जयपुर. मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की 484वीं जयंती रविवार को देशभर में उत्साह और उल्लास के साथ मनाई गई. इस मौके पर राजधानी जयपुर में महाराणा प्रताप की प्रतिमा का दूध व अन्य द्रव्यों से अभिषेक किया गया. इसके साथ ही शोभायात्रा और वाहन रैली भी निकाली गई. लोगों ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा और वाहन रैली का स्वागत किया. इसके बाद समाज के प्रतिभावान विद्यार्थियों को सम्मानित भी किया गया. उदयपुर में प्रताप की प्रतिमा को 484 लड्डुओं का भोग लगाया गया.
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप संस्था, झोटवाड़ा, जयपुर के प्रदेश मीडिया संयोजक शेर सिंह सिंगोद ने बताया कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती पर प्रदेशभर में भी विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया. राजधानी जयपुर में भी संस्था की ओर से महाराणा प्रताप की जयंती पर समारोह आयोजित किया गया.
महाराणा प्रताप के चित्र की पूजा: उन्होंने बताया कि कालवाड़ रोड पर महाराणा प्रताप के चित्र की पूजा अर्चना की गई. लोगों ने महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया और उनके जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया. इस दौरान सर्व समाज के लोगों ने महाराणा प्रताप के जयकारे लगाए. इसके बाद भव्य शोभायात्रा और वाहन रैली भी निकाली गई. कालवाड़ रोड से शुरू हुई वाहन रैली झोटवाड़ा, चांद बिहारी नगर, चांद बिहरी नगर, जसवंत नगर होते हुए खातीपुरा मोड़ पहुंची. लोगों ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया.
विधायक ने भी अर्पित किए पुष्प: जयपुर की हवामहल सीट से विधायक बाल मुकुंदाचार्य भी शोभायात्रा में पहुंचे. उन्होंने महाराणा प्रताप के चित्र पर पुष्प अर्पित किए. उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप का त्याग और बलिदान आज भी हमारे लिए प्रेरणा पुंज है. उन्होंने घास की रोटी खाना और भूखे रहना स्वीकार किया, लेकिन अधीनता स्वीकार नहीं की. महाराणा प्रताप और वीर शिवाजी जैसे महापुरुषों के जीवन से उन्होंने युवाओं को प्रेरणा लेने का आह्वान किया.
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समाज की प्रतिभाओं का किया सम्मान: महाराणा प्रताप जयंती के मौके पर वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप संस्था की ओर से प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया. जिसमें समाज की प्रतिभाओं का सम्मान किया गया. बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने वाले और खेलकूद प्रतियोगिताएं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले युवाओं का भी सम्मान किया गया. समाज सेवा के क्षेत्र में काम करने वालों को भी इस मौके पर सम्मानित किया गया.
उदयपुर में प्रताप को लगाया 484 किग्रा लड्डू का भोग: उदयपुर में महाराणा प्रताप के वंशज डॉ लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने महाराणा प्रताप की 484वीं जयंती पर ज्येष्ठ शुल्क तृतीया रविवार को महाराणा प्रताप स्मारक समिति मोती मगरी पर प्रतापी प्रताप की चेतकारूड प्रतिमा की विशेष पूजा-अर्चना की. समिति अध्यक्ष डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने वेदपाठी ब्राह्मणों के दल के वेद मंत्रों से महाराणा प्रताप की चेतकारूड़ प्रतिमा का विधिवत पूजन कर हवनकुंड में आहुतियां प्रदान की. प्रतापी प्रताप को 484 किग्रा लड्डू का भोग धराया.
इस अवसर पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि महाराणा प्रताप ने भारतीय सनातन धर्म, संस्कृति और देश की अस्मिता की विजय पताका को फहराने के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया. यह प्रतापी प्रेरणा प्रत्येक भारतवासी को सनातन धर्म, संस्कृति और भारत माता की अस्मिता के संरक्षण-संवर्धन के लिए हमेशा तत्पर रहने के लिए प्रेरित करती है. प्रताप के अदम्य साहस, शौर्य, पराक्रम, त्याग और बलिदान भावी पीढ़ी को हर कठिन परिस्थिति से मुकाबला करने की प्रेरणा प्रदान करते हैं. महाराणा प्रताप का जीवन आदर्श जीवन मूल्यों और नैतिक कर्तव्यों की जीवंत पाठशाला है. युवा पीढ़ी को महाराणा प्रताप के आदर्श जीवन मूल्यों और नैतिक कर्तव्यों को आत्मसात करना होगा.
महाराणा प्रताप स्मारक समिति के सचिव सतीश कुमार शर्मा ने बताया कि सोमवार को सुबह 8 से शाम 6 बजे तक महाराणा प्रताप स्मारक समिति मोती मगरी पर हजारों मेवाड़वासियों और देसी-विदेशी पर्यटकों का निशुल्क प्रवेश रहा, जिन्होंने महाराणा प्रताप को पुष्पांजलि अर्पित की. इससे पहले पुलिस बैंड, आर्मी बैंड, बोहरा बैंड, सिटी पैलेस बैंड, महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल बैंड की स्वर लहरियों से स्मारक गूंज उठा. भारतीय सेना की अनूठी शस्त्र प्रदर्शनी देखने को मिली.