जोधपुर: शहर के प्रतापनगर सदर थाना क्षेत्र के रहने वाले 25 वर्षीय महेंद्र राठौड़ का शव आखिरकार शनिवार को कांगो से जोधपुर पहुंच गया. उसकी आज ही अंत्येष्टि होगी. शव लेने के लिए परिजन एयरपोर्ट पहुंचे तो उनकी आंखें भर आई. महेंद्र की मृत्यु 17 अक्टूबर को कांगो के अस्पताल में हो गई थी. उसके बाद से परिजन परेशान थे. उन्होंने विदेश मंत्रालय और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से इसके लिए संपर्क किया था. शेखावत के दखल के बाद शव कल मुंबई पहुंचा. उसे शनिवार को एयर इंडिया की फ्लाइट से जोधपुर लाया गया.
तीन साल के वर्क एग्रीमेंट पर गया था कांगो: इंदिरा कॉलोनी निवासी रमेश राठौड़ का पुत्र 25 वर्षीय महेंद्र कुमार राठौड़ गत वर्ष अकाउंटेंट की जॉब के लिए अफ्रीकन देश कांगो गया था. महेंद्र का तीन साल का वर्क एग्रीमेंट था. उसके पिता ने बताया कि उनकी महेंद्र से लगातार बात होती रहती थी, लेकिन कुछ दिनों पहले ही पता चला कि उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
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उन्होंने बताया कि इस दौरान एक बार महेंद्र से बात हुई तो उसने बताया कि उसके अपेंडिक्स की नस पेट में फट गई. उसके भाई मनीष और पिता ने बताया कि एक बार वीडियो कॉल से बात हुई तो वह आईसीयू में था और उसके ऑक्सीजन चल रही थी. आगामी 17 नवम्बर को उसको छुट्टी मिलनी थी, लेकिन अचानक उसकी मौत की जानकारी मिली. साइलेंट अटैक के चलते उसकी मृत्यु होने की बात सामने आई.
पहले कहा, शव भिजवा देंगे, बाद में बहाना बनाया: भाई मनीष राठौड़ ने बताया कि पहले मौत के बाद कंपनी के मालिक ने कहा कि वह शव भेजने में उनकी पूरी मदद करेगा, लेकिन बाद में कहा कि इसमें खर्चा बहुत ज्यादा होगा. वहां पर मंकी पॉक्स फैला हुआ है. ऐसे में शव भेजने में कम से कम 1 माह का समय लग सकता है. हम यहां पर अंतिम संस्कार करवा देते हैं और परिजनों को वीडियो कॉलिंग से दिखा देंगे, लेकिन परिजन नहीं माने. उन्होंने स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय मंत्री से संपर्क कर शव जल्द मंगवाने का आग्रह किया. इसके बाद शव जोधपुर पहुंचा.