को दी फांसी - Mainpuri District Court - MAINPURI DISTRICT COURT

मैनपुरी पांच लोगों को जिंदा जलाने वाले हत्यारे को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. दोषी ने कमरे में मिट्टी का तेल डालकर आग लगाकर जघन्य वारदात को अंजाम दिया था.

पांच लोगों के हत्यारे को फांसी.
पांच लोगों के हत्यारे को फांसी. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 13, 2024, 10:30 PM IST

मैनपुरीः सदर कोतवाली क्षेत्र क्षेत्र के एक गांव में 4 वर्ष पूर्व दंपति सहित पांच लोगों को जिंदा जलाने वाले आरोपी को सुनवाई के दौरान दोषी पाए जाने पर जिला जज सुधीर कुमार ने फांसी (मृत्युदंड) की सजा सुनाई है. वहीं, कोर्ट के फैसले का पीड़ित परिवार ने स्वागत करते हुए पुलिस और न्यायपालिका आभार जताया है.

अभियोजन के अनुसार , सदर कोतवाली क्षेत्र के माधौनगर खरपरी गांव में निवासी जगदीश का अपने गांव के ही मुरारी से किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था. 18 जून 2020 को जगदीश का भाई राम बहादुर और उसकी पत्नी सरला देवी उसकी बेटी संध्या, शिखा और उसकी पौत्री ऋषि कमरे के अंदर सो रहे थे. इसी रात मुरारी ने कमरे की बाहर से कुंडी लगा दी. इसके बाद कमरे के अंदर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी. कमरे में आग लगते ही चीख पुकार शुरू हो गई. बचाने के लिए ग्रामीण दौड़े तो मुरारी घटना स्थल से फरार हो गया. आग लगने से जले ऋषि ने मैनपुरी जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया था. बाकी अन्य चार की इलाज के दौरान सैफई में मौत हो गई थी.

जगदीश ने मुरारी के खिलाफ कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने मामले में जांच पड़ताल और विवेचना कर चार्ज सीट कोर्ट में दाखिल की थी. मुकदमे की सुनवाई जिला जज सुधीर कुमार की अदालत में चल रही थी. कोर्ट में मंगलवार को अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचत, चिकित्सक और गवाहों ने मुरारी के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी. डीजीसी की दलीलों और गवाहों की गवाही से मुरारी को जघन्य वारदात को अंजाम देने का दोषी पाया गया. इसके बाद जिला जज सुधीर कुमार ने मुरारी को फांसी की सजा सुनाई है.

इसे भी पढ़ें-हरदोई में 3 वर्ष की बच्ची से रेप में दोषी को फांसी की सजा, पुलिस ने मुठभेड़ के बाद किया था गिरफ्तार

मैनपुरीः सदर कोतवाली क्षेत्र क्षेत्र के एक गांव में 4 वर्ष पूर्व दंपति सहित पांच लोगों को जिंदा जलाने वाले आरोपी को सुनवाई के दौरान दोषी पाए जाने पर जिला जज सुधीर कुमार ने फांसी (मृत्युदंड) की सजा सुनाई है. वहीं, कोर्ट के फैसले का पीड़ित परिवार ने स्वागत करते हुए पुलिस और न्यायपालिका आभार जताया है.

अभियोजन के अनुसार , सदर कोतवाली क्षेत्र के माधौनगर खरपरी गांव में निवासी जगदीश का अपने गांव के ही मुरारी से किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था. 18 जून 2020 को जगदीश का भाई राम बहादुर और उसकी पत्नी सरला देवी उसकी बेटी संध्या, शिखा और उसकी पौत्री ऋषि कमरे के अंदर सो रहे थे. इसी रात मुरारी ने कमरे की बाहर से कुंडी लगा दी. इसके बाद कमरे के अंदर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी. कमरे में आग लगते ही चीख पुकार शुरू हो गई. बचाने के लिए ग्रामीण दौड़े तो मुरारी घटना स्थल से फरार हो गया. आग लगने से जले ऋषि ने मैनपुरी जिला अस्पताल में दम तोड़ दिया था. बाकी अन्य चार की इलाज के दौरान सैफई में मौत हो गई थी.

जगदीश ने मुरारी के खिलाफ कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस ने मामले में जांच पड़ताल और विवेचना कर चार्ज सीट कोर्ट में दाखिल की थी. मुकदमे की सुनवाई जिला जज सुधीर कुमार की अदालत में चल रही थी. कोर्ट में मंगलवार को अभियोजन पक्ष की ओर से वादी, विवेचत, चिकित्सक और गवाहों ने मुरारी के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी. डीजीसी की दलीलों और गवाहों की गवाही से मुरारी को जघन्य वारदात को अंजाम देने का दोषी पाया गया. इसके बाद जिला जज सुधीर कुमार ने मुरारी को फांसी की सजा सुनाई है.

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