पटना: बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा है कि बिहार में आरक्षण के कोटा को बढ़ाने का काम अगर किसी ने किया तो वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने किया है. सर्वसम्मति से आरक्षण के कोटा को बढ़ाने का निर्णय बिहार में लिया गया था और हम लोग अभी भी चाहते हैं कि बढ़े हुए आरक्षण के कोटा की जो बात है, उसे केंद्र सरकार नौवीं अनुसूची में शामिल करें.
क्रीमी लेयर को लेकर क्या बोले महेश्वर हजारी: महेश्वर हजारी ने कहा कि इसको लेकर जनता दल यूनाइटेड प्रयास भी कर रही है. इस मामले को लेकर तेजस्वी यादव कुछ भी बोले लेकिन सच्चाई यही है कि बिहार में जातीय गणना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करवाया था. आरक्षण का कोटा भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा ही बढ़ाया गया था. यह बात बिहार की जनता भी जानती है. वहीं महेश्वर हजारी ने एससी एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत करार दिया है.
"इस तरह का फैसला एससी एसटी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया है, उससे अनुसूचित जाति के बीच भेदभाव की भावना बढ़ेगी. सुप्रीम कोर्ट सबसे पहले अपने यहां से शुरुआत करे और जज की बहाली में ही कोटा के अंदर कोटे की व्यवस्था पहले करें. उसके बाद दूसरे आरक्षण को लेकर अपनी राय या अपना फैसला दें."- महेश्वर हजारी, मंत्री, बिहार सरकार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाराजगी!: जब उनसे सवाल किया गया कि जीतन राम मांझी और चिराग पासवान एससी एसटी आरक्षण के मुद्दे पर अलग-अलग राय रखते हैं तो उन्होंने कहा कि कोई कुछ भी कहे लेकिन हमारा यह व्यक्तिगत राय है कि एससी एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर किसी भी स्थिति में लागू नहीं होना चाहिए. कोटे के अंदर कोटे की बात जो सुप्रीम कोर्ट ने की है वह कहीं से भी हमें उचित नहीं लग रहा है.
परिवारवाद के आरोपों पर महेश्वर हजारी का बयान: जब उनसे सवाल किया गया कि विपक्ष के लोग परिवारवाद को लेकर जनता दल यूनाइटेड पर कई तरह की बातें करते हैं तो उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात नहीं है. राजनीति हो या कोई अन्य क्षेत्र सब चाहता है कि अपने परिवार के लोगों की भागीदारी उसमें बढ़े और हम लोगों ने भी ऐसा किया है. जो आदमी राजनीति में रुचि रखता है वही राजनीति में भाग लेता है और राजनीतिज्ञ भी बनता है.
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