बांसवाड़ा. बांसवाड़ा डूंगरपुर लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की नब्ज टटोलने के लिए गुरुवार को पहुंचे पर्यवेक्षक रामलाल ने जिले के पदाधिकारियों व कार्यकर्ता संग बैठक की. इस दौरान दोनों जिलों के आठ विधानसभा क्षेत्रों से पहुंचे पार्टी पदाधिकारियों ने सीडब्ल्यूसी मेंबर महेंद्रजीत सिंह मालवीय को प्रत्याशी बनाने की बात कही. वहीं, बैठक के दौरान मालवीया ने कहा कि न तो वो चुनाव लड़ेंगे और न ही उनके परिवार से कोई नामांकन दाखिल करेगा.
दरअसल, बांसवाड़ा में विधानसभा की कुल 5 सीटें हैं. इसमें बांसवाड़ा, घाटोल, कुशलगढ़ और बागीदौरा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है, जबकि डूंगरपुर में तीन सीट हैं. इसमें से एक पर कांग्रेस का कब्जा है. ऐसे में इस लोकसभा सीट को कांग्रेस के लिए बेहद अहम माना जा रहा है. पार्टी की ओर से तमाम कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बात करने के लिए रामलाल को पर्यवेक्षक बनाकर बांसवाड़ा डूंगरपुर भेजा गया. पहले दिन उन्होंने डूंगरपुर पहुंचकर वहां के कार्यकर्ताओं से बातचीत की और फीडबैक लिया. इसके बाद गुरुवार को उन्होंने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों संग दोबारा बैठक की. इसमें सभी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री व सीडब्ल्यूसी मेंबर महेंद्रजीत सिंह मालवीय को इस सीट से प्रत्याशी बनाने की इच्छा प्रकट की.
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मालवीय नहीं लड़ेंगे चुनाव : बैठक को संबोधित करते हुए महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि वे स्वयं तो चुनाव लड़ेंगे, न ही उनके परिवार का कोई सदस्य लोकसभा का चुनाव लड़ेगा. इससे पूर्व उनकी पत्नी रेशम मालवीय एक बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुकी है, जो हार गई थी. फिलहाल वे बांसवाड़ा जिला प्रमुख हैं. ऐसे में इस बार एक बार फिर से रेशम मालवीय को प्रमुख दावेदार माना जा रहा था, लेकिन महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने साफ कर दिया कि न तो वो चुनाव लड़ेंगे और न ही उनके परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़ेगा.
परंपरा अनुसार बांसवाड़ा का नंबर : बरसों से बांसवाड़ा डूंगरपुर दोनों जिलों में कांग्रेस की एक परंपरा रही है. एक लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी होता है तो अगले लोकसभा चुनाव में डूंगरपुर से आता है. यहां दोनों जिलों को मिलाकर के एक लोकसभा सीट है. गत वर्ष डूंगरपुर के ताराचंद भगोरा ने चुनाव लड़ा था. ऐसे में इस बार बांसवाड़ा की बारी है. हालांकि, महेंद्रजीत सिंह मालवीय पूर्व में सांसद रह चुके हैं, जबकि उनकी पत्नी चुनाव हार गई थीं.