पटनाः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 75वीं पूण्यतिथि मनायी गई. मसौढ़ी गांधी मैदान में संकल्प सभा का आयोजन किया गया. मसौढ़ी के धनरूआ व कई इलाकों के लोग इसमें शामिल हुए. संकल्प सभा में वक्ताओं ने कहा कि आज स्कूल के बच्चों के पाठ्यक्रम में महात्मा गांधी की आत्मकथा या उनके विचार और दर्शन शामिल किया जाना चाहिए ताकि नई युवा पीढ़ी को महात्मा गांधी के दर्शन और उनके विचारों को जानने का मौका मिले.
स्वच्छता के संदेश को लोगों तक पहुंचाएंः वक्ताओं ने कहा कि आज के दिन हमसब को संकल्प लेना चाहिए कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार और दर्शन को आत्मसात करें. कहा कि गांधी जी ने स्वच्छता को अपनाने के लिए कहा था. इस संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है. कार्यक्रम अध्यक्ष चंदेश्वर प्रसाद ने कहा कि गांधी जी जब दांडी यात्रा पर निकले थे तो उनके साथ 78 व्यक्ति थे. दांडी पहुंचते ही उनका काफिला 8 किलोमीटर लंबा हो गया था.
महात्मा गांधी के रास्ते में चलने का संकल्पः पूर्व प्रमुख रमाकांत रंजन किशोर ने बताया कि गांधी जी ने सांप्रदायिक दंगों को रोकने के लिए 6 दिन का अनशन किया था. उस अनशन से दंगे तो रुक गए लेकिन वे अपनी मृत्यु को नहीं रोक सके. उमेश शर्मा ने कहा कि बापू की शहादत को याद करते हुए सभी लोग उनके आदर्शों को पूरा करने, लोकतंत्र व संविधान की रक्षा करने व महात्मा गांधी के दिखाएं गए रास्ते पर चलने का संकल्प लें.
'महात्मा गांधी की आत्मकथा पाठ्यक्रम शामिल हो': वक्ताओं ने कहा कि देश जब आजाद हुआ था तो तीसरे सप्ताह में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी मसौढ़ी पहुंचे थे. गांधी मैदान में सभा करने के बाद नूर में हुए दंगे को शांत करने गए थे. मसौढ़ी वासियों ने महात्मा गांधी के नाम पर पुस्तकालय बनवाने के साथ साथ महात्मा गांधी की आत्मकथा का पाठ्यक्रम में शामिल कराने की मांग की.
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