सराज: मंडी जिले के सराज क्षेत्र के छतरी में विराजमान देव मगरू महादेव और देव नाग चपलादूं अपने देवलुओं और कारकूनों के साथ सोमवार को मंडी महाशिवरात्रि महोत्सव के लिए रवाना हो गए हैं. मंगलवार को देव मगरू महादेव और देव चपलादूं नाग दोपहर बाद थुनाग में पहुंचे. जहां लोगों ने देवताओं का जमकर स्वागत किया और देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त किया.
150 KM का सफर तय कर पहुंचेंगे छोटी काशी
इस दौरान देव मगरू महादेव और देव नाग चपलादूं 150 किलोमीटर पैदल यात्रा कर महाशिवरात्रि महोत्सव से एक दिन पहले छोटी काशी पहुंचेंगे. सोमवार को देव मगरू महादेव सैकड़ों देवलुओं, बजंतरियों के साथ जिला मुख्यालय के लिए रवाना हुए हैं. मान्यता के अनुसार देव मगरू महादेव को शिव स्वरूप माना जाता है. देव मगरू महादेव का शिवरात्रि मेले में विशेष महत्व है.
कहां-कहां करेंगे रात्रि ठहराव
देवता कमेटी के अध्यक्ष ओमचंद ने बताया कि सोमवार को सैकड़ों देवलूओं संग देवता सुबह करीब सवा 11 बजे अपने मूल मंदिर छतरी से रवाना हुए. ओमचंद ने बताया कि देव यात्रा के पहले दिन देवता का जंजैहली के बायला गांव में ठहराव हुआ. दूसरा पड़ाव मंगलवार को कुराणी बगस्याड में रहा. वहीं, बुधवार को मौवीसेरी हेडली और वीरवार को बैहना बल्ह में होगा.
मेले की पहली जलेब में शामिल होंगे देवता
देवता कमेटी के अध्यक्ष ओमचंद ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन सुबह सवा 11 बजे देवता मंडी पहुंचेंगे और मेले की पहली जलेब में शामिल होंगे. मेले के शुभारंभ पर मगरू महादेव राज दरबार के प्रमुख देवता में शुमार हैं. मंडी और कुल्लू जिले की सीमा पर छतरी में स्थित देव मगरू महादेव का मंडी जनपद में विशेष स्थान है.
मगरू महादेव का देव माधोराय के समान रुतबा
लोक मान्यताओं के अनुसार मंडी के राजा के कार्यकाल में मगरू महादेव का रुतबा देव माधोराय के समान था. कहा जाता है कि महाशिवरात्रि पर राज देवता माधोराय के साथ मगरू महादेव का चित्र भी साथ चस्पा होता था. शहर में पहुंचते ही राज परिवार के सदस्य मगरू महादेव का भव्य स्वागत करते थे. राजबेहड़े में देवता का रात्रि ठहराव होता था. इस दौरान दुर्लभ जड़ी बूटियों का हवन किया जाता था. वह एकमात्र ऐसे इकलौते देवता हैं, जो 150 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी पैदल तय कर छोटी काशी पहुंचते हैं. मगरू महादेव ही मंडी के महाशिवरात्रि मेले में साईं लगाते हैं, जिसे चंदों भी कहा जाता है. सैकड़ों वर्षों बाद भी देवता का महाशिवरात्रि में पहले वाला रुतबा कायम है.
शिवरात्रि महोत्सव में देव मगरू महादेव की प्रमुख भूमिका
छतरी के अरुण वर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि पर्व की परंपरा को निभाने के लिए देव मगरू महादेव भी प्रमुख भूमिका निभाते हैं. 2019 में देवता मंडी महाशिवरात्रि में नहीं आए थे. पिछले वर्ष देवता के मूल स्थान पर एक महायज्ञ करवाया गया था. इसके कारण देवता महाशिवरात्रि महोत्सव में शामिल नहीं हो पाए थे, लेकिन इस बार देवता महाशिवरात्री महोत्सव के लिए अपने स्थान से रवाना हो गए हैं और मेले की पहली जलेब में शामिल होंगे.
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