मसौढ़ी: राजधानी पटना के मसौढ़ी में विश्व कल्याण शांति को लेकर महायज्ञ किया जा रहा है. साथ ही राधे महोत्सव का आयोजन भी किया गया है. इस नौ दिवसीय कार्यक्रम की धूम पूरे प्रखंड में दिखने लगी है. चारो तरफ राधे-राधे के नारे गूंज रहे हैं.
राधे-राधे बोलने से मिलता मोक्ष: इस बीच श्रद्धालुओं ने बातचीत के दौरान कहा कि राधे-राधे बोलने से मोक्ष का मार्ग खुलता है. व्यक्ति को स्वर्गलोक में स्थान प्राप्त होता है. हर व्यक्ति श्री कृष्ण की कृपादृष्टि का भागी बनता है. उन्होंने कहा कि राधे-राधे बोलने से बुरी भावनाओं का अंत होता है. जिससे मन को शांति मिलती है.
बड़ी संख्या में शामिल हुए भक्त: श्रद्धालुओं ने कहा कि राधे-राधे कहने से व्यक्ति सत्कार का चयन करता है और यमराज का भय भी उसे नहीं सताता है. बता दें कि महोत्सव में बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए और उत्साह पूर्वक भजन कीर्तन करते नजर आए. सभी धार्मिक अनुष्ठान से मंदिर परिसर में हरे कृष्ण-हरे कृष्ण और राधे-राधे करते दिखे.
नौ दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन: दरअसल, नौ दिवसीय कार्यक्रम के दौरान अयोध्या से आए श्री रामानंदचार्य का प्रवचन होने वाला है. इसके उप्लक्ष में प्रखंड में राधा महोत्सव मनाया जा रहा है. इस दौरान मसौढ़ी के कर्पूरी चौक स्थित शिव शंकर मोहल्ले में राधा कृष्ण की प्रतिमा बिठाकर महोत्सव मनाया जा रहा है.
"धर्मशास्त्र के अनुसार राधे-राधे बोलने वाले व्यक्ति को भगवान शिव, गरुड़ देव, इंद्रदेव और नाग देवता आजीवन रक्षा करते हैं. इसके अलावा राधा-राधे बोलने से न केवल सिर्फ राधा रानी का आशीर्वाद मिलता है बल्कि मनुष्य के ऊपर श्री कृष्ण की कृपा बनी रहती है. उसे समस्त भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है." - आचार्य रामानंदचार्य, कथा प्रवाचक
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