मैनपुरीः हत्या के मामले में 23 साल बाद जिला कोर्ट ने 16 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 25-25 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है. 4 फरवरी 2021 को जमीन को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ था. इस दौरान फारिंग में दोनों तरफ से एक-एक लोग की मौत हो गई थी और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. पुलिस ने दोनों पक्षों से 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
एडिशनल डीजीसी क्राइम विश्वजीत सिंह के अनुसार, कुर्ला थाना क्षेत्र गांव मुलुक में 4 फरवरी 2001 को कूड़ा फेंकने को लेकर फेरन सिंह और शोभारण सिंह पक्ष के बीच मारपीट हो गई थी. विवाद बढ़ने के बाद पंचायत बुलाई गई. लेकिन पंचायत के फैसले से पहले ही दोनों पक्षों में गाली-गलौज शुरू कर दी. इसके बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए. दोनों पक्षों की ओर से गोलीबारी हुई एक पक्ष से हेमसिंह की मौत हो गई. वहीं, दूसरे पक्ष से विश्राम सिंह की मौत हो गई. जबकि फेरन सिंह और उनका भतीजा रामवीर सिंह घायल हो गए थे.
फेरन सिंह ने कुर्ला थाने में शोभारण सिंह, नेम सिंह, विनोद कुमार, सुबोध कुमार, लखन सिंह, श्रीनिवास के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. वहीं, विश्राम सिंह की बहन ईश्वरी देवी ने फेरन सिंह, रामबरन, मिली सिंह, अशोक कुमार, मुनेश, सुरेंद्र, रामवीर, नेत्रपाल, रविंद्र, क्षेत्रपाल, नागेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. पुलिस की विवेचना में पता चला कि नेत्रपाल, रविंद्र सिंह और क्षेत्रपाल घटना के समय मौजूद नहीं थे. पुलिस ने उनके नाम मुकदमे से निकाल दिए थे. बाकी बच्चे लोगों के खिलाफ जांच कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी.
एडिशनल डीजीसी विश्वजीत सिंह ने बताया कि मुकदमे की सुनवाई के दौरान गवाहों की गवाही और सबूत के आधार पर न्यायाधीश जयप्रकाश की कोर्ट ने दोनों पक्षों से 16 लोगों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 25-25 हजार का जुर्माना लगाया है. जिसमें शोभारण सिंह पक्ष के 6 और फेरन सिंह के पक्ष के 10 लोग शामिल हैं. सजा पाए 15 दोषियों को जेल भेज दिया गया है. आजीवन कारावास की सजा सुनाई और आर्थिक दंड के साथ जेल भेज दिया. विश्वजीत सिंह बताया कि फेरन सिंह के पक्ष से आरोपी रामबीर सिंह 16 साल से गायब है. कोर्ट ने रामबीर सिंह को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा एक नाबालिग आरोपी की पत्रावली अलग कर दी गई है.