मैहर: मध्य प्रदेश के मैहर जिले के ग्रामीणों ने जो कर दिखाया है, उसकी तारीफ न सिर्फ गांव में बल्कि जिले के दूसरे गांवों में भी हो रही है. आवागमन में हो रही परेशानियों से कारण ग्रामीणों ने ही एक पुल का निर्माण कर दिया. लोगों ने कई बार इसकी शिकायत जिम्मेदार अधिकारियों से की थी, लेकिन किसी ने इनकी सुध नहीं ली. फिर निराश ग्रामीणों को समस्या का समाधान खुद ही निकालना पड़ा. पुल बन जाने से लोगों को आवागमन में भारी राहत मिली है.
पुल नहीं होने से परेशान हैं लोग
पुल बनने के साथ ही इस गांव के लोगों ने जिला प्रशासन के सामने यह उदाहरण पेश किया है कि अगर इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कोई भी काम किया जा सकता है. ये मामला मैहर जिले के रामनगर के करौंदिया गांव का है. कहने के लिए यह गांव नगर परिषद न्यू रामनगर का हिस्सा है, लेकिन एक दशक से नगर परिषद यहां रहने वाले लोगों के लिए एक पुल तक मंजूर नहीं कर सका है. करौंदिया गांव के निवासी नत्थू लाल पटेल ने बताया कि ''करीब डेढ़ सौ जनसंख्या का परिवार इस गांव में रहता है, जिनके स्कूल, कॉलेज, खेती और रोजगार के सभी साधन-सुविधाएं पूरी तरह से बाहरी क्षेत्र पर निर्भर हैं, लेकिन बरसात के दिनों में सड़क की हालात खस्ता हो जाती है. नदी में बाढ़ के कारण बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते. पानी कई फुट ऊपर चलता है. किसान खेतों तक नहीं जा पाते. कुल मिलाकर पुल नहीं होने से सभी का जीवन बेहद दिक्कतों में है.''
ग्रामीणों ने बना दिया बांस का पुल
इसी समस्या से परेशान लोगों ने यहां बांस का पुल बना दिया है. कई बार ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को इस बारे में उचित कदम उठाने के लिए आवेदन दिया है, लेकिन उन्हें हर बार केवल आश्वासन मिला है. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दिनों जिला कलेक्टर ने भी 7 दिन के अंदर रास्ता और पुल की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कुछ भी नहीं हुआ. करौंदिया गांव के निवासी भूरेलाल पटेल ने बताया कि ''गांव के सभी लोगों ने मिलकर पहले बांस इकठ्ठे किए. इसके बाद पुल को खड़ा करने में लगभग 11 दिन लग गए. जिसमें करीब 11 हजार खर्च हुए हैं. यह पुल वैकल्पिक रुप से बना है. नीचे से नदी बह रही है. ऐसे में इसका बेस सही तरीके से नहीं बना है. एक बार में दो से तीन लोगों के गुजरने पर टूटने का खतरा रहता है. ऐसे में बारी-बारी से लोग पुल पार कर रहे हैं. बच्चों को भी क्रमवार पुल पार कराया जाता है.''
ये भी पढ़ें: गांव में जाने का नहीं था रास्ता, सीधी के ग्रामीणों ने जुगाड़ से बना डाला देसी पुल हे सरकार! पुल बनवा दो, हरदा से सटे 12 गांवों के लोग नदी तैरकर पहुंचते हैं दूसरे पार |
खतरे से खाली नहीं है ये पुल
ग्रामीणों ने जुगाड़ से पुल तो बना लिया है, लेकिन यह खतरे से खाली नहीं है. ग्रामीणों को इस पुल की बहुत जरूरत थी. इस मामले को लेकर रामनगर एसडीएम आरती सिंह ने बताया कि, ''करौंदिया गांव की समस्या को लेकर मैंने रामनगर सीएमओ से बात की है. उन्होंने बताया कि बजट को लेकर समस्या बनी हुई है. बजट डिमांड़ के लिए पत्र लिखा गया है. जल्द ही इस समस्या का समाधान कर दिया जाएगा.''